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Missing US Soldiers: US Latest News | DNA News- तकनीक से समुद्र में लापता अमेरिकी सैनिकों की खोज


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साइपन के समुद्र में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान डूबा अमेरिकी विमान मिला है. वैज्ञानिक अब eDNA तकनीक से उस इलाके में मौजूद डीएनए के अंशों के जरिए गुमशुदा सैनिकों की पहचान की कोशिश कर रहे हैं. समुद्र में अमेरिका के हजारों सैनिक आज तक गुमशुदा हैं.

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एक अनुमान है कि दूसरे विश्व युद्ध से लेकर बाद की लड़ाइयों तक 40,000 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक समुद्र में लापता हैं. उनकी कब्रें अक्सर जहाजों या लड़ाकू विमानों के मलबे के आसपास ही मानी जाती हैं. अब अमेरिकी वैज्ञानिक और रक्षा एजेंसी डिफेंस POW/MIA अकाउंटिंग एजेंसी (DPAA)मिलकर एक नई रिसर्च कर रही है, ताकि इन खोए हुए सैनिकों के अवशेषों का पता लगाया जा सके. इस कोशिश के केंद्र में एनवायरमेंटल DNA (eDNA) है. इस तकनीक में पानी और तलछट में बिखरे सूक्ष्म डीएनए कणों को पकड़कर यह तय किया जाएगा, क्या वहां कभी मानव अवशेष मौजूद रहे हैं या नहीं.

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक DPAA के चीफ ऑफ इनोवेशन जेसी स्टीफन कहते हैं, ‘समुद्र के नीचे की जांच बेहद मुश्किल होती है, क्योंकि अक्सर अवशेष बिखर जाते हैं. इसलिए हमने eDNA को एक जैविक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने का फैसला किया.’ उनका कहना है कि पारंपरिक समंदर के तल की खुदाई महंगी, धीमी और बार-बार निष्फल रहती है. इसलिए eDNA को एक नया ‘बायोलॉजिकल स्काउट’ माना जा रहा है. इस पूरी रिसर्च में सबसे पहले साइपन के बंदरगाह की गहराइयों में मौजूद एक विमान का इस्तेमाल हुआ है. इटली और लेक ह्यूरॉन (अमेरिका-कनाडा) के 12 जहाजों और विमानों से पानी और तलछट के नमूने इकट्ठे किए.

समुद्र में क्रैश हुआ प्लेन

एक पुराना अमेरिकी विमान ग्रुम्मन टीबीएफ एवेंजर साइपन के समुद्र में है. ये अब मूंगे की चट्टानों में घिर चुका है. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1944 की बैटल ऑफ साइपन में यह विमान गिरा था. उस वक्त तीन सैनिक सवार थे, जिनमें से दो के अवशेष आज तक नहीं मिले. वैज्ञानिकों ने इसी और अन्य मलबों से पानी और तलछट के नमूने इकट्ठे किए और उन्हें विश्लेषण के लिए लैब भेजा.

वुड्स होल ओशिएनोग्राफिक इंस्टीट्यूशन की समुद्री जीवविज्ञानी किर्स्टिन मेयर-काइजर इस पहल में शामिल हैं. उनका कहना है, ‘किसी पशु या पौधे या मानव अवशेष को भौतिक रूप से एकत्रित किए बिना, आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि वहां कुछ है या नहीं. पानी में बह रहे नमूनों से ही हम पता लगा सकते हैं.’ अब इसे गुमशुदा सैनिकों की पहचान में उपयोग किया जा रहा है.

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Yogendra Mishra

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें

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