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Health Tips: शरीफा खाने से पहले यह बात जान लें, वरना जाना पड़ सकता है अस्पताल…


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Sharifa ke Side Effects: शरीफा बेहद स्वादिष्ट फल है. इसमें विटामिन ए, सी,पोटैशियम, मैग्नीशियम और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. शरीफा में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कई घातक बीमारियों के जोखिम से बचाते हैं. लेकिन कुछ स्थितियों में शरीफा का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में अस्पताल जाने की नौबत तक आ सकती है.

हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक शरीफा अपने कई गुणों के कारण खास मुकाम रखता है. शरीफा एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़ने का काम करते हैं. शरीफा में मौजूद कुछ कंपाउड जैसे कि कौरिनोइक एसिड, फ्लेवोनॉइड्स, कैरोटिनॉइड्स और विटामिन सी जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं.इसलिए पहले इसके फायदों के बारे में बात करते हैं.

हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक शरीफा अपने कई गुणों के कारण खास मुकाम रखता है. शरीफा एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़ने का काम करते हैं. शरीफा में मौजूद कुछ कंपाउड जैसे कि कौरिनोइक एसिड, फ्लेवोनॉइड्स, कैरोटिनॉइड्स और विटामिन सी जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं.इसलिए पहले इसके फायदों के बारे में बात करते हैं.

शरीफा कैरोटिनॉइड एंटीऑक्सीडेंट ल्यूटिन से भरपूर होता है. यह आंखों में पाया जाने वाला मुख्य एंटीऑक्सीडेंट है जो फ्री रेडिकल्स से लड़कर हेल्दी दृष्टि बनाए रखने में मदद करता है.शोध से पता चलता है कि ल्यूटिन का अधिक सेवन आंखों के अच्छे स्वास्थ्य और एज-रिलेटेड मैक्यूलर डिजनरेशन AMD के जोखिम को कम करता है. इससे मोतियाबिंद का खतरा कम हो जाता है.

शरीफा कैरोटिनॉइड एंटीऑक्सीडेंट ल्यूटिन से भरपूर होता है. यह आंखों में पाया जाने वाला मुख्य एंटीऑक्सीडेंट है जो फ्री रेडिकल्स से लड़कर हेल्दी दृष्टि बनाए रखने में मदद करता है. शोध से पता चलता है कि ल्यूटिन का अधिक सेवन आंखों के अच्छे स्वास्थ्य और एज-रिलेटेड मैक्यूलर डिजनरेशन AMD के जोखिम को कम करता है. इससे मोतियाबिंद का खतरा कम हो जाता है.

शरीफा में ऐसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. इसमें मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम दोनों ही रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद करते हैं, जिससे रक्तचाप कम होता है.

शरीफा में ऐसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. इसमें मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम दोनों ही रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद करते हैं, जिससे रक्तचाप कम होता है. 

हालांकि शरीफा के कई फायदे बेमिसाल है लेकिन इसमें कुछ मात्रा में टॉक्सिक कंपाउड भी पाए जाते हैं. इसमें एनोनासिन नाम का टॉक्सिन होता है जो नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसेमें शरीफा खाने से पहले इसके बीज और छिलका हटा दें और फेंक दें.

हालांकि शरीफा के कई फायदे बेमिसाल है लेकिन इसमें कुछ मात्रा में टॉक्सिक कंपाउड भी पाए जाते हैं. इसमें एनोनासिन नाम का टॉक्सिन होता है जो नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसेमें शरीफा खाने से पहले इसके बीज और छिलका हटा दें और फेंक दें.

वहीं शरीफा के साइड इफेक्ट्स का आयुर्वेद में अलग तरह से वर्णन है. हजारीबाग स्थित शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आयुष विभाग में कार्यरत आयुर्वेदाचार्य डॉ. मकरंद मिश्रा ने इस विषय पर बात करते हुए बताया कि शरीफा जितना स्वादिष्ट है, उतने ही इसके फायदे भी हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं. इसी कारण कुछ लोग इसे बड़ी मात्रा में खाते हैं, जबकि कुछ लोग इससे दूरी बनाए रखते हैं.

वहीं शरीफा के साइड इफेक्ट्स का आयुर्वेद में अलग तरह से वर्णन है. हजारीबाग स्थित शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आयुष विभाग में कार्यरत आयुर्वेदाचार्य डॉ. मकरंद मिश्रा ने इस विषय पर बात करते हुए बताया कि शरीफा जितना स्वादिष्ट है, उतने ही इसके फायदे भी हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं. इसी कारण कुछ लोग इसे बड़ी मात्रा में खाते हैं, जबकि कुछ लोग इससे दूरी बनाए रखते हैं.<span style=”color: currentcolor;”>  </span>

डॉ. मकरंद मिश्रा ने बताया कि शरीफा जितना मीठा और स्वादिष्ट होता है उतना ही यह डायबिटीज रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है. इसमें कुदरती शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इसलिए डायबिटीज पीड़ित लोग इसे केवल सीमित मात्रा में ही खाएं और संभव हो तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें.

डॉ. मकरंद मिश्रा ने बताया कि शरीफा जितना मीठा और स्वादिष्ट होता है उतना ही यह डायबिटीज रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है. इसमें कुदरती शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इसलिए डायबिटीज पीड़ित लोग इसे केवल सीमित मात्रा में ही खाएं और संभव हो तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें.  

डॉ. मकरंद मिश्रा ने बताया कि शरीफे की तासीर ठंडी होती है. इसलिए, जुकाम, खांसी या छींक की समस्या वाले लोगों को शरीफा अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए. अत्यधिक सेवन करने पर लाभ के बजाय नुकसान बढ़ने की आशंका रहती है.

डॉ. मकरंद मिश्रा ने बताया कि शरीफे की तासीर ठंडी होती है. इसलिए, जुकाम, खांसी या छींक की समस्या वाले लोगों को शरीफा अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए. अत्यधिक सेवन करने पर लाभ के बजाय नुकसान बढ़ने की आशंका रहती है.

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