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डब्ल्यूएफआई के फैसले से गुस्से में भारतीय रेसलर, खेल मंत्री का दरवाजा खटखटाया, पीछे हटने के मूड में नहीं


नई दिल्ली. अल्बानिया में 28 अक्टूबर से विश्व चैंपियनशिप का आयोजन होना है. इस प्रतियोगिता के लिए कुछ दिन पहले 12 भारतीय पहलवानों को चुना गया. अब ये सभी पहलवान खेल मंत्री मनसुख मांडविया के आवास के बाहर डेरा जमाए हुए हैं. क्योंकि इस टूर्नामेंट से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने हटने का फैसला किया है. ये पहलवान अब खेल मंत्री से इस फैसले पर हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं. डब्ल्यूएफआई ने गुरुवार को तीनों भारतीय टीमों को चैंपियनशिप से हटाने का फैसला किया क्योंकि साक्षी मलिक के पति पहलवान सत्यव्रत कादियान ने अंडर 23 और सीनियर विश्व चैंपियनशिप के लिए ट्रायल आयोजित करने के महासंघ के फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया. उनका कहना था खेल संस्था अदालत की अवमानना ​​कर रही थी जिसने कुश्ती के संचालन के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा नियुक्त किए गए तदर्थ पैनल के अधिकार को बहाल कर दिया था.

डब्ल्यूएफआई को मंत्रालय ने निलंबित कर दिया थाण. जबकि आईओए ने तदर्थ पैनल को फिर से शुरू करने से इनकार कर दिया है, जिससे खेल और पहलवानों का भविष्य अधर में लटक गया है. महिलाओं के 65 किग्रा में जगह बनाने वाली मनीषा भानवाला ने पीटीआई से कहा,‘विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने तक 10-12 साल लग जाते हैं और अब जब यह मौका हमें मिला है तो उसे छीना जा रहा है. आखिर हमारी गलती क्या है. जिन पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन किया था उनका करियर समाप्त हो चुका है तो अब वे हमारे करियर के साथ क्यों खेल रहे हैं. जूनियर पहलवानों को उनके समर्थन की जरूरत नहीं है. अगर हमें विश्व चैंपियनशिप के लिए नहीं भेजा गया तो हमें विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.’

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‘हम इस मौके को हाथ से नहीं जाने देंगे’
एशियाई चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीतने वाली मनीषा ने कहा,‘हम इस मौके को हाथ से नहीं जाने देंगे. यह समय वजन प्रबंधन और अभ्यास करने का है और हम यहां बैठे हैं. मैंने कम उम्र में अपने पिता को खो दिया था और मेरी मां ने मुझे पहलवान बनाने के लिए बहुत त्याग किया है. महासंघ हमारी मदद करना चाहता है इसलिए उसने ट्रायल भी आयोजित किया.’ मनीषा के साथ साथी महिला पहलवान और पिछले साल अल्माटी में स्वर्ण और ट्यूनिस में यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज़ प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने वाली मानसी अहलावत (59 किग्रा), कीर्ति (55 किग्रा) और बिपाशा (72 किग्रा) भी थीं.

‘पहलवानों ने पहले अदालत का रुख किया’
चार पुरुष फ्रीस्टाइल पहलवान उदित (61 किग्रा), मनीष गोस्वामी (70 किग्रा), परविंदर सिंह (79 किग्रा), संदीप मान (92 किग्रा) तथा ग्रीको-रोमन के पहलवान संजीव (55 किग्रा), चेतन (63 किग्रा), अंकित गुलिया (72 किग्रा), और रोहित दहिया (82 किग्रा) ने भी हरियाणा से आकर मंत्री के आवास के बाहर डेरा जमाया. उदित ने कहा, ‘सब कुछ तैयार है. हमारा वीजा तैयार है. हमारा टिकट तैयार है. हमें रविवार की सुबह चार बजे की उड़ान पकड़नी थी. यह तैयारी करने का समय था लेकिन हम यहां सड़क पर बैठे हैं.’ पहलवानों ने पहले अदालत का रुख किया लेकिन उन्हें बताया गया कि उनकी याचिका पर आज सुनवाई नहीं हो सकती और उन्हें सुनवाई की तारीख मिल सकती है. इसके बाद वे खेल मंत्री के आवास पर गये लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी.

‘हम अभी तक मंत्री से नहीं मिल पाए हैं’
एक पहलवान ने कहा, ‘हमसे पूछा जा रहा है कि क्या हमने मिलने का समय लिया है. हम अभी तक मंत्री से नहीं मिल पाए हैं.’ बारह गैर ओलंपिक वर्ग की विश्व चैंपियनशिप 28 अक्टूबर से अल्बानिया के तिराना में होनी है. डब्ल्यूएफआई ने बुधवार को विश्व चैंपियनशिप से हटने का फैसला किया था. उसने कुश्ती की विश्व संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू को बताया कि खेल मंत्रालय उसकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप कर रहा है.

Tags: World Championship, Wrestling Federation of India



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