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Explainer: अमेरिका कोई 1-2 नहीं बल्कि भारतीयों को देता है इतने तरह के वीजा, क्या हैं ये



हाइलाइट्स

डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी के मंत्री होंगे एलन मस्‍क उन्हें सरकारी खर्च में कटौती करने की बड़ी जिम्‍मेदारी सौंपी गई हैमस्‍क ने एच-1बी वीजा पॉलिसी को खामियों से भरा करार दिया

Elon Musk on H1B Visa: बस 18 दिन और, 20 जनवरी को अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार सत्ता में आ जाएगी. इस सरकार में टेस्‍ला कंपनी और सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स के मालिक एलन मस्‍क डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी के मंत्री होंगे. एलन मस्‍क और भारतीय मूल के विवेक रामास्‍वामी को अमेरिका में बनने वाली नई सरकार में सरकारी खर्च में कटौती करने की बड़ी जिम्‍मेदारी सौंपी गई है. लेकिन सत्ता में आने से पहले ही एलन मस्क ने काम की तलाश में अमेरिका पहुंचने वाले भारतीयों को डरा दिया है. दरअसल, एलन मस्‍क ने एच-1बी वीजा पॉलिसी को खामियों से भरा करार दिया. दुनिया भर के लोग इसी वीजा पर अमेरिका में काम करने के लिए पहुंचते हैं. 

एलन मस्‍क ने एच-1बी वीजा सिस्‍टम को टूटा हुआ करार दिया. उनका मानना है कि इस सिस्‍टम में बड़े सुधार की जरूरत है. खास बात यह है कि कुछ दिनों पहले उन्होंने इस सिस्‍टम को बचाने की कसम खाई थी. अब वो इसमें खामियां ढूढ़ते नजर आ रहे हैं. एलन मस्‍क ने एक्स पर अपने पोस्ट में एक यूजर के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मैं बहुत स्पष्ट हूं. यह सिस्‍टम टूटा हुआ है और इसमें बड़े सुधार की जरूरत है. यूजर ने लिखा था कि अमेरिका को दुनिया के प्रतिभावान लोगों का सेंटर बनने की जरूरत है.

भारतीयों पर क्‍या पड़ेगा असर?
अब सवाल यह उठता है कि एलन मस्क के इस रुख से भारतीयों पर क्‍या असर पड़ेगा. दरअसल, एलन मस्‍क ने कहा कि वीजा प्राप्त करने के लिए न्यूनतम वेतन के क्राइटेरिया को बढ़ाया जाना चाहिए ताकि जॉब देने वालों के लिए घरेलू लोगों की तुलना में विदेशियों को काम पर रखना अधिक महंगा हो जाए. एलन मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा, “न्यूनतम वेतन में जरूरी वृद्धि करके और H1B को बनाए रखने के लिए सालाना लागत जोड़कर इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है. जिससे घरेलू लोगों की तुलना में विदेश से आने वाले लोगों को काम पर रखना अधिक महंगा हो जाता है. मैं इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हूं कि यह कार्यक्रम ठीक नहीं है और इसमें बड़े सुधार की जरूरत है.

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अमेरिका में भारतीयों के लिए वीजा, इमिग्रेशन और नौकरी से जुड़े हालात समय-समय पर बदलते रहते हैं. यह बहुत हद तक अमेरिका की सरकार की पॉलिसीज और वहां की आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है. अगर मौजूदा या भविष्य की सरकार इमिग्रेशन पॉलिसीज को सख्त बनाती है, तो इससे भारतीयों समेत अन्य विदेशी नागरिकों के लिए अमेरिका जाना और नौकरी पाना मुश्किल हो सकता है.

संभावित प्रभाव
H-1B वीजा पॉलिसी: H-1B वीजा भारतीय पेशेवरों, खासकर आईटी सेक्टर के लोगों के लिए मुख्य माध्यम है. अगर इस वीजा पर कोई सख्ती होती है, तो इसका सीधा असर भारतीय प्रोफेशनल्स पर पड़ेगा. 

ग्रीन कार्ड बैकलॉग: भारतीय नागरिकों को ग्रीन कार्ड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. अगर पॉलिसीज में बदलाव होता है, तो यह प्रक्रिया और जटिल हो सकती है.

नौकरी में स्थानीय को प्राथमिकता: अगर अमेरिका में ‘अमेरिकन फर्स्ट’ जैसी पॉलिसी को बढ़ावा दिया जाता है, तो अमेरिकी कंपनियों को स्थानीय नागरिकों को नौकरी देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे भारतीयों के लिए अवसर कम हो सकते हैं. 

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इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव: कुछ सख्त नियम गैरकानूनी इमिग्रेशन को रोकने के लिए लागू किए जा सकते हैं, लेकिन यह कानूनी इमिग्रेशन पर भी असर डाल सकता है.

हालात बेहतर बनाने के उपाय:
कौशल विकास: अगर आप ऐसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करते हैं, जिनकी अमेरिका में अधिक मांग है (जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, हेल्थकेयर), तो आपके अवसर बेहतर हो सकते हैं.

स्टडी वीजा का उपयोग: उच्च शिक्षा के माध्यम से अमेरिका जाने के लिए स्टडी वीजा लेना और वहां नौकरी पाना एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

अन्य देशों में विकल्प: भारतीय पेशेवरों के लिए कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, और यूरोपीय देशों में भी अच्छी संभावनाएं हैं.

अभी की स्थिति पर किसी सरकार के स्पष्ट बयान या नीतियों के आधार पर ही स्थिति का सही आकलन किया जा सकता है. अगर आप अमेरिका जाने की योजना बना रहे हैं, तो इमिग्रेशन विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे अच्छा रहेगा.

अमेरिका देता है इतने तरह के वीजा
अमेरिका भारतीय नागरिकों के लिए विभिन्न प्रकार के वीजा प्रदान करता है. इन वीजा को मुख्य रूप से आप्रवासी वीजा (स्थायी निवास के लिए) और गैर-आप्रवासी वीजा (अस्थायी प्रवास के लिए) में वर्गीकृत किया गया है. अमेरिका कोई एक-दो नहीं बल्कि भारतीयों को करीब 20 तरह के वीजा प्रदान करता है. 

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अमेरिका भारत सहित अन्य देशों के नागरिकों के जितने तरह के वीजा प्रदान करता है, उन सभी तरह के वीजा का विवरण…

गैर-आप्रवासी वीजा (अस्थायी प्रवास): ये ऐसे व्यक्तियों के लिए होते हैं जो पर्यटन, व्यापार, अध्ययन, काम या मेडिकल ट्रीटमेंट जैसे विशिष्ट उद्देश्यों के लिए अमेरिका का दौरा करते हैं.

पर्यटक और व्यावसायिक वीजा: B1: व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए (जैसे, सम्मेलनों में भाग लेना, व्यावसायिक सहयोगियों से परामर्श करना). B2: पर्यटन, अवकाश या चिकित्सा उपचार के लिए. B1/B2: व्यापार और पर्यटन के लिए संयुक्त वीजा.

छात्र और विनिमय आगंतुक वीजा: F1: शैक्षणिक अध्ययन के लिए (जैसे, कॉलेज/विश्वविद्यालय). M1: व्यावसायिक या गैर-शैक्षणिक अध्ययन के लिए. J1: इंटर्नशिप, प्रशिक्षण या अनुसंधान सहित विनिमय कार्यक्रमों के लिए.

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वर्क वीजा: H1B: विशिष्ट कर्मचारियों के लिए (आईटी और इंजीनियरिंग में आम). L1: अंतः-कंपनी स्थानांतरित व्यक्तियों के लिए. O1: विज्ञान, कला या एथलेटिक्स जैसे क्षेत्रों में असाधारण क्षमता वाले व्यक्तियों के लिए. H2B: अस्थायी गैर-कृषि कार्य के लिए. P: एथलीटों, मनोरंजन करने वालों या कलाकारों के लिए.

ट्रांजिट और क्रू मेंबर वीजा: C1: अमेरिका से गुजरने के लिए. D: जहाजों या हवाई जहाजों के चालक दल के सदस्यों के लिए.

अन्य गैर-आप्रवासी वीजा: K1: अमेरिकी नागरिकों के मंगेतर के लिए. R1: धार्मिक कार्यकर्ताओं के लिए. I: पत्रकारों और मीडिया पेशेवरों के लिए.

आप्रवासी वीजा (स्थायी निवास): ये वीजा उन व्यक्तियों के लिए होते हैं जो अमेरिका में स्थायी रूप से रहने का इरादा रखते हैं.

परिवार-प्रायोजित आव्रजन: अमेरिकी नागरिकों या वैध स्थायी निवासियों के करीबी रिश्तेदारों के लिए (जैसे, पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता).

रोजगार-आधारित आव्रजन: श्रेणियों में प्राथमिकता वाले कर्मचारी, कुशल पेशेवर और निवेशक (EB1 से EB5) शामिल हैं.

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विविधता आप्रवासी वीजा (DV लॉटरी): हालांकि भारत आमतौर पर अमेरिका में उच्च स्तर के आप्रवासन के कारण DV लॉटरी के लिए अयोग्य है.

विशेष आप्रवासी वीजा (SIV) : कुछ व्यक्तियों जैसे धार्मिक कार्यकर्ताओं या विदेशों में अमेरिकी सरकार के कर्मचारियों के लिए.

मानवीय आधार पर वीजा: U वीजा: अपराधों के पीड़ितों के लिए जो लॉ इंफोर्समेंट में सहायता करते हैं. T वीजा: मानव तस्करी के पीड़ितों के लिए.

शरणार्थी का दर्जा: उत्पीड़न के कारण सुरक्षा की मांग करने वालों के लिए. भारतीय नागरिक आमतौर पर भारत में अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों (जैसे, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद या कोलकाता में) के माध्यम से इन वीजा के लिए आवेदन करते हैं.

Tags: America News, Donald Trump, Elon Musk, President Donald Trump



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