You are currently viewing अमेरिका ने ईरान पर हमले की तैयारी की, B-2 बॉम्बर्स डिएगो गार्सिया भेजे

अमेरिका ने ईरान पर हमले की तैयारी की, B-2 बॉम्बर्स डिएगो गार्सिया भेजे


वाशिंगटन: ईरान-इजरायल युद्ध के बीच अमेरिका की सैन्य गतिविधियों पर पूरी दुनिया की नजर है. अमेरिका के सबसे खतरनाक B-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर्स गुआम भेजे जा चुके हैं. साथ में हैं KC-46 पैगासस टैंकर, जो हवा में ही इन्हें फ्यूल देंगे. इससे इन बमवर्षकों की रेंज बढ़ जाती है. लेकिन गुआम सिर्फ पड़ाव है, असली निशाना है डिएगो गार्सिया. ये वही सैन्य ठिकाना है जहां से पहले इराक और अफगानिस्तान पर हमले चले थे. अब बारी है ईरान की. ये कदम ऐसे समय उठाया गया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वॉशिंगटन लौट रहे हैं. माना जा रहा है कि ट्रंप किसी निर्णायक सैन्य कार्रवाई का फैसला कर सकते हैं. इस समय छह B-2 बॉम्बर तैनात हो चुके हैं, और इनका मिशन पूरी तरह क्लासिफाइड है. विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर इनका रुख डिएगो गार्सिया की ओर हुआ, तो अमेरिका की बमबारी बस कुछ दिन दूर है.

क्यों खास है B-2 बॉम्बर की तैनाती?

B-2 स्पिरिट बॉम्बर ऐसा इकलौता विमान है जो GBU-57 मासिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (30,000 पाउंड का बंकर बस्टर बम) ले जा सकता है. ईरान का फोर्डो न्यूक्लियर साइट जमीन के नीचे एक पहाड़ के भीतर बना है. इसे नष्ट करने के लिए इसी बम की जरूरत पड़ेगी. और ये बम सिर्फ B-2 से ही फेंका जा सकता है.

यानी अमेरिका ने ये बॉम्बर्स भेजकर एक तरह से साफ संकेत दे दिया है कि वह तैयारी की अंतिम स्टेज में है. डिएगो गार्सिया से उड़ान भरने वाले B-2 ईरान तक सीधे बिना रुकावट पहुंच सकते हैं और निशाना सटीक लगा सकते हैं.

Northrop B-2 Spirit, B2 Bomber, B-2 Spirit Bomber Plane, b-2 spirit stealth bomber, b-2 bomber speed, b-2 fighter jet, बी2 विमान, बी2 फाइटर जेट, बी 2 स्पिरिट बॉम्बर, बी 2 स्टील्थ बॉम्बर, ईरान इजरायल युद्ध, अमेरिका ईरान युद्ध
गुयाम के रास्ते पर B-2 बॉम्बर्स (Pic :FlightRadar24)

क्या ट्रंप ईरान पर हमला करने वाले हैं?

ट्रंप प्रशासन के करीबी सूत्रों का कहना है कि अगर ईरान ने अगली बार इजरायल के नागरिक इलाकों को टारगेट किया या यूरेनियम संवर्धन की सीमा को पार किया, तो हमला तय है. अमेरिकी सेंट्रल कमांड से जुड़े अधिकारियों ने भी बताया है कि हमले का ‘विंडो’ अब सीमित हो गया है. फैसला जल्द होना है.

इस बीच अमेरिका ने खाड़ी देशों में अपनी नेवी, फाइटर जेट्स और मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी हाई अलर्ट पर रखा है. यूएसएस निमिट्ज और यूएसएस कार्ल विंसन जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर पहले से ही तैनात हैं. F-22, F-35 और F-16 जैसे लड़ाकू विमानों की लोकेशन बदली जा रही है. ये सब मिलकर एक बड़ा सैन्य दबाव बना रहे हैं.

डिएगो गार्सिया बनेगा हमले का लॉन्चपैड?

डिएगो गार्सिया ब्रिटेन का द्वीप है जिसे अमेरिका लीज पर इस्तेमाल करता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां से मिडल ईस्ट तक जाने के लिए अमेरिका को किसी दूसरे देश की एयरस्पेस की जरूरत नहीं पड़ती. 1991 की खाड़ी युद्ध और 2001 के अफगानिस्तान ऑपरेशन में भी यहीं से हमले चले थे.

अब अगर B-2 बॉम्बर्स को गुआम से यहां शिफ्ट किया जाता है, तो इसका मतलब होगा कि हमला बस अब शुरू होने वाला है. ये लोकेशन ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर सीधे और अचूक बमबारी की परफेक्ट रेंज देती है.

क्या सिर्फ चेतावनी है या प्लान तैयार?

अमेरिका अभी तक सार्वजनिक रूप से युद्ध को टालने की बात करता रहा है. लेकिन सैन्य तैयारियां कुछ और इशारा करती हैं. पेंटागन लगातार ईरान की न्यूक्लियर गतिविधियों पर नजर रखे हुए है. फोर्डो के अलावा ईरान के इस्फहान और शीराज में IRGC की साइट्स पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है.

वहीं, ईरान ने भी चेतावनी दी है कि अगर हमला हुआ, तो उसका जवाब ‘तबाही’ वाला होगा. लेकिन अमेरिकी विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर हमला किया गया, तो वह सीमित होगा. यानी सिर्फ न्यूक्लियर इन्फ्रास्ट्रक्चर और कमांड सेंटर्स को टारगेट किया जाएगा. इसका मकसद होगा, ईरान की यूरेनियम संवर्धन क्षमता को पीछे धकेलना.

ईरान और इजरायल की जंग दिन-ब-दिन जोर पकड़ रही है. मिसाइल, ड्रोन और साइबर अटैक से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में अमेरिका का इस संघर्ष में घुसना, पूरे वेस्ट एशिया को युद्ध की आग में झोंक सकता है.



Source link

Leave a Reply