You are currently viewing Donald Trump-Shehbaz Sharif Meeting News: डोनाल्ड ट्रंप और शहबाज शरीफ की मुलाकात, कैसे अमेरिका ने दिखाई पाक को औकात

Donald Trump-Shehbaz Sharif Meeting News: डोनाल्ड ट्रंप और शहबाज शरीफ की मुलाकात, कैसे अमेरिका ने दिखाई पाक को औकात


Donald Trump-Shehbaz Sharif Meeting News: पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. ओवल ऑफिस में शहबाज शरीफ के साथ आसिम मुनीर भी थे. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से व्हाइट हाउस में बातचीत की. यह मुलाकात अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में आ रही गर्माहट का ताजा संकेत मानी जा रही है. शहबाज शरीफ और मुनीर अपने नए आका डोनाल्ड ट्रंप से मिलकर खुश हैं. पाकिस्तानी मीडिया इसे ऐतिहासिक बता रही है. ऐतिहासिक हो भी क्यों न. 2019 के बाद कोई पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ओवल ऑफिस जो पहुंचा है. इससे पहले केवल इमरान खान को ही यह अवसर नसीब हुआ था. मुलाकात से पहले ट्रंप ने शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को महान बातया. मगर महान बताकर ही ट्रंप ने शहबाज को उनकी औकात दिखा दी.

दरअसल, हुआ कुछ यूं कि शुक्रवार को डोनाल्ड ट्रंप से मिलने शहबाज शरीफ पहुंचे थे. ओवल ऑफिस में ट्रंप से मुलाकात का समय फिक्स था. तय समय पर आसिम मुनीर को लेकर शहबाज पहुंचे थे. मगर वहां पहुंचते ही उन्हें एक बंद कमरे में बिठाया गया. डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को कुल 30 मिनट तक इंतजार करना पड़ा. ट्रंप ने कुल 30 मिनट तक शहबाज शरीफ और मुनीर को बंद कमरे में इंतजार करवाया. कारण कि वह टिकटॉक डील वाले आदेश पर सिग्नेचर कर रहे थे. साथ ही वह मीडिया के लोगों के साथ गप्पे लड़ा रहे थे. उधर बंद कमरे में शहबाज और मुनीर का इंतजार बढ़ रहा था.

कैसे शहबाज को कराया गया इंतजार

जी हां, पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और डोनाल्ड ट्रंप की बैठक से मीडिया को दूर रखा गया था. इस बैठक में मीडिया को जाने की मनाही थी. ऐसा बहुत कम बार हुआ है, जब किसी राष्ट्राध्यक्ष से मुलाकात के वक्त ट्रंप अपने साथ मीडिया वालों को नहीं रखते हैं. वह मीडिया के सामने ही सबसे मिलते हैं. मगर पाकिस्तानी पीएम के साथ मुलाकात के साथ ऐासा नहीं हुआ. डोनाल्ड ट्रंप ने बंद कमरे में मुलाकात की. वॉशिंगटन के समयानुसार मीटिंग गुरुवार शाम 4:30 बजे शुरू होनी थी. हालांकि, यह लगभग 30 मिनट देरी से शुरू हुई क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने के बाद पत्रकारों से बातचीत की. वास्तविक बैठक लगभग 1 घंटे 20 मिनट तक चली.

ट्रंप ने दिखाई शहबाज-मुनीर को औकात

शहबाज संग मुलाकात से पहले ट्रंप जब पत्रकारों से बात कर रहे थे, तब महान-महान बताकर उनकी तारीफ कर रहे थे. एक ओर ट्रंप ने कहा कि हमारे पास एक महान नेता आ रहे हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल.फील्ड मार्शल बहुत महान व्यक्ति हैं, और प्रधानमंत्री भी. दोनों आ रहे हैं, और हो सकता है कि वे अभी इसी कमरे में मौजूद हों.’ इसका मतलब है कि ट्रंप को पता था कि उनका इंतजार शहबाज शरीफ कर रहे हैं, तब भी उन्होंने 30 मिनट इंतजार कराया. शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को महान बताया, मगर उन्हें इंतजार करवाकर ट्रंप ने बताया कि अमेरिका के सामने उनकी क्या औकात है.

पाक-अमेरिका संबंध का भारत कनेक्शन

दरअसल, शहबाज शरीफ इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर ट्रंप से मिलने वाले आठ अरब या मुस्लिम देशों के शीर्ष नेताओं में शामिल रहे. इन बैठकों में गाजा में इजराइल-हमास युद्ध को समाप्त करने की रणनीति पर चर्चा की गई. अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में ऐसे समय में सुधार आया है जब ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं. रूस द्वारा फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किए जाने के बाद भारत ने सस्ते दामों पर रूसी तेल की खरीद बढ़ा दी थी, जिसे लेकर अमेरिका के साथ उसके रिश्तों में खटास आयी है. ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीद को लेकर भारी शुल्क (टैरिफ) लगा दिए हैं ताकि मॉस्को पर अप्रत्यक्ष आर्थिक दबाव बनाया जा सके.

कितने देर की मुलाकात

इसी बीच अमेरिका और पाकिस्तान ने जुलाई में एक व्यापार समझौता किया, जिससे उम्मीद है कि वॉशिंगटन इस दक्षिण एशियाई देश के बड़े पैमाने पर तेल भंडारों के विकास में मदद करेगा और इस्लामाबाद पर लगने वाले शुल्क को कम करेगा. शहबाज शरीफ शाम करीब पांच बजे अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस पहुंचे. दोनों नेताओं की बैठक में मीडिया की मौजूदगी नहीं थी और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल शाम 6 बजकर 18 मिनट पर व्हाइट हाउस से रवाना हुआ. ट्रंप के साथ शरीफ की निकटता तब और बढ़ी जब उन्होंने सार्वजनिक रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति को इस साल पाकिस्तान-भारत के बीच तनाव कम करने के प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार देने का समर्थन किया. शरीफ के विपरीत प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम में कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था. (इनपुट भाषा से भी)



Source link

Leave a Reply