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अमेरिका ने Cartel de Los Soles को आतंकी संगठन घोषित किया


Agency:एजेंसियां

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अमेरिका ने कार्टेल डे लॉस सोलेस को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया, वेनेज़ुएला सरकार ने विरोध जताया. ट्रंप सरकार ने ड्रग-तस्करी नेटवर्क पर दबाव बढ़ाया है.

अल-कायदा की तरह अब मादुरो से जुड़ा ‘कार्टेल डे लॉस सोलेस’ भी आतंकी संगठन घोषितनिकोलस मादुरो.

अमेरिका ने सोमवार को आधिकारिक रूप से कार्टेल डे लॉस सोलेस को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया. ट्रंप सरकार ने यह फैसला वेनेज़ुएला और उसके कथित ड्रग-तस्करी नेटवर्क पर और अधिक दबाव डालने के मकसद से क‍िया है. अमेरिकी वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट की गई इस अधिसूचना को विशेषज्ञ वॉशिंगटन की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक मान रहे हैं. एक हफ्ते पहले अमेर‍िकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कार्टेल डे लॉस सोलेस को दुन‍िया में आतंकी हिंसा के लिए जिम्मेदार बताया था.

इस फैसले से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका वेनेज़ुएला को लेकर अपनी नीति में और अधिक आक्रामक कदम उठा सकता है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार जोर दे चुके हैं कि वेनेज़ुएला पर सैन्य कार्रवाई उनके विकल्पों में शामिल है, भले ही समय-समय पर उन्होंने बातचीत की संभावना भी जताई हो. किसी भी सैन्य हमले या विस्तृत ऑपरेशन से अमेरिकी अभियानों का दायरा काफी बढ़ सकता है. पिछले कुछ महीनों में अमेरिका कैरेबियन क्षेत्र में बड़ी सैन्य तैनाती कर चुका है और ड्रग-तस्करी से जुड़े माने जाने वाले जहाज़ों पर हमले किए हैं, जिनमें 80 से अधिक लोगों की मौत हुई है. अधिकारी दावा करते हैं कि ये जहाज़ कार्टेल नेटवर्क द्वारा संचालित थे, हालांकि इन दावों को लेकर अमेरिका ने बहुत कम सबूत सार्वजनिक किए हैं.

क्या है ‘कार्टेल डे लॉस सोलेस’?

कार्टेल डे लॉस सोलेस शब्द 1990 के दशक में जन्मा था. यह वेनेज़ुएला सेना के उन वरिष्ठ अधिकारियों के लिए इस्तेमाल होता था, जिन पर कोकीन तस्करी के जरिए मोटी कमाई का आरोप लगता था. सैन्य वर्दी पर मौजूद ‘सूरज’ वाले प्रतीक (सोल) से ही इस कार्टेल का नाम पड़ा. समय के साथ, खासकर ह्यूगो चावेज़ और बाद में निकोलस मादुरो के शासन में, यह नेटवर्क और व्यापक होता गया. आज यह शब्द उन वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, पुलिसकर्मियों, खुफिया एजेंटों और सरकारी नेताओं के लिए प्रयुक्त होता है, जिन पर ड्रग-तस्करी, खनन माफिया, ईंधन तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप रहे हैं. 2020 में अमेरिकी न्याय विभाग ने इसे एक मादुरो-नेतृत्व वाले नर्को-टेररिज़्म संगठन के रूप में दर्ज किया और राष्ट्रपति मादुरो तथा उनके कई करीबी सहयोगियों पर मुकदमे दर्ज किए.

एक बड़ा संकेत

अब तक अमेरिका की विदेशी आतंकी संगठन सूची में केवल इस्लामिक स्टेट, अल-कायदा जैसे खतरनाक वैश्विक आतंकी समूह शामिल होते थे. लेकिन इस वर्ष अमेरिका ने अपनी नीति बदली और फरवरी में उसने लातिन अमेरिका के आठ आपराधिक नेटवर्कों को भी इस सूची में डाला. कार्टेल डे लॉस सोलेस को इसमें जोड़ना एक बड़ा संकेत है कि वॉशिंगटन अब राज्य-समर्थित आपराधिक नेटवर्कों को भी वैश्विक आतंकी खतरे के रूप में देख रहा है.

वेनेज़ुएला का तीखा विरोध

अमेरिका के इस फैसले पर मादुरो सरकार ने कड़ा बयान जारी किया है. वेनेज़ुएला के विदेश मंत्री इवान गिल ने टेलीग्राम पर अमेरिकी आरोपों को हास्यास्पद गढ़ंत बताया. उन्होंने लिखा, वेनेज़ुएला अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा गढ़े गए इस नए और हास्यास्पद झूठ को पूरी तरह खारिज करता है, जिसमें एक अस्तित्वहीन कार्टेल को आतंकी संगठन बताया गया है. गिल ने इसे गिराने की साज़िश बताया और कहा कि अतीत में ऐसे सभी अमेरिकी प्रयास विफल हुए हैं और यह नया हमला भी विफल होगा.

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Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें

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अल-कायदा की तरह अब मादुरो से जुड़ा ‘कार्टेल डे लॉस सोलेस’ भी आतंकी संगठन घोषित



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