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America News Today: अमेरिका की ट्रंप सरकार में एनएसए माइक वाल्ट्ज और उनके डिप्टी एलेक्स वांग ने अपना पद छोड़ दिया है. यमन में सैन्य कार्रवाई की योजना से जुड़ी चैट लीक होने के बाद यह कार्रवाई हुई है. ट्रम्प ने म…और पढ़ें
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के खिलाफ एक्शन. (File Photo)
हाइलाइट्स
- एनएसए माइक वाल्ट्ज और डिप्टी एलेक्स वांग पद से हटाए गए.
- यमन हमले की योजना से जुड़ी चैट लीक होने पर कार्रवाई.
- ट्रंप प्रशासन की राष्ट्रीय सुरक्षा पॉलिसी में खामियां उजागर.
America News Today: अमेरिकी की डोनाल्ड ट्रंप सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) माइक वाल्ट्ज और उनके डिप्टी एलेक्स वांग ने चारों तरफ से बन रहे प्रेशर के बाद पद छोड़ दिया है. माना जा रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद के अन्य सदस्यों को हटाने की घोषणा भी जल्द कर दी जाएगी. यमन में हूती विरोधियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की योजना से जुड़ी चैट लीक होने के बाद यह एक्शन हुआ है. ट्रम्प ने अब माइक वाल्ट्ज को यूनाइटेड नेशन में अमेरिका का राजदूत घोषित कर दिया है. मार्को रुबियो को एनएसए का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
मार्च 2025 में वाल्ट्ज ने गलती से अटलांटिक मैगजीन के संपादक जेफ्री गोल्डबर्ग को एक हाई-सिक्योरिटी मेंमर्ब वाले चैट ग्रुप में शामिल कर लिया है. तब रक्षा मंत्री पीट हेग्सेथ, सीआईए निदेशक जॉन रेडक्लिफ और अन्य टॉप लेवल के अधिकारी यमन में हमलों की योजना पर सिग्नल नाम सोशल नेटवर्किंग साइट आपस में चर्चा कर रहे थे. गोल्डबर्ग ने इस संवेदनशील बातचीत को प्रकाशित कर दिया. मामला सामने आते ही ट्रंप प्रशासन में हडकंप मच गया था. इस कांड ने ट्रंप प्रशासन की राष्ट्रीय सुरक्षा की पॉलिसी में खामियों को जगजाहिर कर दिया था. सिग्नल जैसे इनसिक्योर्ड प्लेटफॉर्म पर इतनी संवेदनशील मिलिट्री प्लानिंग की चर्चा ने ट्रंप प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया था. ट्रंप ने इस घटना को “सिग्नलगेट” करार दिया था. शुरुआत में ट्रंप ने वाल्ट्ज का बचाव किया. मामले के तूल पकड़ने के बाद ट्रंप के रुख में बदलाव आया.
ट्रंप की खूब कराई फजीहत
इस घटना के बाद सामने आया कि ट्रंप प्रशासन में सीक्रेसी यानी गोपनीयता को बनाए रखने के लिए बने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है. पहले से तय मानकों की जगह सिग्नल जैसे प्लेटफॉर्म पर इतनी संवेदनशील बातचीत को करने से सिस्टम पर ही सवाल खड़े हो गए. वाल्ट्ज खुफिया तंत्र से जुड़े काफी एक्सपीरियंस अधिकारी थे. यही वजह है कि ट्रंप उन्हें खोना नहीं चाहते थे. इस मुद्दे पर डेमोक्रैट्स ने ट्रंप प्रशासन की खूब धज्जियां उड़ाई. इस छोटी सी गलती के कारण उनकी कुर्सी चली गई. ट्रंप ने मामले को ठंडा करने के लिए यह एक्शन लिया है.



