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America-Pakistan Relations: डोनाल्ड ट्रंप ने फिर की शरीफ-मुनीर की तारीफ, आखिर यूएस प्रेसिडेंट आतंकिस्तान पर इतना मेहरबान क्यों?


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America-Pakistan Relations: डोनाल्ड ट्रंप ने शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की एक बार फिर प्रशंसा की है. गाजा युद्ध शांति योजना में पाकिस्तान समेत अरब नेताओं के सहयोग को सराहा है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ट्रंप पाकिस्तान पर इतन मेहरबान क्यों हैं?

ट्रंप ने फिर की शरीफ-मुनीर की तारीफ, आखिर US आतंकिस्तान पर इतना मेहरबान क्यों?अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर पाकिस्तानी नेतृत्व की तारीफ की है.
America-Pakistan Relations: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और वहां के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की प्रशंसा की है. सोमवार को गाजा में इजरायल-हमास युद्ध समाप्त करने के लिए प्रस्तावित 20 सूत्रीय शांति योजना की घोषणा करते हुए ट्रंप ने पाकिस्तान यानी आतंकिस्तान के नेताओं की चर्चा की. ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तानी नेता योजना के शुरुआत से ही उनके साथ खड़े रहे हैं और इसे 100 प्रतिशत समर्थन दे चुके हैं. यह बयान व्हाइट हाउस की प्रेस ब्रीफिंग में आया, जहां ट्रंप ने शांति योजना का खुलासा किया. ट्रंप ने ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल योजना की शुरुआत से ही हमारे साथ थे. वे दोनों शानदार व्यक्ति हैं. उन्होंने अभी-अभी एक बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने इस समझौते पर पूर्ण विश्वास जताया है.
ट्रंप ने आगे जोड़ा- जब मैं आ रहा था, तो अधिकारियों ने कहा, ‘सर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल से एक बड़ा संदेश आया है कि वे इसे 100 प्रतिशत समर्थन देते हैं. शांति योजना का विवरण देते हुए ट्रंप ने कहा कि यदि इजरायल और हमास दोनों सहमत होते हैं, तो युद्ध तत्काल समाप्त हो जाएगा. योजना में बंधकों और कैदियों की रिहाई, हमास का विमुद्रीकरण और इजरायली सेनाओं की वापसी शामिल है. हमास को इजरायली बंधकों (जीवित या मृत) को 72 घंटों के भीतर रिहा करना होगा. इसके बदले इजरायल 250 फिलिस्तीनी कैदियों (जिन्हें उम्रकैद की सजा है) और 7 अक्टूबर 2023 के संघर्ष शुरू होने के बाद गिरफ्तार 1,700 गाजावासियों को रिहा करेगा. बंधकों की रिहाई के बाद इजरायली सैन्य अभियान निलंबित हो जाएंगे और युद्ध लाइनें स्थिर रहेंगी.

यह योजना न्यू गाजा के पुनर्विकास पर भी जोर देती है, जिसमें क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. ट्रंप ने कई अरब और मुस्लिम देशों के नेताओं की भी सराहना की, जिनमें सऊदी अरब, कतर, यूएई, जॉर्डन के राजा, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति शामिल हैं. उन्होंने कहा कि मैं इन अरब और मुस्लिम राष्ट्रों के नेताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस प्रस्ताव को विकसित करने में सहयोग दिया. संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के साइडलाइन्स पर हुई बहुपक्षीय बैठक में पाकिस्तान भी शामिल था, जहां ट्रंप ने मुस्लिम देशों के नेताओं के साथ योजना पर चर्चा की थी.

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री शरीफ ने एक्स पर योजना का स्वागत किया और कहा- फलस्तीनियों और इजरायलियों के बीच स्थायी शांति क्षेत्रीय राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है. उन्होंने ट्रंप की नेतृत्व क्षमता और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ की भूमिका की सराहना की. ट्रंप-शरीफ-मुनिर की नजदीकी हालिया घटनाओं से मजबूत हुई है. 25 सितंबर को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पहुंचे थे. उनकी यात्रा से पहले ट्रंप ने कहा था- हमारे पास एक महान नेता आ रहे हैं- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल. दोनों ही महान व्यक्ति हैं. बैठक में द्विपक्षीय संबंध, व्यापार, क्षेत्रीय सुरक्षा और ग्लोबल चुनौतियों पर चर्चा हुई थी. पाकिस्तान ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था, जब उन्होंने मई में भारत-पाकिस्तान संघर्ष में युद्ध विराम कराने की बात कही थी. लेकिन, भारत साफ तौर पर खारिज कर चुका कि ऑपरेशन सिंदूर को रुकवाने में ट्रंप की कोई भूमिका थी. जून में मुनीर की व्हाइट हाउस यात्रा के बाद संबंधों में और गर्माहट आई है.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स…और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स… और पढ़ें

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