अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्रेडिट न मिलने पर एक बार फिर चिढ़ गए. इस बार निशाने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की हैं. ट्रंप ने आरोप लगाया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका ने भारी-भरकम मदद की, इसके बावजूद यूक्रेन ने थैंक्स नहीं बोला. उनकी कोशिशों को कभी वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वे खुद को हकदार मानते हैं. ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिका ने रूस यूक्रेन जंग खत्म करने के लिए एक पीस प्लान पेश किया है. जेनेवा में अमेरिका, यूक्रेन और यूरोपियन यूनियन के नेताओं के बीच बातचीत चल रही है. अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री मार्को रुबियो और स्टीव विटकॉफ और यूक्रेन की ओर से एंड्री येरमाक इसमें शामिल हैं.
‘अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो युद्ध होता ही नहीं’
ट्रंप ने फिर दावा दोहराया कि यदि 2020 का चुनाव रिग्ड एंड स्टोलन न होता, तो रूस–यूक्रेन युद्ध कभी नहीं होता. उन्होंने लिखा, मैंने एक ऐसा युद्ध इनहेरिट किया जो कभी होना ही नहीं चाहिए था. अगर 2020 चुनाव चोरी न हुआ होता, तो पुतिन कभी हमला नहीं करते. मेरे पहले कार्यकाल में इसका नाम तक नहीं लिया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध में लाखों लोग बेवजह मारे गए हैं और यह लड़ाई हर किसी के लिए नुकसानदेह साबित हुई है.
बाइडेन पर हमला, NATO पर टिप्पणी
ट्रंप ने राष्ट्रपति बाइडेन को एक बार फिर स्लीपी जो कहा और आरोप लगाया कि बाइडेन ने यूक्रेन को सबकुछ फ्री-फ्री-फ्री दे दिया, जिससे अमेरिकी हितों को नुकसान हुआ. उन्होंने NATO पर भी तंज कसा, अमेरिका ने लाखों–करोड़ों डॉलर के हथियार NATO को दिए, जो बाद में यूक्रेन तक पहुंचे. ट्रंप के अनुसार, यह सब बिना किसी उचित रणनीति के हुआ.
ट्रंप ने यूरोपीय देशों को पाखंडी बताते हुए कहा, यूरोप युद्ध पर अमेरिका से कड़े बयान दिलवाता है लेकिन खुद रूस से तेल खरीदना जारी रखता है. इससे रूस की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और बोझ अमेरिका पर आ जाता है. ट्रंप का दावा है कि यदि अमेरिका ने हथियार न दिए होते, तो यूक्रेन इस स्थिति में नहीं होता.
पहली बार नहीं खिझे ट्रंप



