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US News | Sikh Turban Ban in US Army- पगड़ी दाढ़ी बैन… सिखों का बलिदान भूला अमेरिका! US आर्मी का नया फरमान, भड़के लोग


Agency:एजेंसियां

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US News: US आर्मी ने नई ग्रूमिंग पॉलिसी के तहत दाढ़ी और पगड़ी पर रोक लगाई. सिख संगठनों और भारतीय नेताओं ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर हमला बताया.

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पगड़ी दाढ़ी बैन... सिखों का बलिदान भूला अमेरिका! US आर्मी का नया फरमानUS आर्मी ने दाढ़ी और पगड़ी पर रोक लगाई. (फोटो AI)

वाशिंगटन: अमेरिकी सेना (US Army) ने अपनी नई ग्रूमिंग पॉलिसी जारी करते हुए दाढ़ी और पगड़ी पर रोक लगा दी है. इस फैसले से न केवल अमेरिकी सिख समुदाय बल्कि मुस्लिम और यहूदी सैनिकों में भी नाराजगी फैल गई है. नई नीति के तहत अब धार्मिक कारणों से दाढ़ी या लंबे बाल रखने की छूट खत्म कर दी गई है. इसका मतलब यह है कि धार्मिक आस्था रखने वाले सैनिकों को अब अपने धर्म और सेना सेवा में से किसी एक को चुनना होगा.

इस विवाद को और भड़का दिया अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेजसेथ ने, जिन्होंने दाढ़ी रखने वाले सैनिकों को मजाक में ‘Beardos’ और ‘मोटे जनरल’ कह दिया. उनके इस बयान ने धार्मिक समुदायों में आक्रोश पैदा कर दी. अब भारत सहित दुनिया भर में सिख संगठनों और नेताओं ने इस आदेश को धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर हमला बताया है.

SGPC ने जताई नाराजगी, कहा- ये धर्म का अपमान
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने
अमेरिका की इस नीति की कड़ी निंदा की है. SGPC प्रवक्ता गुरचरण ग्रेवाल ने कहा, “ये पहली बार नहीं है जब सिखों को निशाना बनाया गया है. इससे पहले भी पगड़ी हटाने और सिख सैनिकों को अपमानित करने की घटनाएं हो चुकी हैं. ये फैसला न लोकतांत्रिक है, न ही मानवीय.” SGPC ने कहा कि वे अमेरिका के गुरुद्वारों से संपर्क में हैं और जल्द ही इस मसले पर कानूनी व कूटनीतिक कार्रवाई की योजना बनाएंगे.
धार्मिक प्रतीकों पर रोक, सिख धर्म की मूल भावना पर चोट
सिख धर्म के पांच ‘ककार’ केश, कच्छेरा, कंघा, किरपान और कड़ा धार्मिक पहचान का हिस्सा हैं. इनमें से केश (बाल और दाढ़ी) सिख आस्था का प्रतीक है. SGPC और पंजाब के नेताओं ने कहा है कि अमेरिका का यह आदेश सिख परंपरा की आत्मा पर प्रहार है. उनका कहना है कि सिख सैनिकों ने अमेरिकी सेना में अपने धर्म और साहस दोनों के साथ सेवा की है. ऐसे में यह प्रतिबंध उनकी बलिदान परंपरा का अपमान है.

राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर किया विरोध
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस फैसले को भेदभावपूर्ण और निंदनीय बताया. उन्होंने कहा, “सिखों ने अमेरिका में सम्मान के साथ सेवा दी है, अब उनकी धार्मिक पहचान छीनी जा रही है.” BJP पंजाब के उपाध्यक्ष फतेहजंग सिंह बाजवा ने कहा कि यह आदेश धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार पर हमला है.
वहीं कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत सिंह ने कहा, “एक सच्चा सिख अपने धर्म के नियम छोड़ सकता है लेकिन दाढ़ी और पगड़ी नहीं.”

AAP सांसद ने केंद्र सरकार से की मांग
आप सांसद मलविंदर कांग ने कहा कि अमेरिकी फैसला सिखों की ऐतिहासिक और धार्मिक मूल्यों पर हमला है. उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह अमेरिका से तुरंत बात करे और इस निर्णय को वापस लेने की मांग करे.

सिख समुदाय का एकजुट संदेश- विविधता का सम्मान करें
पंजाब के लगभग सभी दलों अकाली दल, कांग्रेस, BJP और AAP ने इस मामले में एक स्वर में कहा है कि अमेरिकी नीति गैर-लोकतांत्रिक और भेदभावपूर्ण है. उनका संदेश साफ है. विविधता का सम्मान करें, धार्मिक पहचान की रक्षा करें और सच्ची स्वतंत्रता को बनाए रखें.

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Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, …और पढ़ें

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