सरकार का नया SOP: हाईटेक कैमरों से ट्रैफिक नियम उल्लंघन पर नजर.


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सरकार देशभर में हाईटेक कैमरों से इलेक्ट्रॉनिक निगरानी कड़ी करेगी. रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मंत्रालय ने SOP दाखिल की है, जिससे नियम तोड़ने वालों पर नजर रखी जाएगी. नए नियमों के तहत ट्रैफिक उल्लंघन पर तुरंत कार्र…और पढ़ें

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हाइलाइट्स

  • सरकार हाईटेक कैमरों से ट्रैफिक निगरानी कड़ी करेगी.
  • नियम तोड़ने वालों पर 1-10 सेकंड का वीडियो रिकॉर्ड होगा.
  • नंबर-पता बदलने वालों पर सख्ती, जानकारी अपडेट जरूरी.

नई दिल्ली. अब सड़क पर नियम तोड़ना भारी पड़ सकता है क्योंकि सरकार देशभर में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी को और कड़ा बनाने जा रही है. रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक SOP (Standard Operating Procedure) दाखिल की है, जिसमें बताया गया है कि अब हाईटेक कैमरों से उन सभी लोगों पर नजर रखी जाएगी जो गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल इस्तेमाल करते हैं, सीट बेल्ट या हेलमेट नहीं पहनते, गलत दिशा में ड्राइव करते हैं या ड्राइविंग के दौरान खाते-पीते नजर आते हैं. ट्रेफिक रूल तोड़ने वालों का वीडियो भी रिकॉर्ड किया जाएगा ताकि उसे सुबूत की तरह दिखाया जा सके.

ईटी ऑटो की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस SOP का मकसद गलत दिशा में गाड़ी चलाने और ड्राइविंग में ध्यान भटकाने की वजह से होने वाले सड़क हादसों को कम करना है. इसमें कहा गया है कि कैमरे इतने एडवांस होंगे कि 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही गाड़ियों को भी रिकॉर्ड कर सकें, और हर उल्लंघन का 1 से 10 सेकंड का वीडियो तैयार हो जिसमें गाड़ी का नंबर, लोकेशन, तारीख और समय की जानकारी हो.

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नंबर-पता बदलने वालों की खैर नहीं
SOP के मुताबिक, अब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इलेक्ट्रॉनिक निगरानी लागू करना होगी. ये कैमरा रीयल टाइम में अलर्ट भी भेजेंगे ताकि ट्रैफिक पुलिस या ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट तुरंत कार्रवाई कर सके. वहीं जो लोग बार-बार चालान से बचने के लिए फोन नंबर या पता बदलते हैं, उनके खिलाफ भी सख्ती की तैयारी है. सरकार अब एक बार का तीन महीने का मौका देगी जिसमें वाहन मालिक अपनी जानकारी अपडेट कर सकेंगे. इसके बाद अगर किसी ने जानकारी अपडेट नहीं की तो उसे कोई भी ड्राइविंग या ट्रांसपोर्ट सर्विस नहीं मिलेगी.

इतना ही नहीं, SOP में ये भी निर्देश दिए गए हैं कि ट्रैफिक चालान से असहमत होने की स्थिति में गाड़ी मालिक ऑनलाइन सिस्टम के जरिए अपील कर सकेंगे. ये पूरा सिस्टम इस तरह डिज़ाइन किया जा रहा है कि गलत दिशा में गाड़ी चलाने वालों और नियम तोड़ने वालों की पहचान बिना देरी के हो सके, और साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाए कि जरूरी सेवाओं — जैसे एम्बुलेंस या फायर ब्रिगेड — पर कोई असर न पड़े. इस नई व्यवस्था से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर लगाम कसने और सड़क सुरक्षा को मजबूत करने की उम्मीद है.

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