नया साल 2026 आने वाला है और नया साल उम्मीद की किरण लेकर आता है इसलिए सभी को नए साल का जश्न मनाना चाहिए. लेकिन नए साल आने से पहले घर की साफ-सफाई और चीजों को वास्तु अनुसार व्यवस्थित करना चाहिए. बहुत से लोग नया साल शुरू होने से पहले घर में सकारात्मक बदलाव करना चाहते हैं. इसी कड़ी में वास्तु और धार्मिक मान्यताओं में घर के भीतर या बेहद पास उगे पीपल के पेड़ को अशुभ माना गया है. कहा जाता है कि पीपल का पेड़ जहां पूजा के लिए पवित्र है, वहीं उसका घर के आंगन या दीवार से सटकर होना वास्तु दोष का कारण भी बन सकता है. मान्यता है कि इससे घर में दरिद्रता, तनाव और मानसिक अशांति बढ़ सकती है, जो आप कतई नहीं चाहेंगे कि यह आपको नए साल में मिले. आइए जानते हैं घर में ऐसे ही पीपल का पेड़ उग आए तो उसको किस तरह हटाना चाहिए…

पीपल में देवताओं का वास
कई बार ना चाहते हुए भी घर में पीपल का पेड़ उग आता है, जो कि अशुभ माना गया है और इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है. धार्मिक ग्रंथों और लोक परंपराओं के अनुसारस पीपल में देवताओं का वास माना जाता है और कई मौके पर पीपल की पूजा भी की जाती है, इसलिए इसे काटना या हटाना सामान्य काम नहीं है, इसी वजह से इसके लिए खास नियम और विधि बताई गई है, ताकि दोष ना लगे और पुण्य भी बना रहे.

पीपल को लेकर वैज्ञानिक तथ्य
विज्ञान के अनुसार, पीपल सबसे अधिक ऑक्सीजन छोड़ता है लेकिन रात के समय सबसे अधिक कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) निकालता है. जो मनुष्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है और जान पर तक बात आ जाती है. रात के समय पीपल के लिए प्रकाश संश्लेषण रुक जाता है, लेकिन सभी पेड़-पौधों की तरह पीपल भी सांस लेता है, जिसमें वह ऑक्सीजन लेता है और CO2 छोड़ता है. इसलिए पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, केवल सुबह और दोपहर के समय ही जाना चाहिए.
पीपल का होना बेहद अशुभ
वास्तु के अनुसार, घर में या घर के पास पीपल का होना बहुत अशुभ माना जाता है. इसलिए जिन घरों में पीपल की छाया रहती है, वह कभी तरक्की नहीं कर पाते और उस घर में कोई ना कोई सदस्य बीमार रहता है. कई बार घर के अंदर तो छत पर पीपल उग आता है, ऐसे में जहां भी पीपल दिखे तो उसको तुरंत हटा देना चाहिए. मान्यता है कि सही तरीके से किया गया यह उपाय आने वाले साल में घर को वास्तु दोष से बचाता है और मन को भी संतोष देता है.
इन दिनों पीपल काटने से बचें
मान्यताओं के अनुसार, पीपल का पेड़ शनिवार, पूर्णिमा और अमावस्या के दिन बिल्कुल नहीं हटाना चाहिए, इन दिनों ऐसा करना अशुभ फल दे सकता है. अब पूर्णिमा तिथि तो निकल गई है लेकिन शनिवार और अमावस्या के दिन यह काम कर सकते हैं. पीपल हटाने से पहले कम से कम 45 दिनों तक उसकी नियमित पूजा करने की परंपरा है. इस दौरान रोज सुबह पीपल पर कच्चा दूध चढ़ाया जाता है, दीपक जलाया जाता है और मन से क्षमा मांगी जाती है. इन 45 दिनों की पूजा का उद्देश्य यही माना जाता है कि पेड़ में वास करने वाली सकारात्मक ऊर्जा और देवत्व से अनुमति ली जाए. इसके बाद किसी शुभ तिथि और शुभ मुहूर्त में, विद्वान या जानकार की सलाह से पीपल को हटाया जाता है.

इस दिन पीपल को हटाएं
अगर आपके घर के बाहर पहले से कोई पीपल का बड़ा पेड़ लगा है और उसकी छाया घर पर पड़ रही है तो आपके घर में आर्थिक संकट मंडराने लगता है. ऐसे में रविवार को उस पीपल के पेड़ की पूजा करके आप उसे छंटवा सकते हैं. कहते हैं कि बिना पूजा किए पीपल का पेड़ काटने से पितृ दोष लगता है. कई लोग पेड़ को पूरी तरह काटने की बजाय उसे किसी मंदिर, सुनसान स्थान या खुले क्षेत्र में स्थानांतरित भी कराते हैं, ताकि धार्मिक आस्था बनी रहे.


