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CIA अधिकारी ने दो-दो बार पाकिस्तान के मुंह पर कालिख पोती थी. पहले उन्होंने भारत के सामने पाकिस्तान की पिद्दी औकात उजागर की. फिर पाक पीएम के गुस्से से भरे खत पर बेइज्जती भरा जवाब किया.
सीआईए ने की पाकिस्तान की बेइज्जतीवॉशिंगटन: कंगाल पाकिस्तान भले ही खुद को ‘तीस मार खां’ समझता हो लेकिन पूरी दुनिया को उसकी हालत साफ नजर आती है. यही बेवकूफी कई बार पाकिस्तान के लिए इंटरनेशनल बेइज्जती का कारण बन जाती है. हाल ही में अमेरिकी खुफिया एजेंसी के पूर्व अधिकारी ने कुछ ऐसा खुलासा किया है, जिसे सुनकर शहबाज-मुनीर मुंह छुपाते फिरेंगे. एक्स CIA ऑफिसर जॉन किरियाकोऊ ने एक पुराना किस्सा शेयर किया है, जिसमें उन्होंने खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की बड़े ही गंदे तरीके से जलील कर डाला था. उन्होंने प्रधानमंत्री के भेजे हुए खत को ‘टॉयलेट पेपर’ बनाकर इस्तेमाल किया था.
CIA ने पाकिस्तान को याद दिलाई भारत की पावर
क्या बोले थे CIA अधिकारी?
किरियाकोऊ ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि सैन्य पावर में पाकिस्तान, भारत के आगे टिक नहीं पाए और हर बार हार का मुंह देखेगा. उन्होंने कहा था कि ‘भारत-पाकिस्तान जंग का नतीजा बेहद सिंपल होगा. सिर्फ पाकिस्तान की हार ही होगी. मैं परमाणु हथियारों की बात नहीं कर रहा हूं बल्कि एक पारंपरिक युद्ध की बात कर रहा हूं. भारत को भड़काना पाकिस्तान के लिए फायदेमंद नहीं होगा’.

इमरान खान ने भिजवाया था खत
Pak PM ने भेजा था खत
इस इंटरव्यू के बाद पाकिस्तान हंसी का पात्र बन गया था. इतनी बेइज्जती उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बर्दाश्त नहीं कर पाए और उन्होंने अपनी पार्टी PTI के अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही के हाथों CIA अधिकारी को चिट्ठी भिजवाई. जिसमें ‘कड़े शब्दों में’ किरियाकोऊ के स्टेटमेंट की निंदा की गई थी और कहा गया था कि वो ‘महामहिम’ (इमरान खान), PTI के सदस्यों और पाकिस्तान के लोगों से माफी मांगे.
मिला था गंदा जवाब
इस लेटर के मिलते ही किरियाकोऊ को वकील ने चुप रहने की सलाह दी थी लेकिन पूर्व CIA अधिकारी ने जवाब दिया और एक बार फिर से पाकिस्तान के मुंह पर कालिख पोत दी. उन्होंने जवाब में लिखा- ‘माफी की आपकी मांग के संबंध में, मैं इसे टॉयलेट पेपर की तरह इस्तेमाल करके फेंकता हूं’. किरियाकोऊ ने बताया कि इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से दोबारा बोलने की हिम्मत नहीं की गई क्योंकि पाकिस्तान जानता था कि मैंने ये प्रतिक्रिया सैन्य आंकलन और भारत की बदली हुई नीतियों को देखते हुए दी थी.



