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न्यूयार्क मेयर के चुनाव को लगता है राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है. डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार उनकी हर नीति का न सिर्फ विरोध करते हैं बल्कि अपने व्यक्तिगत जीवन में भी वे न्यू…और पढ़ें
मेयर के चुनाव को ट्रंप के बयानों ने रोचक बना दिया है.
हाइलाइट्स
- डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूयार्क मेयर चुनाव में प्रतिष्ठा दांव पर लगाई
- जोहरान ममदानी का एजेंडा पुलिस सुधार और रोजगार
- न्यूयार्क का मिजाज कॉस्मोपॉलिटन, ट्रंप की नीतियों का विरोध
न्यूयार्क का कॉस्मोपॉलिटन मिजाज
न्यूयार्क का मिजाज सही मायनों में कॉस्मोपॉलिटन है. इस शहर में सैकड़ों भाषा बोलने वाले मिल जाएंगे. दुनिया का तकरीबन हर कोना यहां के गलियों चौराहों पर दिख जाता है. दुनिया के किसी भी मुल्क का बेहतरीन खाना इस शहर में मिल जाएगा.इस शहर की ताकत का अंदाजा इससे लगता है कि यूएन का हेडक्वाटर यहीं है तो यहां के स्टॉक एक्सचेंज में कोई भी जुंबिश दुनिया के तमाम मुल्कों की इकॉनॉमी को झकझोर देती है. तो यहां के लोगों का मिजाज भी काफी खुला है.
इतना सब होने के बाद भी पिछले मेयर के कार्यकाल में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. उन्हें कुछ मामलों में ट्रंप की दखलंदाजी के बाद कानूनी फंदे से बचाया गया. अब वे आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में है. इधर जोहरान ममदानी पुलिस सुधारों से लेकर रोजगार और बिजनेस में सुधार के वायदे कर रहे हैं. खुद उनकी अपनी शख्सियत कॉस्मोपॉलिटन है. उनकी मां मीरा नायर हिंदू हैं. पिता महमूद ममदानी युगांडा में जन्मे गुजराती मूल के मुस्लिम. खुद ममदानी ने सीरीया मूल की रमा दुवाजी से शादी की है. युगांडा में जन्मे और अमेरिका में पले बढ़े जोहरान ममदानी 2020 में न्यूयार्क स्टेट एसेंबली के सदस्य चुने गए. मतलब पूरा का पूरा परिवार अलग अलग जगहों से है.
ममदानी के कामों की सराहना
ममदानी के बहुत से कामों की न्यूयार्क में अच्छी खासी सराहना मिली. इजराइल की नीतियों के वे खुले आलोचक हैं और आतंकवाद जैसी समस्या पर अपनी अलग राय रखते हैं. उनकी इन्ही रायों को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप उन्हें कट्टर कम्युनिस्ट कहते हैं. हो सकता है उनकी ये बेबाकी कुछ लोगों को अखरे. फिर भी न्यूयार्क के मेयर की लड़ाई में राष्ट्रपति का उतरना उसकी अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगाना है. पिछले मेयर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. माना जा रहा है कि उन पर चल रही कानूनी कार्यवाही को ट्रंप ने ही खत्म कराया. इस लिहाज से उन्हें भी दरअसल ट्रंप का ही आदमी माना जा रहा है. हाल में इजराइल और ईरान युद्ध और ट्रैरिफ को लेकर भी अमेरिकी मीडिया में ट्रंप की तीखी आलोचनाएं हुई है. इसका फायदा भी जोहरान को मिल सकता है.

करीब ढाई दशक से सक्रिय पत्रकारिता. नेटवर्क18 में आने से पहले राजकुमार पांडेय सहारा टीवी नेटवर्क से जुड़े रहे. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने के बाद वहीं हिंदी दैनिक आज और जनमोर्चा में रिपोर्टिंग की. दिल…और पढ़ें
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