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नीता अंबानी का 2036 ओलंपिक्स के लिए भारत का समर्थन


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नीता अंबानी ने 2036 ओलंपिक्स की मेजबानी के लिए भारत के प्रयासों का समर्थन किया, इसे राष्ट्रीय गर्व का विषय बताया. उन्होंने भारत की आर्थिक वृद्धि का जिक्र किया और ओलंपिक मेजबानी न मिलने को लेकर हो रही असमानता को…और पढ़ें

नीता अंबानी ने यूएस में कहा- भारत को मिले 2036 ओलंपिक्स की मेजबानी

हाइलाइट्स

  • नीता अंबानी ने 2036 ओलंपिक्स की मेजबानी के लिए भारत का समर्थन किया.
  • भारत ने पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की सफल मेजबानी की है.
  • भारत एक सस्टेनेबल ओलंपिक की योजना बना रहा है.

रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक-चेयरपर्सन नीता अंबानी ने 2036 ओलंपिक्स की मेजबानी के लिए भारत के प्रयासों का जोरदार समर्थन करते हुए इसे राष्ट्रीय गर्व का विषय बताया है. हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित वार्षिक इंडिया कॉन्फ्रेंस ऑन इंडियन बिजनेस, पॉलिसी एंड कल्चर में बोलते हुए, उन्होंने भारत की आर्थिक वृद्धि पर प्रकाश डाला और असमानता को दूर करने की आवश्यकता बताई. दुनिया की दस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से नौ ओलंपिक्स की मेजबानी कर चुकी हैं, लेकिन भारत अब तक अपवाद बना हुआ है.

उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि भारत को ओलंपिक की मेजबानी करनी चाहिए. हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं. अगर आप दुनिया की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को देखें, तो 9 देशों ने ओलंपिक की मेजबानी की है, लेकिन केवल भारत ने अभी तक इसे आयोजित नहीं किया है. यह बात मुझे अजीब लगती है. हमारे देश में ओलंपिक का आयोजन होना हमारे लिए गर्व की बात होगी. इसलिए, मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि भारत 2036 के ओलंपिक के लिए बिड करेगा. हम एक सस्टेनेबल (टिकाऊ) ओलंपिक की योजना बना रहे हैं, जहां हम अपने मौजूदा स्टेडियमों और परिसरों का पुनर्निर्माण और पुन: उपयोग करेंगे. अगर हम इसे आयोजित कर पाए, तो मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि यह अब तक का सबसे हरित (ग्रीन) ओलंपिक होगा. मुझे लगता है कि भारत अब ओलंपिक की मेजबानी करने के लिए सही समय पर है.”

नीता अंबानी के इस बयान ने न केवल भारतीय खेल प्रेमियों को उत्साहित किया, बल्कि देश की आर्थिक और सांस्कृतिक क्षमता को भी रेखांकित किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना चुका है और ओलंपिक जैसे महाकुंभ का आयोजन करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उनके अनुसार, यह न केवल खेलों का उत्सव होगा, बल्कि भारत की संस्कृति, विरासत और तकनीकी कौशल को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर भी होगा.

भारत में ओलंपिक की मेजबानी करने का विचार नया नहीं है, लेकिन अब यह एक ठोस योजना के रूप में सामने आ रहा है. नीता अंबानी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत एक सस्टेनेबल (टिकाऊ) ओलंपिक का आयोजन करेगा, जो पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा कि नए स्टेडियम बनाने के बजाय, मौजूदा स्टेडियमों और खेल परिसरों को पुनर्निर्मित और पुन: उपयोग किया जाएगा. इससे न केवल लागत कम होगी, बल्कि पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि यह ओलंपिक न केवल खेलों का उत्सव हो, बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी हो.”

भारत ने पहले भी दिखाया है अपना दम
भारत की ओलंपिक मेजबानी की योजना में कई चुनौतियां भी हैं. पहली बड़ी चुनौती है बुनियादी ढांचे का विकास. हालांकि, नीता अंबानी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत पहले से ही कई अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की सफल मेजबानी कर चुका है, जैसे कि 2010 का कॉमनवेल्थ गेम्स और 2017 का फीफा अंडर-17 विश्व कप. इन आयोजनों ने भारत की क्षमता को साबित किया है. उन्होंने कहा, “हमारे पास अनुभव है, और हम इस अनुभव का उपयोग करके एक बेहतर ओलंपिक का आयोजन कर सकते हैं.”

भारत की ओलंपिक मेजबानी की योजना ने देशभर के युवाओं को भी प्रेरित किया है. युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर होगा कि वे अपने देश में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें. नीता अंबानी ने कहा, “यह न केवल खेलों को बढ़ावा देगा, बल्कि युवाओं को प्रेरित करेगा कि वे अपने सपनों को पूरा करें.”

(डिस्क्लेमर – नेटवर्क18 और टीवी18 कंपनियां चैनल/वेबसाइट का संचालन करती हैं, जिनका नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज एकमात्र लाभार्थी है.)

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