
नई दिल्ली. कई ऑफिस जाने वाले इस बात से सहमत होंगे कि ट्रैफिक में फंसना एक रोजमर्रा की परेशानी है, खासकर नोएडा या गुड़गांव जैसे व्यस्त इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए, जिन्हें लगभग हर दिन इस दर्द से गुजरना पड़ता है. अगर आप इन इलाकों में रहते हैं तो आप अपॉइंटमेंट, फ्लाइट या यहां तक कि समय पर ऑफिस पहुंचने के लिए आप काफी पहले घर से निकलते होंगे. फिर भी, दिल्ली-एनसीआर का सबसे खराब जाम भी साल 2010 में बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेसवे पर लगे जाम की बराबरी नहीं कर सकता.
सोच कर देखिए जरा कि आप ट्रैफिक जाम में कुछ घंटे नहीं, बल्कि 12 दिनों तक फंसे हुए हैं. जी हां, इतिहास का सबसे लंबा ट्रैफिक जाम दो चार घंटे का नहीं, बल्कि 12 दिनों तक लगा रहा. इस ट्रैफिक जाम में हजारों यात्री फंसे हुए थे. ये जाम 100 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा था और इसने जिंदगी को पूरी तरह से रोक दिया था.
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कैसे शुरू हुआ सब
ये जाम 14 अगस्त 2010 को शुरू हुआ था. दरअसल, उस जगह पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था और भारी वाहनों का वहां आना जाना लगा हुआ था. इसकी वजह से ट्रैफिक जाम लग गया. मंगोलिया से बीजिंग तक कोयला और निर्माण सामग्री ले जाने वाले ट्रकों ने एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया, जो चल रहे सड़क निर्माण के कारण पहले से आंशिक रूप से बंद था. इसी बीच गाड़ियों में मेकेनिकल खराबी आ गई. ये सारी परिस्थितियां एक साथ हो गईं और एक असाधारण जाम की स्थिति पैदा हो गई. इसने कई दिनों तक वाहनों को रोके रखा. जो लोग फंस गए थे, उनके लिए जीवन एक दैनिक संघर्ष बन गया. लोगों को अपनी कारों में सोना, खाना और सहना पड़ा.
कैसे हटा जाम
मोटरवे को साफ करने के लिए, अधिकारियों ने तुरंत अन्य सड़कों पर यातायात रोक दिया. फंसे हुए ट्रकों को पहले हटाया गया. इससे यातायात धीरे-धीरे वापस आ सके. दुनिया का सबसे लंबा जाम 26 अगस्त 2010 को 12 दिनों के कोशिश के बाद खत्म हुआ.
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FIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 16:51 IST



