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Sidhi News: डॉ आरपी परौहा ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि मदार केवल धार्मिक महत्व वाला पौधा ही नहीं है बल्कि यह औषधीय गुणों का खजाना है. इसके रस में प्राकृतिक दर्दनाशक गुण होते हैं, जो एक्जिमा, फोड़े-फुंसियों, खुजली और सूजन ठीक करने में कारगर हैं.
सीधी. मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में कई ऐसे पेड़-पौधे मिलते हैं, जिनका उपयोग केवल जंगल और गांवों की परंपराओं तक सीमित है लेकिन उनकी उपयोगिता बेहद चौंकाने वाली है. इन्हीं में से एक औषधीय पौधा है मदार, जिसे आम भाषा में आक या अकौआ कहा जाता है. यह पौधा अक्सर घरों के आसपास, खेतों की मेढ़ पर और बंजर जमीनों पर आसानी से उग आता है लेकिन इसके औषधीय गुणों के बारे में कम लोग जानते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मदार के फूल भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं.
औषधीय गुणों का खजाना मदार का पौधा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ आरपी परौहा ने लोकल 18 से कहा कि मदार केवल धार्मिक महत्व वाला पौधा नहीं बल्कि औषधीय गुणों का खजाना है. इसके रस में प्राकृतिक दर्दनाशक गुण होते हैं, जो फोड़े-फुंसियों, एक्जिमा, खुजली और सूजन में कारगर हैं. पाचन तंत्र कमजोर होने पर, पेट दर्द, कब्ज या अपच जैसी समस्या में मदार का नियंत्रित उपयोग काफी राहत देता है.
अस्थमा में भी लाभकारी मदार का पौधा
डॉ परौहा के अनुसार, यह पौधा अस्थमा, पुरानी खांसी और सांस की समस्याओं में भी लाभकारी है. इसके नियमित लेकिन नियंत्रित उपयोग से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और सामान्य संक्रमणों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. हालांकि चेतावनी के तौर पर उन्होंने कहा कि मदार जहरीला पौधा है, इसलिए इसका सेवन या उपयोग विशेषज्ञ की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए.
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राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.


