1. निर्जला उपवास
इस उपवास में व्यक्ति पूरे दिन और रात कुछ भी नहीं खाता और एक बूंद पानी तक नहीं पीता. यह उपवास शरीर और मन दोनों के लिए सबसे कठिन माना जाता है. गर्मी के मौसम में इसे निभाना और भी चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि तब शरीर को अधिक पानी की ज़रूरत होती है.
यह उपवास अपेक्षाकृत आसान होता है. इसमें व्यक्ति दिन भर फल, सूखे मेवे, दूध, चाय, कॉफी या जूस का सेवन कर सकता है. हालांकि, नमक का प्रयोग नहीं किया जाता. कुछ लोग सेंधा नमक का उपयोग करते हैं, लेकिन सामान्य नमक से परहेज किया जाता है.
फलाहार उपवास में शरीर को थोड़ी ऊर्जा मिलती रहती है, इसलिए यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो अधिक समय तक भूखे नहीं रह सकते लेकिन उपवास की भावना को बनाए रखना चाहते हैं. इसे सोमवार, गुरुवार या एकादशी जैसे व्रतों में प्रायः अपनाया जाता है.

3. आंशिक उपवास
इसमें व्यक्ति दिन में केवल एक बार भोजन करता है. भोजन में प्याज, लहसुन, मांस या अन्य भारी चीजें नहीं होतीं. कुछ लोग फल, दूध या हल्का खाना जैसे साबूदाना, समा के चावल आदि लेते हैं. इस उपवास का पालन व्यक्ति अपने समय और सुविधा के अनुसार करता है.
आंशिक उपवास का मुख्य उद्देश्य शरीर को पूरा भूखा न रखकर भी मन और इंद्रियों को नियंत्रण में रखना होता है. यह उपवास धार्मिक दिनों जैसे एकादशी, प्रदोष या नवरात्रि में अधिक प्रचलित है. कई बार यह नियम लंबे समय तक चलता है, जैसे किसी विशेष साधना के दौरान.



