वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका की नागरिकता को एक सब्सक्रिप्शन सर्विस बना दिया है, जिसकी फीस के तौर पर वो हर ‘यूजर’ से 1 से 2 मिलियन डॉलर वसूल रहे हैं. हाल ही में ट्रंप ने अपनी इस पॉलिसी को फॉलो करते हुए ‘गोल्ड वीजा कार्ड’ लॉन्च कर दिया है, इस बार एच1बी, एल1 या फिर बी 2 जैसे कॉम्प्लीकेटेड नामों को छोड़कर एक सिंपल नाम दिया गया है और वो है ‘ट्रंप गोल्ड कार्ड’, जिसमें सबसे ज्यादा हाईलाइट ट्रंप की तस्वीर है, साथ में अमेरिका की नेशनल बर्ड और पीछे स्टैचू ऑफ लिबर्टी और बगल में ट्रंप के बड़े-बड़े सिग्नेटच दिए गए हैं.
क्या है Trump Gold Card की असलियत?
क्लब मेंबरशिप की तरह दिखने वाले इस कार्ड को लेकर ट्रंप ने वादे तो बहुत कर दिए लेकिन कई कंफ्यूजन अभी तक क्लियर नहीं हैं. साधारण शब्दों में कहें तो ट्रंप का गोल्ड वीजा कार्ड असल में एक परमानेंट वर्क वीजा है, ट्रंप कोई नया वीजा क्लास नहीं बल्कि सिर्फ अप्लाई करने का नया रास्ता निकाला है. अगर आप गोल्ड कार्ड ले रहे हैं तो ये EB1 या EB2 वीजा की तरह ही है, जो हाई स्किल्ड वर्कर्स के लिए रिजर्व होते हैं लेकिन इस बार आप इसे खरीद सकते हैं.
कितने में बेच रहे अमेरिकी नागरिकता का ‘सब्सक्रिप्शन प्लान’?
आपको इसके लिए पहले 15000 डॉलर्स की नॉन रिफंडेबल एप्लीकेशन फीस भरनी होगी. फिर अमेरिकी अधिकारी आपकी जांच करेंगे, इसमें पास होने के बाद आपको 1 मिलियन डॉलर्स देकर ‘ट्रंप गोल्ड कार्ड’ खरीदना होगा.
कंपनीज भी अपने वर्कर्स के लिए गोल्ड कार्ड खरीद सकती हैं. इसके लिए उन्हें 2 मिलियन डॉलर्स भरने होंगे. इसके साथ ही प्लैटिनम कार्ड भी जल्द ही आने वाला है, जिसके लिए 5 मिलियन डॉलर फीस रखी गई है. इस कार्ड को खरीदने वाले लोगों को 270 दिनों तक कोई अमेरिकी टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
क्या है झोल?
किसी पर रोक है या नहीं?
सिर्फ यही नहीं अगर 9 करोड़ रुपए देकर कोई भी नागरिकता खरीद सकता है तो क्या रूसी मूल के लोग अमेरिका के नागरिक बन सकते हैं? या फिर अगर अफ्रीकन हथियार डीलर्स भी गोल्ड कार्ड का फायदा उठा सकते हैं? अभी तक इन सभी सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं. ये देखना दिलचस्प होगा कि पैसों के लिए देश की नागरिकता को सब्सक्रिप्शन प्लान बनाकर बेच रहे ट्रंप किन देशों या लोगों को इससे दूर रखेंगे?


