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डोनाल्ड ट्रंप को सता रहा ईरान से कैसा खतरा? चुनाव प्रचार के लिए मांग लिया कमला हैरिस जैसा विमान


न्यूयॉर्क. अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में अब एक महीने से भी कम वक्त बचा है. 5 नवंबर को यहां वोटिंग होगी, जिसके लिए चुनाव प्रचार जोरशोर से चल रहा है. हालांकि इस बीच राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को ईरान से जान का खतरा सता रहा है. ईरान से मिल रही धमकियों के बीच ट्रंप के सहयोगियों ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की मांग की है. इनमें पूर्व राष्ट्रपति को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए ऐसे सैन्य विमान भी शामिल हैं, जो सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को मार गिरा सकते हैं.

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के लिए सेना के ऐसे विमान इस्तेमाल करने की मांग की है, जो सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को मार गिरा सकते हैं. ट्रंप की इस मांग को बहुत ही असाधारण माना जा रहा है. न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने अपने आवास और रैलियों के ऊपर उड़ान प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाने और आवाजाही के लिए कई सैन्य वाहनों की मांग की है.

पहली बार किसी उम्मीदवार ने मांगा है सैन्य विमान
हाल के दिनों में ऐसा पहली बार हुआ है जब राष्ट्रपति पद के किसी उम्मीदवार ने चुनाव प्रचार के लिए सैन्य विमानों का इस्तेमाल करने की मांग की हो. मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को सैन्य सुरक्षा प्राप्त है. वह एयरफोर्स टू से यात्रा करती हैं, जो एक सैन्य विमान है. ऐसा इसलिए है कि वह मौजूदा उपराष्ट्रपति हैं.

ट्रंप के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने पिछले महीने एक बयान में कहा था कि खुफिया निदेशक ऑफिस ने ट्रंप को ईरान से मिल रही उन खतरों को लेकर आगाह किया था, जिनका मकसद अमेरिका को अस्थिर करना और वहां अराजकता फैलाना है. चेउंग ने उस वक्त कहा था, ‘खुफिया अधिकारियों ने पाया है कि पिछले कुछ महीनों में इस तरह के सुनियोजित हमलों में इजाफा हुआ है.’

ट्रंप पर हमले के पीछे ईरान का हाथ!
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर भी इस दावे को दोहराते हुए लिखा था, ‘ईरान की तरफ से कुछ कोशिशें की गई थीं जो नाकाम रहीं. लेकिन वो फिर से कोशिश करेंगे.’ हालांकि, इन दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं है. एफबीआई ने भी इस बात की पुष्टि नहीं की है कि ट्रंप पर हमले के पीछे ईरान का हाथ है.

अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का मानना है कि ईरान के नेता अपने सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेना चाह रहे हैं. जनरल सुलेमानी की मौत 2020 में बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में हुई थी. उस वक्त ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे. अधिकारियों का मानना है कि अमेरिका के भीतर हमला करने की ईरान की क्षमता सीमित है.

उधर सीक्रेट सर्विस ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि ट्रंप को पहले से ही ‘उच्चतम स्तर की सुरक्षा’ मिल रही है. उधर राष्ट्रपति जो बाइडन ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें ट्रंप के अनुरोध को मंजूरी देने में खुशी होगी. उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप अंतिम चरण में सैन्य विमान का उपयोग करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं, जब तक कि ‘वह एफ-15 नहीं मांगते.’

Tags: Donald Trump, US Presidential Election 2024



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