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देश की पहली प्रोटोटाइप इलेक्ट्रिक सुपर कार, प्रयागराज के अभिषेक ने किया कमाल


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Low Price Prototype Electric Super Car: लोग दुनिया में तमाम तरह की कार इस्तेमाल करते हैं. कई कैटेगरी की कारें लोग इस्तेमाल करते हैं. इनमें…

देश की पहली प्रोटोटाइप इलेक्ट्रिक सुपर कार, प्रयागराज के अभिषेक ने किया कमाल

PROTOTYPE CAR

प्रयागराज: संगमनगरी के एक युवा ने देश की पहली इलेक्ट्रिक सुपर कार डिजाइन की है. थंडर नाम वाली इस कार के प्रोटोटाइप की लागत 16 लाख रुपये आई है. 80 किमी प्रति घंटा दौड़ने वाले इस मॉडल कार की असली रफ्तार 250 किमी प्रति घंटे तक जाएगी.

बनेगी सबसे सस्ती सुपर कार
इस कार के बारे में यह दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे सस्ती सुपर कार है. इस कार का बाजार मूल्य 50 लाख तक रहने की संभावना है. मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के इनोवेशन एवं इंक्यूबेशन हब और कॅश क्राई की ओर से दो दिवसीय स्टार्टअप समिट में शहर के अशोकनगर निवासी अभिषेक वैराग्य की डिजाइन सुपर कार ने टेक्नोक्रेट ही नहीं कार निर्माता कंपनियों का भी ध्यान खींचा.

देश की पहली सुपर कार के मॉडल को देखकर दूसरी कंपनियों के प्रमोटर भी तकनीकी बारीकियां समझते-पूछते रहे. थंडर नाम की इस कार को डिजाइन करने वाले अभिषेक ने अपनी कंपनी का नाम एवी आटोमोटिव्स रखा है. अभिषेक लोकल 18 से बताते हैं कि एक बार चार्ज हो जाने पर इसकी बैट्री 200 किमी तक चलेगी. अभी इसकी स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा है लेकिन कुछ बदलाव के साथ इसकी रफ्तार 250 किमी प्रति घंटा तक पहुंचने की उम्मीद है.

बीटेक की पढ़ाई छोड़ शुरू किया कार बनाने का काम
प्रयागराज के अभिषेक 12वीं पास करने के बाद 2018 में दिल्ली से बीटेक करने चले गए. वहां उनका मन नहीं लगा और एक ही साल में पढ़ाई छोड़कर अपने घर वापस आ गए. इसके बाद अपने भाई अखिलेश की मदद से 2019 से सुपर कर बनाने की आईडिया पर काम कर रहे हैं. लगभग 4 साल डिजाइन बनाने में लग गए. कार बनाने की लागत कम रखने के लिए पुराने पदार्थ का भी इस्तेमाल किया.

प्रोटोटाइप कार बनाने में लगभग 16 लाख रुपए की लागत आई है. इसमें वह दोस्तों से और परिवार से मदद लिए. लोकल 18 से बात करते हुए अभिषेक बताते हैं कि इनका सपना है कि वह सस्ती कार बनाएं. इसके लिए वह लगातार निवेदक की तलाश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि भारत की कोई कंपनी सुपर कार नहीं बनाती है. अमेरिका, रूस, जर्मनी और जापान जैसे विकसित देश सुपर कार बनाते हैं. इनकी कीमत इतनी महंगी होती है कि मध्यम वर्ग के लिए इसे लेना एक सपना होता है. ऐसे में अभिषेक का प्लान अगर सफल होता है तो कम बजट वाले लोग भी सुपर कार ले पाएंगे.


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