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South Carolina Firing Squad: साउथ कैरोलाइना ने 44 वर्षीय स्टीफन ब्रायंट को फायरिंग स्क्वाड से मौत की सजा दी गई. यह इस साल इस तरीके से दी गई तीसरी मौत की सजा है. ब्रायंट 2004 की हत्या के मामले में दोषी थे. दवाओं की कमी और इंजेक्शन प्रक्रिया की विफलताओं के बीच फायरिंग स्क्वाड का उपयोग अमेरिका में फिर बढ़ रहा है.
अमेरिका में दी गई फायरिंग स्क्वाड से मौत की सजा.South Carolina Firing Squad: कमरे के बीचोंबीच एक आदमी चुपचाप खड़ा था. कोई चीख नहीं, कोई सवाल नहीं. बस 55 सेकंड की खामोशी और फिर एक साथ गोलियों की तड़तड़ाहट गूंज उठी. कई बंदूकें उस शख्स की तरफ सीधे उसके दिल पर फायर कर रही थीं. यह दृश्य किसी फिल्म का नहीं, बल्कि साउथ कैरोलाइना के फायरिंग स्क्वाड चेंबर का था, जहां शुक्रवार को 44 वर्षीय स्टीफन ब्रायंट को मौत की सजा दी गई. साउथ कैरोलाइना में यह इस साल फायरिंग स्क्वाड से दी गई तीसरी मौत की सजा थी.
2004 में विलार्ड ‘TJ’ टीटजेन की हत्या के मामले में सजा पाए ब्रायंट ने दो और हत्याओं की भी जिम्मेदारी स्वीकार की थी. ब्रायंट ने दो और हत्याओं का भी गुनाह कबूला था. उनके वकील का कहना था कि जज को कभी यह जानने का मौका ही नहीं दिया गया कि ब्रायंट के दिमाग को गर्भावस्था के दौरान उनकी मां की शराब और ड्रग्स की लत ने कितना नुकसान पहुंचाया था. लेकिन राज्य की सुप्रीम कोर्ट ने इस हफ्ते फांसी रोकने से इनकार कर दिया.

स्टीफन ब्रायंट.
कैसा था आखिरी क्षण?
एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रायंट ने कोई अंतिम बयान नहीं दिया. उन्होंने बस 10 गवाहों की तरफ देखा. इसके बाद उनके सिर पर हुड डाल दिया गया. तीन जेल कर्मचारियों के हाथों में असली गोलियां भरी राइफलें थीं. सारी तैयारी पूरी होने के करीब 55 सेकंड बाद गोलियां चलाई गईं. ब्रायंट ने कोई आवाज नहीं निकाली. उनके दिल के हिस्से पर लगाए गए लाल निशान के आगे की तरफ उड़ने से पता चला कि गोलियां सीधे वहीं लगी थीं. कुछ गहरी उथली सांसों और आखिरी झटके के बाद डॉक्टर ने शाम 6:05 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया. तीन पीड़ित परिवारों के सदस्य भी वहां मौजूद थे, जो एक-दूसरे का हाथ पकड़े खड़े थे.
13 साल के बाद मौत के सजा की वापसी
साउथ कैरोलाइना में पिछले साल ही 13 साल के अंतराल के बाद मौत के सजा की शुरुआत हुई थी. यह ब्रेक इसलिए पड़ा क्योंकि राज्य को लीथल इंजेक्शन की दवाएं नहीं मिल पा रही थीं. उस समय से अब तक 14 महीनों में 7 मौत की सजाएं दी जा चुकी हैं. मार्च में पहली बार आधुनिक फायरिंग स्क्वाड का इस्तेमाल किया गया था. मानवाधिकार समूह इसे ‘बर्बर तरीका’ बताते हैं. राज्य के रिपब्लिकन गवर्नर हेनरी मैकमास्टर ने ब्रायंट को माफी देने से इनकार कर दिया.
मौत से पहले क्या खाया?
ब्रायंट ने अंतिम भोजन में स्पाइसी मिक्स्ड सी-फूड स्टिर फ्राई, फ्राइड फिश विद राइस, एग रोल्स, स्टफ्ड श्रिम्प, दो कैंडी बार और जर्मन चॉकलेट केक मांगा. वकील बो किंग के अनुसार ब्रायंट बचपन से एक जेनेटिक डिसऑर्डर, अत्यधिक प्रताड़ना और मां की शराब की लत से हुए स्थायी दिमागी नुकसान से जूझता रहा.

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें



