भारतीय सेना ने पाकिस्तान से पहलगाम आतंकी हमले का चुन-चुनकर बदला लिया है. पाकिस्तान में छुपे बैठे आतंकी और उनके आकाओं के खिलाफ भारतीय सेना ने कल्पना से भी ज्यादा कार्रवाई की है. 1971 की जंग के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बहुत अंदर जाकर स्ट्राइक किया. भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से लेकर PoK तक हमला किया. पहलगाम हमले के बाद खुफिया एजेंसी ने सेना को 9 ठिकाने बताए थे, जिसके बाद सेना ने उन सभी 9 ठिकानों को टारगेट किया. जिसमें लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है.
इस वक्त PoK और पूरे पाकिस्तान में खलबली मची हुई है. उधर अमेरिका से भी उसके लिए बुरी खबर आई है. पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर की गई इस एयर स्ट्राइक को लेकर अमेरिका में भारतीय मूल के सांसदों ने भारत का पुरजोर समर्थन किया है. इसके साथ ही उन्होंने संयम बरतने और क्षेत्रीय तनाव को बढ़ने से रोकने की भी अपील की है.
भारत के साथ खड़ा अमेरिका
सांसद श्री थानेदार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘आतंकवाद को किसी भी रूप में सहन नहीं किया जा सकता और इसे जवाब देना जरूरी है. भारत को अपने नागरिकों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है. मैं भारत के साथ खड़ा हूं जो चरमपंथी नेटवर्क को खत्म करने में जुटा है.’ उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को अपने लोकतांत्रिक सहयोगियों के साथ आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना चाहिए और भारत-अमेरिका सहयोग को और मजबूत किया जाना चाहिए.
थानेदार के बयान के बीच भारत के रक्षा मंत्रालय ने भी इस बात को दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर एक ‘सटीक और गैर-उकसावे वाली’ कार्रवाई थी, जिसमें केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया और कोई पाकिस्तानी सैन्य ठिकाना प्रभावित नहीं हुआ.
रो खन्ना ने भी बढ़ाई पाकिस्तान की टेंशन
वहीं, भारतीय मूल के एक अन्य अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने भी पाकिस्तान की टेंशन बढ़ाने वाली बात कही है. CNN को दिए इंटरव्यू में उन्होंने पहलगाम हमले को ‘गंभीर आतंकी हमला’ बताया हुए कहा, ‘निर्दोष लोगों की जान गई. भारत ने आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में प्रतिक्रिया दी है.’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अब सबसे जरूरी बात यह है कि हालात में और तनाव न बढ़े. रो खन्ना ने कहा, ‘अब किसी भी तरह की जवाबी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. यहीं पर यह खत्म होना चाहिए.’
रो खन्ना ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर को भी आड़े हाथों लेते हुए उन्हें ‘तानाशाह’ बताया और कहा कि उन्होंने इमरान खान को जेल में डाला और चुनाव को प्रभावित किया. उन्होंने अमेरिका से आग्रह किया कि वह IMF की फंडिंग रोककर पाकिस्तान पर लोकतांत्रिक सुधारों के लिए दबाव बनाए. ‘हमें असीम मुनीर से कहना चाहिए कि वह इमरान खान को रिहा करें, कोई जवाबी हमला न करें और निष्पक्ष चुनाव कराएं.’
क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह लड़ाई ‘बहुत जल्द’ समाप्त हो जाएगी. उन्होंने कहा, ‘यह शर्मनाक है. हमने इसके बारे में तब सुना जब हम ओवल (अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय) जा रहे थे. मुझे लगता है कि लोगों को पता था कि अतीत में जो कुछ हुआ है उसके आधार पर कुछ होने वाला है.’
ट्रंप ने कहा, ‘वे लंबे समय से लड़ रहे हैं. वास्तव में, अगर आप वास्तव में इसके बारे में सोचें तो वे कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पास दोनों देशों के लिए कोई संदेश है, उन्होंने कहा, ‘नहीं, मैं बस उम्मीद करता हूं कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाए.’



