Last Updated:
Trump Gold Card: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘ट्रंप गोल्ड कार्ड’ वीजा प्रोग्राम लॉन्च किया है. उनका कहना है कि इससे अमेरिकी खजानों में अरबों डॉलर आएंगे. साथी प्रेसिडेंट ट्रंप ने कहा कि इस वीजा प्रोग्राम से टैलेंटेड लोगों को अमेरिका में लाना आसान होगा. गोल्ड कार्ड के समर्थन में ट्रंप ने एप्पल चीफ टिम कुक का भी नाम लिया.
Trump Gold Card: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 दिसंबर 2025 को ट्रंप गोल्ड कार्ड लॉन्च किया. (फोटो: AP) Trump Gold Card: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया वीजा प्रोग्राम शुरू किया है, जिसे उन्होंने ट्रंप गोल्ड कार्ड का नाम दिया है. उन्होंने घोषणा की कि लोग बुधवार दोपहर से इस गोल्ड कार्ड नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे. राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि नए वीजा प्रोग्राम से अमेरिकी खजाने में अरबों डॉलर का इजाफा होगा. ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने लिखा, ‘अमेरिका सरकार का ट्रंप गोल्ड कार्ड आज से शुरू! योग्य और जांचे-परखे लोगों के लिए नागरिकता का सीधा रास्ता. बहुत उत्साहजनक! हमारी कंपनियां अब अपनी कीमती प्रतिभाओं को रोक कर रख सकेंगी. लाइव साइट 30 मिनट में खुल रही है!’ ट्रंप ने आगे बताया कि मेरे लिए और देश के लिए बहुत उत्साह की बात है कि हमने ट्रंप गोल्ड कार्ड लॉन्च कर दिया है. इससे मिलने वाला पूरा पैसा अमेरिकी सरकार को जाएगा… यह ग्रीन कार्ड जैसा है, पर इससे ज्यादा फायदे होंगे. कंपनियां किसी भी कॉलेज में जा सकेंगी, कार्ड खरीद सकेंगी और उस व्यक्ति को अमेरिका में रख सकेंगी… यह हमारे देश में बड़े प्रतिभाशाली लोगों को लाने का मौका देगा. गोल्ड कार्ड के लिए भारी-भरकम फीस चुकानी होगी, जिसका भारतीयों पर असर पड़ना तय है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कई प्रतिभाशाली छात्र कॉलेज से पास होने के बाद भारत, चीन या फ्रांस लौट जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘कंपनियां बहुत खुश होंगी. मुझे पता है एप्पल के टिम कुक भी काफी समय से इस बारे में बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी समस्या है, लेकिन अब नहीं रहेगी… इसके अलावा हम उम्मीद करते हैं कि इस कार्यक्रम से अमेरिकी खजाने में अरबों डॉलर जमा होंगे.’ ट्रंप पहले भी ऐसे गोल्ड कार्ड जैसी वीज़ा योजना की बात कर चुके हैं, जिसका उद्देश्य अमीर या अत्यधिक कुशल विदेशी नागरिकों को आकर्षित करना है, ताकि अमेरिका में शीर्ष प्रतिभा और बड़ा निवेश आए.
ट्रंप गोल्ड कार्ड की क्या हैं शर्तें?
- व्यक्तिगत आवेदक को अमेरिकी खजाने में 10 लाख डॉलर (1 मिलियन डॉलर) का योगदान देना होगा.
- कंपनी द्वारा स्पॉन्सर किए गए आवेदक को 20 लाख डॉलर देना होगा.
- साथ ही 15,000 डॉलर की नॉन-रिफंडेबल प्रोसेसिंग फीस भी होगी.

Trump Gold Card: अमेरिका में ट्रंप गोल्ड कार्ड लॉन्च कर दिया गया है. अत्यधिक फीसद होने की वजह से इसका भारतीयों पर असर पड़ना तय है.
प्लैटिनम कार्ड योजना क्या है?
एक तीसरा विकल्प प्लैटिनम कार्ड भी प्रस्तावित था, जिसमें कोई व्यक्ति 50 लाख डॉलर (5 मिलियन डॉलर) देकर साल में 270 दिन अमेरिका में रह सकता था, बिना विदेशी आय पर अमेरिकी टैक्स दिए. यह साफ नहीं है कि यह योजना अभी भी शामिल है या नहीं. वेबसाइट यह भी बताती है कि सिर्फ पैसा होना ही अमेरिका में एंट्री की गारंटी नहीं है. आवेदक को स्थायी निवास के लिए योग्य होना चाहिए, कानूनी रूप से प्रवेश योग्य होना चाहिए और वीज़ा स्लॉट उपलब्ध होना चाहिए. अमेरिकी इमिग्रेशन नियमों के तहत गोल्ड कार्ड धारक EB-1 या EB-2 वीज़ा कैटेगरी में आएंगे. ये वीज़ा आम तौर पर असाधारण योग्यता वाले लोगों को दिए जाते है जैसे टॉप रिसर्चर, फेमस प्रोफेसर, बड़े कलाकार, या बिजनेस लीडर्स. इनसे स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) और आगे चलकर नागरिकता का रास्ता मिलता है.
भारतीयों पर कितना असर?
ट्रंप गोल्ड कार्ड के लिए आवेदकों को भारी भरकम रकम चुकानी होगी. यदि आम भारतीय ह कार्ड लेना चाहे तो उसे 1 मिलियन डॉलर (लगभग 9 करोड़ रुपये) चुकाने होंगे. 5 मिलियन डॉलर (लगभग 44 करोड़ रुपये) में धनकुबेर गोल्ड कार्ड हासिल कर सकेंगे. ऐसे में अमेरिकी नागरिकता हासिल कर पाना आम भारतीयों के लिए काफी महंगा हो जाएगा. इससे उन कुशल पेशेवरों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं, जो पहले से ही ग्रीन कार्ड के लिए सालों से इंतज़ार कर रहे हैं. इसके अलावा, EB-5 वीज़ा में लोग लोन ले सकते थे या पैसे मिलाकर निवेश कर सकते थे, लेकिन गोल्ड कार्ड वीज़ा के लिए पूरा पैसा एक साथ नकद देना होगा. इसी वजह से ज़्यादातर भारतीयों के लिए यह और भी मुश्किल हो जाएगा. भारतीयों के लिए अभी भी H-1B वर्क वीज़ा सबसे पसंदीदा विकल्प है. H-1B वीज़ा पर अमेरिका में काम कर रहे भारतीय भी गोल्ड कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते वे 5 मिलियन डॉलर की रकम भर सकें.
About the Author

बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें


