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इस इंडियन इंजन से खौफ खाती हैं विदेशी कंपनियां, टाटा-मारुति हो या हुंडई सबने इसके सामने टेके घुटने


नई दिल्ली. एक भारतीय कंपनी है जो ट्रक और पिकअप साथ-साथ कई तरह के फार्म इक्विपमेंट्स भी बनाती है. ये कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता भी है. इस कंपनी के ट्रैक्टर और एसयूवी केवल भारत में ही नहीं बिकते बल्कि आज इनकी डिमांड दुनिया भर के कई बाजारों में है. ये कंपनी देश के बाहर अपनी एसयूवी बेचने के मामले में टाटा मोटर्स से भी आगे है. कंपनी को दुनिया भर में मिल रही मिल रही लोकप्रियता का कारण है उसके खुद के विकसित किए गए इंजन, जो आज अपनी एफिसिएंसी और परफॉर्मेंस की बदौलत विदेशी कंपनियों की गाड़ियों से लोहा ले रहे हैं.

जी हां, हम बात कर रहे हैं महिंद्रा एंड महिंद्रा की, जो न केवल भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में अपनी दमदार एसयूवी के बदौलत काफी लोकप्रिय है, बल्कि इसके इंजन का दबदबा आज दुनिया के कई देशों में है. महिंद्रा के रिसर्च सेंटर में विकसित 2.2-लीटर mHawk डीजल इंजन आज एसयूवी सेगमेंट में नई मिसाल कायम की है. यह इंजन सिर्फ महिंद्रा की लोकप्रिय एसयूवी स्कॉर्पियो और थार के प्रदर्शन को एक नया आयाम नहीं देता, बल्कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र की अन्य कंपनियों के लिए भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर रहा है. आइए जानते हैं इस इंजन से क्यों खौफ खाती हैं विदेशी कंपनियां.

स्काॅर्पियो के साथ लाॅन्च हुआ था इंजन
महिंद्रा ने अपनी गिरती एसयूवी सेल्स को बढ़ाने के लिए वर्ष 2002 में स्कॉर्पियो के साथ पहली बार 2.2 लीटर mHawk डीजल इंजन को पेश किया था. mHawk इंजन टेक्नोलॉजी को महिंद्रा ने ऑस्ट्रिया की AVL के साथ मिलकर बनाया था. यह इंजन शुरुआत से ही अपने बेहतरीन प्रदर्शन और टिकाऊपन के लिए प्रसिद्ध है. आज इस इंजन का इस्तेमाल महिंद्रा अपने कई प्रमुख एसयूवी मॉडलों में कर रही है, जिसके वजह से ही कंपनी भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक मजबूत स्थान बनाने में कामयाब हो पाई है.

mHawk इंजन के टक्कर में नहीं कोई
आज महिंद्रा 2.2 लीटर mHawk डीजल इंजन का इस्तेमाल Scorpio Classic, Scorpio-N, XUV700 और Thar में कर रही है. इस इंजन की सबसे खास बात इसकी पॉवर जनरेट करने की क्षमता है. यह इंजन 130-140 बीएचपी की पावर और 320 एनएम तक का टॉर्क जनरेट करता है, जो इसे उबड़-खाबड़ सड़कों से लेकर हाईवे ड्राइविंग तक, हर परिस्थिति में सक्षम बनाता है. mHawk इंजन की लो-एंड टॉर्क क्षमता चुनौतीपूर्ण सड़कों और भारी ट्रैफिक के दौरान भी गाड़ी को आसानी से चलाने में मदद करती है. आधुनिक टर्बोचार्जिंग तकनीक के साथ, यह इंजन न केवल अधिक पावर प्रदान करता है बल्कि अपने सेगमेंट में बेहतरीन फ्यूल एफिसिएंसी भी देता है. इस इंजन के रिफाइनमेंट को खासतौर पर भारतीय बाजार की ज़रूरतों के हिसाब से डिजाइन किया गया है, जिससे गाड़ी के अंदर कम शोर और बेहतर ड्राइविंग अनुभव मिलता है.

प्रतिस्पर्धी कंपनियों पर प्रभाव
महिंद्रा के mHawk इंजन ने कई प्रमुख ऑटोमोबाइल ब्रांड्स जैसे टाटा, हुंडई, मारुति सुजुकी और फोर्ड के सामने नई चुनौतियां पेश की हैं. जहां टाटा मोटर्स की नेक्सॉन और हुंडई की क्रेटा जैसी एसयूवीज पहले से लोकप्रिय हैं, वहीं महिंद्रा का स्कॉर्पियो और थार अपने दमदार इंजन और ऑफ-रोडिंग क्षमताओं के कारण तेजी से बढ़ रहे हैं.

महिंद्रा का mHawk इंजन केवल तकनीकी उन्नति का उदाहरण नहीं है, बल्कि यह भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक गेम-चेंजर भी है. यह इंजन, महिंद्रा को अन्य ब्रांड्स के मुकाबले एक महत्वपूर्ण बढ़त देता है और उद्योग में नए मानक स्थापित करता है. जैसे-जैसे प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, mHawk इंजन ने यह साफ कर दिया है कि महिंद्रा की जगह भारतीय एसयूवी सेगमेंट में बेहद मजबूत है, और आने वाले समय में यह अन्य ब्रांड्स के लिए नई चुनौतियों का कारण बनेगा.

Tags: Auto News, Mahindra and mahindra



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