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S Jaishankar Trump: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में BRICS विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी की और शांति, कूटनीति व अंतरराष्ट्रीय कानून की अहमियत पर जोर दिया. जो अमेरिका ब्रिक्स के खिलाफ बयान देता था उसके घर में ही डॉ. जयशंकर ने यह मीटिंग की है.
डॉ. एस. जयशंकर ने की ब्रिक्स देशों की मीटिंग.BRICS Meeting In US: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ब्रिक्स देशों के ग्रुप से सबसे ज्यादा चिढ़ते हैं. इसके खिलाफ कुछ दिनों पहले ट्रंप बयान भी दे रहे थे. वहीं ब्रिक्स के करीब जाने वाले देशों को उन्होंने टैरिफ की धमकी दी थी, लेकिन अब भारत ने अमेरिका की जमीन पर ही ब्रिक्स की मीटिंग कर दी है. न्यूयॉर्क में शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने BRICS देशों के विदेश मंत्रियों की अहम बैठक की मेजबानी की. इस दौरान उन्होंने दुनिया को एक सख्त और साफ संदेश दिया- ‘BRICS को आज की अशांत दुनिया में शांति, बातचीत और कूटनीति की आवाज बनना होगा.’ डॉ. जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंचे हैं. भारतीय समय के मुताबिक शनिवार को रात 10 बजे के बाद उनका भाषण हो सकता है. लेकिन UNGA में बोलने से पहले उन्होंने कई मीटिंग्स की हैं.

एस जयशंकर ने ब्रिक्स वदेश मंत्रियों की मीटिंग की.
भारत संभालेगा BRICS की अध्यक्षता
इस मीटिंग में डॉ. जयशंकर ने जोर देकर कहा कि यह समूह हमेशा संतुलित सोच और सकारात्मक बदलाव की दिशा में काम करता आया है और अब उसे और मजबूती से अपनी भूमिका निभानी होगी. विदेश मंत्री ने साफ किया कि भारत की BRICS अध्यक्षता में प्राथमिकताएं बिल्कुल स्पष्ट होंगी- खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन से निपटना और सतत विकास पर ठोस कदम. उन्होंने कहा कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, स्टार्टअप्स, इनोवेशन और विकास साझेदारी ही आने वाले समय में BRICS सहयोग का नया आधार बनेंगे. भारत 2026 में BRICS की अध्यक्षता संभालेगा. इस संदर्भ में जयशंकर का यह बयान भविष्य की रणनीति को दिशा देने वाला माना जा रहा है.
फिलिस्तीन भी बनना चाहता है ब्रिक्स का सदस्य
बैठक में एक और अहम मुद्दा उभरकर सामने आया- फिलिस्तीन की BRICS में सदस्यता की अर्जी. फिलिस्तीन के राजनयिक नुफाल ने बताया कि औपचारिक तौर पर आवेदन कर दिया गया है, हालांकि ‘कुछ शर्तों’ के चलते फिलिस्तीन को पहले अतिथि सदस्य के तौर पर शामिल किया जा सकता है. BRICS का दायरा हाल ही में काफी बढ़ा है. जहां पहले इसमें सिर्फ ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका थे, वहीं 2024 में इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और यूएई को जोड़ा गया. साल 2025 में इंडोनेशिया भी इसमें शामिल हो गया. अब फिलिस्तीन की एंट्री इस संगठन को और व्यापक बना सकती है.
ब्रिक्स के खिलाफ हैं ट्रंप
दुनिया में अगर डोनाल्ड ट्रंप किसी बहुपक्षीय ग्रुप के खिलाफ हैं तो वह ब्रिक्स है. ऐसा इसलिए क्योंकि BRICS को अकसर अमेरिका-प्रभुत्व वाली आर्थिक व्यवस्था के विकल्प के तौर पर देखा जाता है. चीन और रूस खुलकर कह चुके हैं कि ब्रिक्स को दुनिया के लिए एक वैकल्पिक आर्थिक मंच बनाना चाहिए. ट्रंप ने जुलाई में कहा था कि जो भी देश अमेरिका-विरोधी नीतियों के तहत BRICS के साथ खड़े होंगे, उन्हें 10% अतिरिक्त टैरिफ झेलना पड़ेगा.

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें



