How old rice is good for health: देश में चावल एक मुख्य भोजन में शामिल है. गरमा-गरम चावल-दाल खाने के लिए मिल जाए तो मूड खुश हो जाता है. रोटी की बजाय काफी लोगों को चावल खाना पसंद होता है. हालांकि, मार्केट से आजकल ज्यादातर लोग नया चावल खरीद कर लाते हैं, क्योंकि इसमें चमक होती है. इसकी खुशबू बेहद अच्छी होती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि नए चावल से भी कहीं अधिक पुराना चावल सेहत के लिए अच्छा होता है? आयुर्वेद में पुराने चावल को सेहत का खजाना कहा जाता है. चलिए जान लेते हैं कैसे पुराना चावल सेहत के लिए बेस्ट है.
पुराना चावल खाने के फायदे
-भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, आयुर्वेद में पुराने चावल को खाने की सलाह दी गई है, क्योंकि ये नए चावल से अधिक फायदे सेहत को पहुंचाता है. ऐसे में आप कम से कम एक साल पुराना चावल तो जरूर खाएं.
-आयुर्वेद के अनुसार, यदि पुराने चावल को सही तरीके से स्टोर किया जाए तो इसमें नमी कम नहीं होती है. नमी कम होने के कारण इसे पचाना आसान हो जाता है. खाने के बाद पेट भारी महसूस नहीं होता. वहीं, नए चावल में अधिक नमी होने के साथ ही स्टार्च भी होता है, जिससे कुछ लोगों को गैस, ब्लोटिंग, भारीपन, अपच आदि समस्याएं होने लगती हैं. पुराना चावल हल्का और सुपाच्य होता है.
-पुराने चावल का एक और फायदा ये है कि ये पकता अच्छी तरह से है. पकाते समय इसके दाने एक-दूसरे से चिपकते नहीं. इस चावल से आप जो भी बनाएं, पुलाव, सिंपल राइस, खिचड़ी सभी फूले-फूले और स्वादिष्ट बनते हैं. आयुर्वेद में इसे ‘लघु’ (हल्का) और ‘स्निग्ध’ (चिकना) माना गया है, जो वात-पित्त दोषों को संतुलित करता है.
-यदि आपको कब्ज की समस्या रहती है तो आप पुराना चावल खाएं. गर्मियों और बारिश में नए चावल की बजाय पुराने चावल का सेवन करना अधिक लाभदायक है. नए चावल में नमी अधिक होती है और इससे फंगल इंफेक्शन होने का खतरा रहता है.
किन लोगों को पुराना चावल नहीं खाना चाहिए
यदि आपको कोई शारीरिक समस्या है, चावल खाने से परहेज करते हैं तो डॉक्टर से सलाह लेकर सेवन करें. कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों में इसका सेवन हानिकारक हो सकता है. डायबिटीज के मरीजों को चावल बिल्कुल नहीं खाना चाहिए, क्योंकि ये शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है. आपको पुराना या नया चावल, जो भी खाना है, डॉक्टर से सलाह लेकर ही खाएं. वजन भी लगातार बढ़ रहा है तो चावल बेहद कम मात्रा में खाएं. चावल में कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है. अधिक खाने से कैलोरी बढ़ती है, जिससे वेट गेन (Weight gain) हो सकता है.



