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जब कमला के मंच से आई ‘ओम शांति-शांति’ की आवाज, कौन हैं हिंदू पुजारी राकेश भट्ट, जिन्हें देख भौंचक्के रह गए अमेरिकी?


नई दिल्ली: अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए शिकागो में डेमोक्रेटिक पार्टी का नेशनल कन्वेंशन जारी है. डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन के तीसरे दिन मंच से जब ‘ओम शांति-शांति’ मंत्र की आवाज आई तो सभी हैरान रह गए. जी हां, यह आवाज थी हिंदू पुजारी राकेश भट्ट की. शिकागो में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन के तीसरी दिन की शुरुआत राकेश भट्ट के ‘ओम शांति-शांति’ के उच्चारण के साथ हुई. बता दें कि यही वह मंच है, जहां से कमला हैरिस को कमान सौंपी जाएगी. राकेश भट्ट मैरीलैंड के श्री शिव विष्णु मंदिर के पुजारी हैं और उन्होंने कन्वेंशन के मंच से वैदिक मंत्रोच्चार कर अमेरिका की एकजुटता और उसके विकास के लिए प्रार्थना की.

हिंदू पुजारी राकेश भट्ट जी का कहना है कि भले ही हमारे बीच मतभेद हों, लेकिन जब बात देश की हो तो हमें एकजुट रहना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘समाज की बेहतरी के लिए हमें एक स्वर में बोलना चाहिए. हमारे मन एक साथ सोचें. हमारे दिल एक साथ धड़कें. यही हमें ताकतवर बनाएगा और हम एकजुट होकर अपने देश को गौरवान्वित कर सकेंगे.’ कमला हैरिस मंच गुरुवार को इसी मंच से अपना संबोधन देंगी. इससे पहले मंच संभालते हुए राकेश भट्ट ने अमेरिका से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (पूरी दुनिया एक परिवार है) की वैदिक अवधारणा में विश्वास रखने वाले नेता को चुनने का आग्रह किया.

कमला के मंच से क्या कहा?
राकेश भट्ट ने कहा, ‘हम सब एक विश्व परिवार हैं. सत्य हमारा आधार है और हमेशा प्रबल होता है. हमें असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर और मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो. ओम शांति शांति शांति.’ बता दें कि राकेश भट्ट एक माध्वा पुजारी हैं. वह बेंगलुरु से अमेरिका आकर बस गए. उन्होंने अपने गुरु उडुपी अष्ट मठ के पेजावर स्वामीजी के सानिध्य में ऋग्वेद और तंत्रसार (माध्वा) आगम में प्रशिक्षण लिया.

कौन हैं राकेश भट्ट?
बेंगलुरु के हिंदू पुजारी राकेश भट्ट हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और तुलु धाराप्रवाह बोलते हैं. उन्होंने संस्कृत, अंग्रेजी और कन्नड़, इन तीन भाषाओं में बैचलर और मास्टर डिग्री हासिल की है. उन्होंने अपनी अंग्रेजी और कन्नड़ की डिग्री ओस्टीन कॉलेज बेंगलुरु से और संस्कृत की डिग्री जयचामराजेंद्र कॉलेज से हासिल की. उडुपी अष्ट मठ में कुछ समय बिताने के बाद उन्होंने जुलाई 2013 में श्री श्री विष्णु मंदिर में शामिल होने से पहले बद्रीनाथ और राघवेंद्र स्वामी कोइल सलेम में कुछ समय के लिए काम किया.

भारतीय-अमेरिकी समुदाय का दबदबा
डेमोक्रेटिक पार्टी के डिप्टी नेशनल फाइनेंस चेयर अजय भूटोरिया ने कहा, ‘डेमोक्रेट नेशनल कन्वेंशन में आज राकेश भट्ट की हिंदू प्रार्थना एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो समावेशिता और विविधता के प्रति डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘भारतीय अमेरिकी समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं को इतने प्रमुख मंच पर सम्मानित होते हुए देखना हर्ष की बात है. यह क्षण अमेरिकी समाज के ताने-बाने में हमारे समुदाय के बढ़ते प्रभाव और पहचान को दर्शाता है’.





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