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Devshayani Ekadashi Vrat Katha in hindi according to padma puran | देवशयनी एकादशी संपूर्ण व्रत कथा, पढ़ने व सुनने मात्र से मिलेगा मोक्ष


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Devshayani Ekadashi Vrat Katha: देवशयनी एकादशी का व्रत 6 जुलाई को किया जाएगा. देवशयनी एकादशी से साधु-संत, त्यागीजन और गृहस्थ सभी धार्मिक नियमों और संयम का पालन करते हैं. इस दिन से भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग…और पढ़ें

देवशयनी एकादशी संपूर्ण व्रत कथा, पढ़ने व सुनने मात्र से मिलेगा मोक्ष

हाइलाइट्स

  • देवशयनी एकादशी का व्रत 6 जुलाई को किया जाएगा.
  • व्रत कथा पढ़ने व सुनने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं.
  • व्रत करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.

6 जुलाई दिन रविवार को देवशयनी एकादशी तिथि का व्रत किया जाएगा. हर वर्ष यह शुभ तिथि आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है. देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी या पद्मा एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन श्रीहरि की पूजा, व्रत और जप-तप करने से विष्णुलोक की प्राप्ति होती है. पद्म पुराण के अनुसार इस व्रत को रखने से अनेक जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं. देवशयनी एकादशी के दिन व्रत करके व्रत कथा कहने व सुनने मात्र से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं और सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है. साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है. आइए जानते हैं देवशयनी एकादशी व्रत की संपूर्ण कथा…

देवशयनी एकादशी व्रत कथा (Devshayani Ekadashi Vrat Katha)

धर्मराज युधिष्ठिर ने कहा: हे केशव! आषाढ़ शुक्ल एकादशी का क्या नाम है? इस व्रत के करने की विधि क्या है और किस देवता का पूजन किया जाता है? श्रीकृष्ण कहने लगे कि हे युधिष्ठिर! जिस कथा को ब्रह्माजी ने नारदजी से कहा था वही मैं तुमसे कहता हू. एक बार देवऋषि नारदजी ने ब्रह्माजी से इस एकादशी के विषय में जानने की उत्सुकता प्रकट की, तब ब्रह्माजी ने उन्हें बताया: सतयुग में मांधाता नामक एक चक्रवर्ती सम्राट राज्य करते थे. उनके राज्य में प्रजा बहुत सुखी थी. किंतु भविष्य में क्या हो जाए, यह कोई नहीं जानता. अतः वे भी इस बात से अनभिज्ञ थे कि उनके राज्य में शीघ्र ही भयंकर अकाल पड़ने वाला है.

उनके राज्य में पूरे तीन वर्ष तक वर्षा न होने के कारण भयंकर अकाल पड़ा. इस अकाल से चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई. धर्म पक्ष के यज्ञ, हवन, पिंडदान, कथा-व्रत आदि में कमी हो गई. जब मुसीबत पड़ी हो तो धार्मिक कार्यों में प्राणी की रुचि कहाँ रह जाती है. प्रजा ने राजा के पास जाकर अपनी वेदना की दुहाई दी.

राजा तो इस स्थिति को लेकर पहले से ही दुःखी थे. वे सोचने लगे कि आखिर मैंने ऐसा कौन-सा पाप-कर्म किया है, जिसका दंड मुझे इस रूप में मिल रहा है? फिर इस कष्ट से मुक्ति पाने का कोई साधन करने के उद्देश्य से राजा सेना को लेकर जंगल की ओर चल दिए. वहां विचरण करते-करते एक दिन वे ब्रह्माजी के पुत्र अंगिरा ऋषि के आश्रम में पहुँचे और उन्हें साष्टांग प्रणाम किया. ऋषिवर ने आशीर्वचनोपरांत कुशल क्षेम पूछा. फिर जंगल में विचरने व अपने आश्रम में आने का प्रयोजन जानना चाहा.

तब राजा ने हाथ जोड़कर कहा: महात्मन्‌! सभी प्रकार से धर्म का पालन करता हुआ भी मैं अपने राज्य में दुर्भिक्ष का दृश्य देख रहा हू. आखिर किस कारण से ऐसा हो रहा है, कृपया इसका समाधान करें. यह सुनकर महर्षि अंगिरा ने कहा: हे राजन! सब युगों से उत्तम यह सतयुग है. इसमें छोटे से पाप का भी बड़ा भयंकर दंड मिलता है. इसमें धर्म अपने चारों चरणों में व्याप्त रहता है. ब्राह्मण के अतिरिक्त किसी अन्य जाति को तप करने का अधिकार नहीं है जबकि आपके राज्य में एक शूद्र तपस्या कर रहा है. यही कारण है कि आपके राज्य में वर्षा नहीं हो रही है. जब तक वह काल को प्राप्त नहीं होगा, तब तक यह दुर्भिक्ष शांत नहीं होगा. दुर्भिक्ष की शांति उसे मारने से ही संभव है.

लेकिन राजा का हृदय एक नरपराध शूद्र तपस्वी का शमन करने को तैयार नहीं हुआ. उन्होंने कहा: हे देव मैं उस निरपराध को मार दू, यह बात मेरा मन स्वीकार नहीं कर रहा है. कृपा करके आप कोई और उपाय बताए. महर्षि अंगिरा ने बताया: आषाढ़ माह के शुक्लपक्ष की एकादशी का व्रत करें. इस व्रत के प्रभाव से अवश्य ही वर्षा होगी. राजा अपने राज्य की राजधानी लौट आए और चारों वर्णों सहित पद्मा एकादशी का विधिपूर्वक व्रत किया. व्रत के प्रभाव से उनके राज्य में मूसलधार वर्षा हुई और पूरा राज्य धन-धान्य से परिपूर्ण हो गया.

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Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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