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Explainer: आसान ढंग से समझें कैसे होते हैं अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव, क्यों ज्यादा वोट पाना ही नहीं होता काफी


हाइलाइट्स

अमेरिका में 05 नवंबर के दिन राष्ट्रपति पद के लिए वोट डाले जाएंगे. फिर जीतने वाला प्रत्याशी जनवरी 2025 से चार साल के लिए पदभार ग्रहण करेगाप्रत्येक राज्य में एक निश्चित संख्या में तथाकथित निर्वाचक मंडल के वोट होते हैं

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव काफी दिलचस्प स्थिति में पहुंच गए. आजकल दुनियाभर के मीडिया में इन चुनावों का जिक्र प्रमुखता से होने लगा है. दरअसल सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार और मौजूदा प्रेसीडेंट के चुनावी दौड़ से हटते ही ये चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है.

रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अपने चुनावी अभियान में जुट गए हैं तो बाइडेन के हटने के बाद उप राष्ट्रपति कमला हैरिस दौड़ में शामिल हो गई हैं. हालांकि वो अभी अपनी पार्टी की आधिकारिक उम्मीदवार घोषित नहीं हुई हैं लेकिन उम्मीद है कि वही डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रेसीडेंट कैंडीडेट बनेंगी.

सवाल – अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव कब है?
– ये चुनाव 5 नवंबर 2024 को होगा. जो भी चुनाव में जीतेगा, वो 8 जनवरी 2025 से व्हाइट हाउस में चार साल का कार्यकाल पूरा करेगा.
राष्ट्रपति के पास कुछ कानून खुद पारित करने की शक्ति है, लेकिन आमतौर पर उन्हें कानून पारित करने के लिए कांग्रेस के साथ मिलकर काम करना पड़ता है. विश्व मंच पर अमेरिकी नेता को विदेश में देश का प्रतिनिधित्व करने और विदेश नीति संचालित करने की पूरी आजादी होती है.

सवाल – उम्मीदवार कौन हैं और उनका नामांकन कैसे किया जाता है?
– दोनों मुख्य पार्टियां राज्य प्राइमरी और कॉकस नामक मतदान की एक श्रृंखला आयोजित करके राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को नामित करती हैं, जहां लोग चुनते हैं कि वे आम चुनाव में पार्टी का नेतृत्व किसको करना चाहते हैं.
रिपब्लिकन पार्टी में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिद्वंद्वियों पर भारी बढ़त के साथ अपनी पार्टी का समर्थन हासिल किया. इसके बाद वो रिपब्लिकन पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार बन गए.
डेमोक्रेटिक पार्टी में पहले मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन आधिकारिक उम्मीदवार थे लेकिन उनके स्वास्थ्य और टीवी डिबेट में ट्रंप के साथ उनके मुकाबले के बाद जब उन पर सवाल उठने लगे तो उन्होंने दौड़ से अलग होने का फैसला किया. अब उपराष्ट्रपति अपनी पार्टी में नामांकन की दौड़ में हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी में उन्हें जितना समर्थन मिल रहा है, उससे लग रहा है कि उन्हें आधिकारिक उम्मीदवार होने में कोई दिक्कत नहीं होगी. इसके बाद वो अपना चुनाव अभियान शुरू कर देंगी.

इस इंफोग्राफिक से समझा जा सकता है कि अमेरिका में ठीक एक साल पहले किस तरह इन चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. फिर हर चरण में क्या होता है और फिर कैसे वोट डाले जाते हैं. (courtesy – us embassy)

सवाल – कमला हैरिस की उम्मीदवारी पर डेमोक्रेटिक पार्टी अंतिम मुहर कब लगाएगी?
– 19 अगस्त के दिन शिकागो में डेमोक्रेटिक पार्टी का अधिवेशन होगा, जिसमें उन्हें पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है.

सवाल – क्या अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में दूसरी पार्टियां या स्वतंत्र उम्मीदवार नहीं खड़े होते?
– बिल्कुल ऐसा होता है, राष्ट्रपति पद के लिए कुछ स्वतंत्र उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर भी शामिल हैं.

सवाल – डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स की विचारधारा क्या है?
– डेमोक्रेट्स एक उदार राजनीतिक दल है, जिसका एजेंडा मुख्यतः नागरिक अधिकारों, व्यापक सामाजिक सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपायों के लिए कोशिश करना है.

डोनाल्ड ट्रंप जहां रिपब्लिकन पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार हैं तो कमला हैरिस के नाम पर डेमोक्रेटिक पार्टी 19 अगस्त को मुहर लगा सकती है. (फाइल फोटो)

रिपब्लिकन अमेरिका में रूढ़िवादी राजनीतिक दल है. इसे GOP या ग्रैंड ओल्ड पार्टी के नाम से भी जाना जाता है, यह पार्टी कटौती करो, सरकार के आकार को छोटा करने, बंदूक रखने के अधिकार और आव्रजन तथा गर्भपात पर कड़े प्रतिबंधों के पक्ष में रहती आई है.

सवाल – अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है?
– अमेरिकी चुनाव कुछ अलग तरह से होता है, यहां विजेता वह नहीं होता, जिसे देशभर में सबसे अधिक वोट मिले हों.इसके बजाय दोनों उम्मीदवार 50 राज्यों में चुनावों को जीतने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं.
हर राज्य में एक निश्चित संख्या में तथाकथित निर्वाचक मंडल के वोट होते हैं जो आंशिक रूप से जनसंख्या पर आधारित होते हैं. कुल 538 सीटों पर चुनाव होने हैं. विजेता वह उम्मीदवार होता है जो 270 या उससे अधिक सीटें जीतता है.
इसमें निर्वाचक मंडल के वोट बहुत मायने रखते हैं. जिसे ये वोट ज्यादा मिलते हैं, उसकी जीत आमतौर पर पक्की हो जाती है. ज़्यादातर राज्य एक या दूसरी पार्टी की तरफ़ ज़्यादा झुके हुए हैं, इसलिए आमतौर पर ध्यान एक दर्जन या उससे ज़्यादा राज्यों पर होता है, जहां दोनों में कोई भी जीत सकता है. इन्हें बैटलग्राउंड या स्विंग स्टेट के नाम से जाना जाता है.
यह संभव है कि कोई उम्मीदवार राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक वोट जीत ले – जैसा कि 2016 में हिलेरी क्लिंटन ने किया था – लेकिन फिर भी वह निर्वाचक मंडल द्वारा पराजित हो जाए.

सवाल – क्या अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के चुनाव के साथ सीनेटर्स के चुनाव भी होते हैं?
– हां, वोटर्स राष्ट्रपति के साथ इस चुनावों में कांग्रेस के नए सदस्यों को भी चुनेंगे. कांग्रेस में रिप्रेजेंटेटिव एसेंबली शामिल है, जहां सभी 435 सीटों के लिए चुनाव होना है. सीनेट में 33 सीटों के लिए चुनाव होगा.
फिलहाल रिपब्लिकन मौजूदा सदन को नियंत्रित करते हैं, जो व्यय योजनाओं की शुरुआत करता है तो सीनेट में डेमोक्रेट बहुमत में हैं, सीनेट ही सरकार में प्रमुख नियुक्तियों पर मतदान करता है.
ये दोनों सदन कानून पारित करते हैं. यदि किसी भी सदन में नियंत्रक पक्ष राष्ट्रपति से असहमत हो तो व्हाइट हाउस की योजनाओं पर अंकुश लगा सकते हैं.

सवाल – हमें कब पता चलेगा कि चुनाव कौन जीत गया है?
– आमतौर पर चुनाव की रात ही विजेता की घोषणा कर दी जाती है, लेकिन 2020 में सभी वोटों की गिनती में कुछ दिन लग गए.

सवाल – अगर चुनाव में कोई दूसरा शख्स राष्ट्रपति चुना जाता है, जो मौजूदा प्रेसीडेंट नहीं है तो क्या होता है?
– चुनाव के बाद की अवधि को संक्रमण काल ​​के रूप में जाना जाता है. नवंबर से जनवरी तक मौजूदा राष्ट्रपति चुने गए प्रेसीडेंट के साथ मिलकर काम करता है. ताकि स्मूथ ट्रांजिशन हो सके. प्रेसीडेंट को आधिकारिक तौर पर 8जनवरी में वाशिंगटन डीसी में कैपिटल बिल्डिंग की सीढ़ियों पर आयोजित एक समारोह में शपथ दिलाई जाती है, जिसे उद्घाटन समारोह के रूप में जाना जाता है.

सवाल – अमेरिकी चुनावों में कौन मतदान कर सकता है?
– यदि आप अमेरिकी नागरिक हैं और आपकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है, तो आपको राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का अधिकार होना चाहिए, जो हर चार वर्ष में होता है.

सवाल – निर्वाचक मंडल या इलेक्टोरल वोट क्या होता है, जो अमेरिकी चुनावों में खासा मायने रखता है?
– निर्वाचक मंडल एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें प्रत्येक राज्य से वहां की जनसंख्या के अनुपात में निर्वाचक या प्रतिनिधि अपना वोट डालते हैं, ये निर्धारित करते हैं कि राष्ट्रपति कौन होगा.
प्रत्येक राज्य को कांग्रेस में उसके प्रतिनिधित्व के आधार पर एक निश्चित संख्या में निर्वाचक मिलते हैं. प्रत्येक राज्य की नीति के अनुसार कुल 538 निर्वाचक चुने जाते हैं. आम चुनाव के बाद प्रत्येक निर्वाचक एक वोट डालता है और जिस उम्मीदवार को आधे से ज़्यादा (270) वोट मिलते हैं, वह जीत जाता है.

Tags: Donald Trump, Kamala Harris, US Presidential Election 2024



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