भारतीय हॉकी टीम ने 52 साल बाद लगातार दो ओलंपिक में पदक जीते टीम ने हाल के वर्षों में लगातार अच्छे प्रदर्शन से एक नई पहचान बनाई यह सफलता टीम की रणनीति, कोचिंग और टीम भावना की भी जीत है
India Won Hockey Bronze: भारतीय हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक में अपना ब्रॉन्ज मेडल बरकरार रखने में सफल रही. भारत ने 2020 टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर चार दशकों से हॉकी में चला आ रहा पदकों का सूखा खत्म किया था. भारतीय हॉकी टीम ने 52 साल बाद लगातार दो ओलंपिक में पदक जीते हैं. हॉकी टीम ने हाल के वर्षों में लगातार अच्छे प्रदर्शन से अपनी एक नई पहचान बनाई है. यह बदलाव न केवल खिलाड़ियों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि टीम की रणनीति, कोचिंग और टीम भावना की भी जीत है. पेरिस में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के साथ भारतीय हॉकी टीम ने यह साबित कर दिया है कि वो दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक है. आइए, जानते हैं उन खासियतों के बारे में जिन्होंने इस सफलता की बुनियाद रखी…
ओडिशा सरकार का सपोर्ट अहम
ओडिशा सरकार करीब एक दशक से ज्यादा समय से भारतीय हॉकी को स्पांसर कर रही है. जिसकी वजह से खिलाड़ियों को वो सुविधाएं मिलने लगी हैं, जो उन्हें पहले मांगने पर भी मुहैया नहीं कराई जाती थीं. हॉकी के लिए ओडिशा सरकार के पूर्व चीफ एडवाइजर मनीष कुमार ने बताया कि ओडिशा सरकार के स्पांसर बनने के बाद हॉकी खिलाड़ियों को न केवल सुविधाएं मिलने लगीं बल्कि समय पर मिलने लगीं. मनीष कुमार ने कहा, “खिलाड़ियों के लिए खाने पीने की अच्छी व्यवस्था की गई, कोच, सपोर्ट स्टाफ और बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराए गए. जिससे देश में हॉकी के लिए एक इको-सिस्टम डेवलप हो सका. ओलंपिक में लगातार दो पदक उसी का नतीजा हैं.”
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मजबूत काम्बीनेशन और संतुलित टीम
भारतीय हॉकी टीम का मौजूदा संयोजन बेहद संतुलित है. टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का बेहतरीन काम्बीनेशन है. युवा खिलाड़ी जहां एनर्जी से भरपूर हैं और उनके खेलने की स्पीड तेज है. वहीं, अनुभवी खिलाड़ी अपने सूझबूझ और मैच की परिस्थिति के अनुसार खेल को कंट्रोल करते हैं. इस संतुलन ने टीम को हर परिस्थिति में ढलने में मदद की है. फिर सोने में सुहागा यह रहा कि टोक्यो में पदक जीतने वाली टीम के 11 खिलाड़ी पेरिस में खेल रहे थे. लंबे समय से साथ खेलने की वजह से इनका तालमेल बेहतरीन था.
कुशल कोचिंग स्टाफ
भारतीय हॉकी टीम के कोचिंग स्टाफ ने टीम की सफलता में अहम भूमिका निभाई है. मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने टीम को आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह के खेल में महारत दिलाई. कोचिंग स्टाफ ने खिलाड़ियों की कमजोरियों पर काम किया और उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों रूपों से मजबूत बनाया. क्रेग फुल्टन से पहले ग्राहम रीड ने 2019 से 2023 तक कोच के तौर पर काम किया था. उन्होंने भारत को टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जिताने में मदद की थी. इस सफलता के बाद भारतीय हॉकी टीम का खोया आत्मविश्वास लौट आया कि वो बड़े मंच पर पदक जीतने का दम रखती है.
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फिटनेस और तकनीक में सुधार
भारतीय टीम ने पिछले कुछ सालों में फिटनेस और तकनीक के स्तर पर काफी काम किया है. खिलाड़ियों की फिटनेस अब अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है, जो उन्हें पूरे 60 मिनट तक उच्च स्तरीय खेल दिखाने में सक्षम बनाती है. इसके अलावा, तकनीकी कौशल में भी सुधार हुआ है, जिससे खिलाड़ियों की बॉल हैंडलिंग, पासिंग और फिनिशिंग में निखार आया है. भारतीय टीम की मानसिक मजबूती ने भी उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. खिलाड़ियों ने दबाव भरे क्षणों में भी अपने खेल का स्तर ऊंचा बनाए रखा और टीम भावना से खेले. यह मानसिक ताकत उन्हें ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर भी अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम बनाती है.
लगातार अच्छा प्रदर्शन
भारतीय टीम ने पिछले कुछ सालों में कई बड़े टूर्नामेंट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. यह निरंतरता ही उन्हें पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने में मददगार साबित हुई. टीम ने अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए हर मैच से सीख ली और आगे की रणनीति बनाई. ओडिशा सरकार के पूर्व चीफ एडवाइजर मनीष कुमार ने कहा, “न केवल यह कोशिश की गई कि हॉकी टीम को लगातार इंटरनेशनल एक्सपोजर मिले, बल्कि देश में सब जूनियर से लेकर सीनियर लेवल तक के टूर्नामेंट आयोजित किए गए. जिससे खिलाड़ियों की नई पौध तैयार हो सके. इन टूर्नामेंट का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप किया गया. अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का इंतजाम भी किया गया. ताकि वे भविष्य की चिंता छोड़कर अपने खेल पर फोकस कर सकें.
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इस ब्रॉन्ज मेडल के मायने
पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का यह पदक न केवल उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है. बल्कि टीम की उन विशेषताओं का भी प्रमाण है, जिनकी वजह से वे लगातार उच्च स्तर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस पदक ने भारतीय हॉकी को एक नई पहचान दिलाई. साथ ही यह दर्शाया कि टीम ने अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस पा लिया है. यह टीम भारतीय खेल प्रेमियों के लिए गर्व का विषय है. आने वाले समय में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करने के लिए तैयार है.
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FIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 16:16 IST



