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कौन हैं वो माइंड गुरु जिन्होंने डी गुकेश को बना दिया वर्ल्ड चेस चैंपियन, टीम इंडिया को भी बना चुके हैं विजेता



World Chess Champion D Gukesh: डोमराजू गुकेश 18 साल की उम्र में दुनिया के सबसे युवा शतरंज चैंपियन बन गए हैं. गुकेश ने तीन सप्ताह तक चले दृढ़ संकल्प के संघर्ष में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराया. उन्होंने गैरी कास्पारोव को पीछे छोड़ते हुए सबसे युवा खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया. भारतीय ग्रैंडमास्टर ने चीन के डिंग लिरेन को 14वीं बाजी में हराकर खिताब अपने नाम किया. गुकेश ने यह जीत काले मोहरों से खेलते हुए दर्ज की.

सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बनने के लिए गुकेश ने माइंड गुरु पैडी अप्टन की सेवाएं ली थीं. इससे पहले, अप्टन ने 2011 क्रिकेट विश्व कप विजेता भारतीय टीम और हाल ही में पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के साथ काम किया था. यह पता चला है कि अप्टन पिछले चार महीनों से गुकेश के साथ हैं. क्योंकि चेन्नई का यह खिलाड़ी 25 नवंबर से 13 दिसंबर के बीच 14 गेमों वाले मैच में मौजूदा विश्व चैंपियन लिरेन को हराने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम के साथ काम करना चाहता था.

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गुकेश से कैसे जुड़े अप्टन
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार बताया जाता है कि गुकेश का परिचय अप्टन से संदीप सिंघल ने कराया था, जो पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद के साथ वेस्टब्रिज आनंद शतरंज अकादमी के सह-संस्थापक हैं. दक्षिण अफ्रीकी अप्टन को गुकेश को ‘प्रदर्शन के महत्वपूर्ण क्षणों के लिए तीर को तेज करने’ में मदद करने के लिए लाया गया था. अप्टन कहते हैं, “प्रदर्शन के बड़े क्षणों से पहले सब कुछ सही हो सकता है, लेकिन अगर तीर तेज नहीं है, तो यह लक्ष्य पर नहीं लगेगा. इसी तरह, आपके पास एक गोल्फर हो सकता है जिसका खेल एकदम सही है, लेकिन अगर जब सबसे ज्यादा जरूरत हो समय उसकी कलाई में चोट लग जाए तो चीजें गड़बड़ हो जाती हैं. मुझे लगता है कि खेल की दुनिया में अब इस बात को लेकर ज़्यादा मान्यता है कि मानसिक लाभ कैसे इन क्षणों को कम कर सकते हैं.”

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मुकाबले के लिए किया तैयार
पैडी अप्टन की भूमिका गुकेश को एक आदर्श मानसिक स्थिति प्राप्त करने में मदद करना थी, जहां वह विश्व चैंपियनशिप में न तो बहुत अधिक आराम से रहें और न ही बहुत अधिक चिंतित. जबकि डिंग लिरेन मौजूदा विश्व चैंपियन हैं, उनके ताज को बरकरार रखने की संभावनाओं को कई ग्रैंडमास्टर्स ने कम करके आंका था. उनके पूर्ववर्ती मैग्नस कार्लसन ने हाल ही में कहा कि भारतीय ग्रैंडमास्टक जीत के दावेदार लग रहे हैं. पैडी अप्टन गुकेश को अच्छी नींद दिलाने में भी मदद करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे. गहरी नींद वह समय है जब शरीर पुनर्जीवित होता है. अप्टन कहते हैं कि हालांकि यह शारीरिक खेलों में शामिल एथलीटों के लिए महत्वपूर्ण है. शतरंज अधिकांश खेलों से अलग है लेकिन दिमाग की याद रखने, योजना बनाने और सोचने की क्षमता प्राथमिक प्रदर्शन का हथियार है.

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इस उपलब्थि के सामने सब फीका
फिलहाल, गुकेश विश्व चैंपियन बनने की उस भावना का आनंद ले रहे हैं, एक ऐसा सपना जिसे उन्होंने 11 साल की उम्र से ही पूरी लगन के साथ संजोया और हासिल किया है. शतरंज में नया विश्व चैंपियन अब 18 साल का पुरुष है. कम उम्र में चैंपियन बनने वालों मे बॉबी फिशर, गैरी कास्पारोव, विश्वनाथन आनंद और मैग्नस कार्लसन जैसे नाम शामिल हैं, लेकिन कोई भी व्यक्ति विश्व चैंपियन बनने के समय किशोर नहीं था. अपने नए नवेले करियर में, गुकेश ने पहले ही बहुत सारे इतिहास रच दिए हैं. व भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर हैं, जो दुनिया के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बनने के तमगे से सिर्फ 17 दिन पीछे रह गए. वह कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के सबसे युवा विजेता हैं, जिसकी बदौलत उन्हें पहली बार विश्व चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिला. और वे विश्व रैंकिंग में शीर्ष भारतीय खिलाड़ी के रूप में विश्वनाथन आनंद के 36 साल के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने वाले पहले भारतीय शतरंज खिलाड़ी थे. लेकिन सिंगापुर में उन्होंने जो कुछ किया है, उसके सामने ये सब कुछ फीका पड़ जाता है.

 

Tags: Chess Youngest Grandmaster, D Gukesh, Viswanathan Anand, World Chess Championship



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