नई दिल्ली. आपने अक्सर सुना होगा की विदेशों में ट्रक कई तरह की सुविधाओं से लैस होते हैं. कई ऐसे वीडियोज वायरल होते रहते हैं जिनमें ट्रक ड्राइवर एसी, टीवी और फ्रिज से लैस ट्रक चलाते देखे जाते हैं. यह सच भी है कि पश्चिमी देशों में ट्रक ड्राइवर्स को भारत के ट्रक ड्राइवरों के मुकाबले कहीं अधिक बेहतर सुविधाएं दी जाती हैं, जबकि भारत में ट्रक चलाने वाले ड्राइवरों की हालत उतनी अच्छी नहीं है. भारत में ट्रकों में एसी जैसा जरूरी फीचर उपलब्ध ही नहीं होता. इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी चिंता जाहिर की थी.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत जैसे गर्म देश में कंपनियां एसी वाले ट्रक क्यों नहीं बनतीं और एसी को आज के समय में भी एक लग्जरी फीचर क्यों माना जाता है? दरअसल कंपनियों द्वारा ऐसा करने के पीछे दो बड़े कारण हैं, आइए जानते हैं.
एसी से बढ़ जाएगी तेल की खपत
ट्रांसपोर्टेशन में डीजल का खर्च सामान की कीमतों को तय करता है. ट्रांसपोर्ट कंपनियां अक्सर डीजल के खर्च को कम करने की कोशिश करती हैं ताकि बचत अधिक हो सके. ट्रक में अगर AC चलाया जाए तो इससे तेल का खर्च 3-4% तक बढ़ जाएगा.
ट्रक को चलाने के खर्च में 60% फ्यूल का खर्च शामिल होता है. ऐसे में अगर लंबी दूसरी के सफर में ड्राइवर एसी का इस्तेमाल करेंगे तो डीजल की खपत अधिक होगी और ट्रांसपोर्ट कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी. मार्केट में AC वाले भी कुछ ट्रक मॉडल उपलब्ध हैं लेकिन उनकी बिक्री काफी कम होती है.
अधिक होती है AC ट्रक की कीमत
एयर कंडीशन (एसी) फीचर वाले ट्रक की कीमत भी साधारण ट्रक के मुकाबले अधिक होती है. एसी ट्रकों की बिक्री कम होने की एक वजह ये भी है. अगर ट्रक न बिकें तो इससे डीलर स्टॉक बढ़ने लगता है और कंपनियों को नुकसान होता है. मार्केट में डिमांड न होने के वजह से कंपनियां गिने-चुने एसी वाले ट्रक मॉडल ही लॉन्च करती हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 9, 2024, 16:42 IST



