हिंदू धर्म का चौथा महीना आषाढ़ मास बेहद शुभ माना जाता है. यह महीना केवल ऋतुओं के बदलाव के लिए ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधना, धार्मिक अनुष्ठानों और अनेक पर्व-त्योहारों के लिए भी प्रसिद्ध है. शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ मास में भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है. इस मास में इनकी पूजा, दान और पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. ज्योतिष शास्त्र में आषाढ़ मास का महत्व बताते हुए राशि अनुसार उपाय करने की सलाह दी है. आषाढ़ मास में राशि अनुसार उपाय करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और ईश्वर के आशीर्वाद से हर मनोकामना भी पूरी होती है. आइए जानते हैं आषाढ़ मास में राशि अनुसार कौन से उपाय करने चाहिए.
मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं इसलिए इस राशि के जातक आषाढ़ मास में हनुमानजी की पूजा अर्चना करें. हनुमान चालीसा का पाठ और ऊं हं हनुमते नमः मंत्र का जप करें. साथ ही आषाढ़ मास के सभी मंगलवार के दिन लाल वस्त्र और मसूर की दाल का दान भी करें.
वृषभ और तुला राशि
वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं इसलिए इस राशि वाले आषाढ़ मास के सभी शुक्रवार को लक्ष्मी माता की पूजा अर्चना करें. इस राशि के जातक जल में केसर डालकर स्नान करें और सफेद मिठाई या वस्त्र का दान भी करें. साथ ही कमलगट्टे की माला से हर रोज ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का जप करें.

मिथुन और कन्या राशि
मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध ग्रह हैं इसलिए इस राशि वाले आषाढ़ मास के बुधवार को गणेशजी की पूजा करें और गाय को हरा चारा भी खिलाएं. साथ ही हर बुधवार को मूंग दाल का दान करें और पूरे आषाढ़ मास में ऊँ बृहस्पतये नमः मंत्र का 108 बार जप करें.
कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं इसलिए कर्क राशि वाले आषाढ़ मास में भगवान शिव को हर रोज जल अर्पित करें. साथ ही हर रोज सुबह-शाम ॐ नमः शिवाय मंत्र का तुलसी की माला के साथ 108 बार जप करें और चावल का दान भी करें.
सिंह राशि
सिंह राशि के स्वामी ग्रहों के राजा सूर्यदेव हैं इसलिए आषाढ़ मास में हर रोज सुबह सूर्यदेव को तांबे के लोटे में गुड़हल का फूल मिलाकर अर्घ्य दें. साथ ही गेहूं, गुड़, तांबा, लाल वस्त्र, लाल चंदन आदि का दान करें. साथ ही ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का 108 बार का जप भी करें.
धनु और मीन राशि के स्वामी देवताओं के गुरु बृहस्पति हैं इसलिए इस राशि के जातक आषाढ़ मास के गुरुवार को पीले कपड़े पहनें और भगवान नारायण व केले के पेड़ की पूजा अवश्य करें. साथ ही पीली चीज जैसे फल, फूल, चने की दाल, पीली मिठाई आदि चीजों का दान करें. दान करने के साथ ही ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का सुबह शाम जप भी करें.
मकर और कुंभ राशि
मकर और कुंभ राशि के स्वामी न्याय के देवता शनिदेव हैं इसलिए इस राशि के जातक आषाढ़ मास के शनिवार को शनिदेव की पूजा अर्चना करें और ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जप भी करें. साथ ही पीपल के पेड़ के नीचे दीपक भी जलाएं और काले तिल, लोहा, उड़द दाल आदि का दान भी करें.



