You are currently viewing कौन सी पिस्टल इस्तेमाल करती हैं पेरिस ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली मनु भाकर, कितनी है कीमत? 

कौन सी पिस्टल इस्तेमाल करती हैं पेरिस ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली मनु भाकर, कितनी है कीमत? 


Which pistol does use Manu Bhaker: मनु भाकर, पेरिस ओलंपिक 2024 में डबल पदक विजेता. यह एक ऐसा वाक्य है जो आजाद भारत में न पहले कभी लिखा और पढ़ा गया. पिस्टल शूटर मनु भाकर ने इतिहास रच दिया. वह भारत की पहली ऐसी खिलाड़ी बन गई हैं, जिसके नाम एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया है. मनु ने पहला पदक (ब्रॉन्ज) महिलाओं की दस मीटर एयर पिस्टल में जीता. उसके बाद मनु और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने दस मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर तहलका मचा दिया. कुछ खेल ऐसे होते हैं जिनमें उपकरणों का भी एथलीट की सफलता में उतना ही योगदान होता है जितना उसकी प्रतिभा का.  

आइये आपको बताते हैं कि मनु भाकर ने किस कंपनी की पिस्टल से यह इतिहास रचा है. मनु भाकर जब शूटिंग की प्रतियोगिता में भाग लेती हैं तो वह मशहूर जर्मन फायरआर्म कंपनी वाल्थर द्वारा बनाई गई पिस्टल का इस्तेमाल करती हैं. जर्मन कंपनी वाल्थर को निशानेबाजी प्रतियोगिताओं के लिए हाई क्वलिटी एयर पिस्टल बनाने के लिए जाना जाता है. इन पिस्टल का दुनिया भर के दिग्गज निशानेबाज ओलंपिक सहित अन्य शूटिंग चैंपियनशिप में करते हैं. हालांकि काफी खोजने के बाद यह तो नहीं मालूम चल सका कि मनु भाकर वाल्थर पिस्टल के किस खास मॉडल का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन मॉडल और उसकी खासियत के आधार पर वाल्थर पिस्टल की कीमत लगभग 83 हजार रुपये से 250,000 रुपये के बीच होती है. 

Paris Olympics: विजेताओं को मेडल के साथ मिल रहा है स्पेशल बॉक्स, आखिर इसमें क्या है?

टोक्यो में पिस्टल ने दे दिया था धोखा
जो मनु पेरिस में इतिहास रचने में सफल रही हैं, उन्हीं मनु ने टोक्यो ओलंपिक 2021 के बाद निशानेबाजी को अलविदा कहने का मन बना लिया था. टोक्यो ओलंपिक के क्वालीफाइंग राउंड में मनु की पिस्टल खराब हो गई थी. उन्हें 44 शॉट लगाने थे, लेकिन 20 मिनट तक वो निशाना नहीं लगा पायीं. जब उनकी पिस्टल ठीक हुई तब भी मनु केवल 14 शॉट ही लगा सकीं और फाइनल की दौड़ से बाहर हो गईं. इसके बाद वह शूटिंग रेंज से रोती हुई बाहर निकली थीं. तब उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. वो इस घटना के बाद इतनी निराश हो गई थीं कि निशानेबाजी छोड़ने का मन बनाने लगी थीं. लेकिन मनु भाकर ने इन सबसे उबरते हुए अपने खेल में सुधार किया और पेरिस में इतिहास रचने में कामयाब रहीं. जाहिर बात है कि उनकी सफलता में उनकी वाल्थर पिस्टल ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 

ये भी पढ़ें- ओलंपिक में भारत की पहली महिला खिलाड़ी नोरा पोली की कहानी, जो थीं यूपी के इस छोटे से शहर की बेटी

मां की वजह से खेल को बनाया करियर
मनु भाकर की मां डॉक्टर सुमेधा एक स्कूल में प्रिंसिपल हैं. एजुकेशन फील्ड में होने के नाते डॉक्टर सुमेधा अपनी बेटी को मेडिकल के क्षेत्र में भेजना चाहती थीं. उनकी इच्छा थी कि उनकी बेटी बड़ी होकर डॉक्टर बने. लेकिन कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं. मनु के स्पोटर्स टीचर को उनमें एक बड़े खिलाड़ी के लक्षण नजर आए तो उन्होंने परिजनों को सलाह दी कि उसे खेलों की दुनिया में आगे बढ़ाया जाए. स्पोटर्स टीचर का कहना था कि डॉक्टर तो बहुत सारे लोग बनते हैं, लेकिन जब मनु देश के लिए पदक जीतेगी तो पूरी दुनिया उसे जानेगी. मां डॉक्टर सुमेधा को यह बात जंच गई. उन्होंने अपनी बेटी को खिलाड़ी बनाने की ठान ली. 

बॉक्सिंग भी की, मॉर्शल आर्ट भी
यह तो तय हो गया कि मनु खेलों में भाग्य आजमाएंगी. लेकिन उनके पिता रामकिशन की इच्छा थी कि वह बॉक्सर बनें. मनु के भाई भी मुक्केबाजी करते थे तो वह भी करने लगी. मनु ने बॉक्सिंग में राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जूनियर स्तर पर पदक भी जीते. एक दिन प्रैक्टिस के दौरान आंख पर चोट लग गई तो जोखिम देखते हुए मां ने उन्हें  बॉक्सिंग से हटा लिया. इसके बाद मनु ने मॉर्शल आर्ट में हाथ आजमाया. फिर उन्होंंने तीरंदाजी और टेनिस सहित कई खेलों में हाथ आजमाया. लेकिन उनका किसी और खेल में मन नहीं लगा. फिर मनु ने पिस्टल थामी और निशानेबाजी में हाथ आजमाया. यह उनका पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने की ओर उठाया गया पहला कदम था.  

Tags: 2024 paris olympics, Indian Shooting Team, Paris olympics, Paris olympics 2024



Source link

Leave a Reply