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Most Premature Baby To Survive : अमेरिका 21 हफ्ते में जन्मे नैश ने बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड.


Agency:एजेंसियां

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Guinness World Records: अमेरिका के आयोवा सिटी में 21 हफ्ते की गर्भावस्था में जन्मे नैश ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे प्रीमैच्योर बच्चे का खिताब जीता. नैश अब एक साल का है और उसकी कहानी संघर्ष और प्यार की मिसा…और पढ़ें

पैदा होते ही गिनीज बुक में लिख गया इस बच्चे का नाम, डॉक्टर भी हो गए थे हैरानअपने माता-पिता के साथ नैश.

हाइलाइट्स

  • नैश ने 21 हफ्ते में जन्म लेकर गिनीज रिकॉर्ड बनाया
  • नैश अब एक साल का है और स्वस्थ है
  • नैश को सांस और खाने के लिए मदद की जरूरत पड़ती है
वाशिंगटन: गिनीज बुक में रिकॉर्ड बनाने के लिए लोग अजीबोगरीब काम करते रहते हैं. लेकिन एक बच्चा ऐसा है जिसका नाम पैदा होते ही गिनीज बुक में लिख गया. अमेरिका के आयोवा सिटी में बीते साल 21 हफ्ते की गर्भावस्था में जन्मे नन्हे नैश की जिंदगी किसी चमत्कार से कम नहीं है. सिर्फ 283 ग्राम में जन्मा यह बच्चा अब एक साल का हो गया है और उसके साथ ही उसे मिला है गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड. दुनिया के सबसे प्रीमैच्योर यानी समय से पहले जन्मे बच्चे का खिताब नैश के नाम है. 5 जुलाई 2024 को जन्मे नैश की कहानी सिर्फ मेडिकल विज्ञान की नहीं, एक मां-बाप के विश्वास, संघर्ष और प्यार की भी कहानी है.

जन्म के बाद उसे 6 महीने तक यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा हेल्थ के नियोनेटल ICU में रखा गया. जनवरी 2025 में जब वो अपने मां-बाप मोल्ली और रैंडल के साथ घर लौटा, तो उसके चेहरे पर वही मुस्कान थी जो आज भी कायम है. मोल्ली कहती हैं कि नैश बहुत खुशमिजाज है. NICU में इतना समय बिताने के बाद भी वो कमजोर नहीं है, बल्कि जिज्ञासु, मजबूत और लगातार मुस्कुराने वाला बच्चा है. मोल्ली और रैंडल पहले भी एक गर्भपात का दर्द झेल चुके थे. तब पता चला था कि मोल्ली की एक मेडिकल कंडीशन है, जिससे उनके लिए पूरे 9 महीने तक गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है.

अपने माता-पिता के साथ नैश. (AP)

डॉक्टरों ने दे दी थी चेतावनी

जब मोल्ली अपनी प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते में डॉक्टर के पास जांच कराने गईं, तो यह पता चला कि उनकी सर्विक्स (गर्भाशय का निचला हिस्सा) पहले से ही 2 सेंटीमीटर तक खुल चुकी थी. आम तौर पर ऐसा डिलीवरी से पहले होता है. कपल पर इसके बाद डर हावी होने लगा, लेकिन यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा का एक मेडिकल दल 21वें हफ्ते में जन्म लेने वाले बच्चों को भी जीवन देने की कोशिश करता है. यह जानकर उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी. नैश के जन्म के वक्त ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर मलींडा शेफर ने कहा, ‘यह मेडिकल साइंस की नई सीमा है.’

अपने जन्म के बाद नैश ICU में रहा.

अभी कैसा है बच्चा?

डॉक्टर मलींडा शेफर ने पहले ही साफ कर दिया था कि नैश के जीवित रहने की संभावना बहुत कम है और अगर वह जिंदा रहा भी, तो कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. लेकिन मोल्ली ने हार नहीं मानी. लेबर को कुछ दिन रोका गया ताकि नैश ठीक 21वें हफ्ते में जन्म ले सके. फिर शुरू हुआ छह महीने लंबा संघर्ष. हर दिन एक नई चुनौती, हर दिन एक नई उम्मीद. आज नैश घर पर है. उसे सांस लेने के लिए ऑक्सीजन और खाने के लिए फीडिंग ट्यूब की जरूरत है. दिल में एक छोटा-सा दोष भी है जो डॉक्टरों को उम्मीद है कि समय के साथ ठीक हो जाएगा. वह अभी रेंगना नहीं सीख पाया है, लेकिन करवट लेना, खुद को खड़ा करना और अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश करना ये सारी चीजें वो कर रहा है.

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Yogendra Mishra

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें

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