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Sakat Chauth 2025 Katha: 17 जनवरी को है तिलकुट चौथ, गणेश पूजा समय पढ़ें यह व्रत कथा, धन-धान्य से भरेगा घर, दूर होंगे संकट!


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Sakat Chauth 2025 Katha: सकट चौथ का व्रत 17 जनवरी शुक्रवार को रखा जाएगा. इस दिन पूजा के दौरान गणेश जी को तिलकुट का भोग लगाते हैं और सकट चौथ की व्रत कथा पढ़ते हैं. विघ्नहर्ता श्री गणेश जी के आशीर्वाद से मनोकामनाएं पूरी होती…और पढ़ें

सकट चौथ: गणेश पूजा समय पढ़ें यह व्रत कथा, धन-धान्य से भरेगा घर, दूर होंगे संकट

सकट चौथ 2025 कथा.

तिलकुट चौथ यानि सकट चौथ का व्रत 17 जनवरी शुक्रवार को रखा जाएगा. इस दिन माताएं अपने संतान के सुखी जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और गणेश जी की पूजा करती हैं. विघ्नहर्ता श्री गणेश जी के आशीर्वाद से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन पूजा के दौरान गणेश जी को तिलकुट का भोग लगाते हैं और सकट चौथ की व्रत कथा पढ़ते हैं. व्रत कथा पढ़ने से आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है और उसकी महत्ता पता चलती है. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी बता रहे हैं सकट चौथ की व्रत कथा के बारे में.

ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी का कहना है​ कि सकट चौथ व्रत की अलग अलग कथाएं हैं. इसमें एक कथा शिव पुराण की है, जिसमें भगवान कार्तिकेय और गणेश जी के बीच पृथ्वी की परिक्रमा करने वाली है. जिसमें गणेश जी भगवान शिव और माता पार्वती की ​परिक्रमा करके यह प्रतियोगिता जीत जाते हैं, जबकि उनके बड़े भाई पृथ्वी का चक्कर लगाकर आते हैं, फिर भी वे हार जाते हैं क्योंकि गणेश जी अपनी बुद्धि से साबित करते हैं कि पृथ्वी से बड़े तो माता पिता हैं, जिनके चरणों में सभी लोक वास करते हैं.

इस पर शिवजी गणेश जी को प्रथम पूज्य होने का आशीर्वाद देते हैं और वरदान देते हैं कि जो भी व्यक्ति चौथ व्रत रखकर गणेश पूजन करेगा और चंद्रमा को अर्घ्य देगा, उसे सुख, समृद्धि, पुत्र, धन आदि प्राप्त होगा. उसके संकट मिट जाएंगे.

सकट चौथ की कथा
सकट चौथ की एक और कथा है, जो एक बुढ़िया से जुड़ी है. इसको भी पढ़ा जाता है. आइए जानते हैं इस कथा के बारे में.

एक समय की बात है, एक नगर में एक नेत्रहीन बुढ़िया थी, जो गणेश जी की भक्त थी. वह हर माह में चतुर्थी का व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करती थी. एक दिन गणेश जी उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर प्रकट हो गए. उन्होंने उस बुढ़िया से कहा कि आज जो चाहो, मांग लो, तुम्हारी मनोकामना पूरी होगी. इस पर बुढ़िया ने कहा कि प्रभु! मांगना तो नहीं आता है. फिर कैसे क्या मांगा जाए?

इस पर गणपति बप्पा ने कहा कि अपने बेटे और बहू से पूछ लो कि क्या मांगना चाहिए? इस पर वह बुढ़िया अपने बेटे के पास गई और पूछा कि गणेश जी से क्या मांग लिया जाए? उसने कहा कि धन मांग लो, जबकि बहू ने कहा कि अपने लिए नाती मांग लो. उस बुढ़िया ने आसपड़ोस के लोगों से भी पूछा. लोगों ने कहा कि तुम्हें धन और नाती से क्या लाभ? अपने लिए आंखें मांग लो.

वह बुढ़िया लौटकर गणेश जी के पास गई और बोली कि हे भगवान! आप प्रसन्न हैं तो 9 करोड़ की माया दो, निरोगी काया दो, अखंड सुहाग दो, आंखों की रोशनी दो, नाती और पोता दो, सुख और समृद्धि दो और जीवन के अंत में मोक्ष दो.

बुढ़िया की बातें सुनकर गणेश जी ने कहा कि तुमने तो ठग लिया. फिर भी जाओ, तुम्हारी सभी मनोकामना पूर्ण हो. इतना कहकर गणेश जी वहां से चले गए. गणेश जी के आशीर्वाद से बुढ़िया अपनी आंखों से देखने लगी. घर धन और धान्य से भर गया. कुछ समय बाद उसे नाती का सुख प्राप्त हुआ. उसकी सभी मनोकामना पूर्ण हो गई.

सकट चौथ 2025 मुहूर्त
माघ कृष्ण चतु​र्थी तिथि का प्रारंभ: 17 जनवरी, सुबह 04:06 बजे से
माघ कृष्ण चतु​र्थी तिथि का समापन: 18 जनवरी, सुबह 05:30 बजे पर
अभिजीत मुहूर्त: 12:10 पी एम से 12:52 पी एम
सौभाग्य योग: प्रात:काल से लेकर देर रात 12:57 तक
शोभन योग: देर रात 12:57 बजे से अगली सुबह
चांद निकलने का समय: रात 09:09 बजे

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