How To Control Diabetes : डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो दुनियाभर में करोड़ों लोगों को प्रभावित करती है. जब किसी को डायबिटीज होती है तो उनके खून में शुगर का लेवल बहुत बढ़ जाता है और शरीर के सामान्य कामकाज में दिक्कत आती है. अगर ब्लड शुगर कंट्रोल न किया जाए तो इससे किडनी फेल होना, अंधापन, हार्ट डिजीज और दूसरी गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. जिन लोगों के परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, उनमें यह बीमारी कम उम्र से ही धीरे-धीरे बढ़ सकती है. अगर समय पर इलाज न किया जाए तो जेनेटिक्स और लाइफस्टाइल की वजह से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा काफी बढ़ जाता है. खासकर अगर माता-पिता या भाई-बहन को डायबिटीज है तो पहले से टेस्ट करवाना, लक्षणों के बारे में जागरूक रहना और लाइफस्टाइल में बदलाव करना बहुत जरूरी है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ब्लड टेस्ट और कभी-कभी जेनेटिक टेस्ट करवाकर भी डायबिटीज का खतरा पहले ही पता चल सकता है. अगर परिवार में डायबिटीज है तो आपके शरीर में ऐसे जीन हो सकते हैं जो इंसुलिन के काम करने के तरीके को प्रभावित करते हैं. इसका मतलब यह नहीं कि आपको डायबिटीज जरूर होगी, लेकिन दूसरों के मुकाबले खतरा ज्यादा है…
मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, गलत खानपान
मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, गलत खानपान और एक्सरसाइज न करना इस रिस्क को और बढ़ा सकते हैं. इसलिए शुरू से ही सतर्क रहना जरूरी है. डॉक्टर सलाह देते हैं कि 25 साल की उम्र से ही रेगुलर ब्लड शुगर टेस्ट करवाना चाहिए.
वजन ज्यादा है या ब्लड प्रेशर हाई
अगर वजन ज्यादा है या ब्लड प्रेशर हाई है तो और जल्दी टेस्ट करवाना चाहिए. फास्टिंग शुगर, पोस्ट मील शुगर और HbA1c जैसे टेस्ट से पता चलता है कि शरीर शुगर को कैसे मैनेज कर रहा है. सही समय पर टेस्ट करवाने से शुगर लेवल में बदलाव जल्दी पकड़ में आ जाता है.
बार-बार पेशाब आना
डायबिटीज के शुरुआती लक्षण बहुत हल्के होते हैं और अक्सर नजरअंदाज हो जाते हैं. इनमें ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, बिना वजह थकान, घाव का धीरे-धीरे भरना, बार-बार इंफेक्शन होना या अचानक वजन कम होना शामिल है. ऐसे लक्षणों को कभी नजरअंदाज न करें और तुरंत ब्लड शुगर टेस्ट करवाएं.
कम नींद और लगातार स्ट्रेस
डायबिटीज से बचाव में लाइफस्टाइल बदलाव बहुत जरूरी है. कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाने, ज्यादा फाइबर और खाने की मात्रा पर ध्यान देने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है. वॉकिंग या साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज और मसल्स की स्ट्रेंथ बढ़ाने वाली एक्सरसाइज इंसुलिन की सेंसिटिविटी बढ़ाती हैं. कम नींद और लगातार स्ट्रेस भी ब्लड शुगर को बिगाड़ सकते हैं. जेनेटिक टेस्ट से इंसुलिन रेजिस्टेंस और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म से जुड़े खास जीन पता चल सकते हैं.
डायबिटीज के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों के लिए बचाव के तरीके-
1. रेगुलर ब्लड टेस्ट : फास्टिंग शुगर, HbA1c और पोस्ट मील शुगर को लगातार चेक करें.
2. जेनेटिक टेस्ट : फैमिली रिस्क पता करवा कर उसी हिसाब से इलाज लें.
3. हेल्दी डाइट : कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला, ज्यादा फाइबर और लिमिटेड मात्रा में खाना खाएं.
4. एक्सरसाइज : एरोबिक और मसल्स स्ट्रेंथ बढ़ाने वाली एक्सरसाइज करें.
5. अच्छी नींद और स्ट्रेस कंट्रोल : इससे मेटाबॉलिज्म और हार्मोन बैलेंस ठीक रहता है.
6. लगातार मॉनिटरिंग : वजन, लाइफस्टाइल और ब्लड शुगर में बदलाव पर ध्यान दें.
Disclaimer : इस खबर में दी गई जानकारी और सलाह एक्सपर्ट्स से बातचीत पर आधारित है. यह सामान्य जानकारी है, पर्सनल सलाह नहीं. इसलिए किसी भी सलाह को अपनाने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें. किसी भी नुकसान के लिए News-18 जिम्मेदार नहीं होगा.


