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मैं खाली हाथ तो घर नहीं जा रहा… नहीं बदलेगा मेरा फैसला.. U- Turn से खिलाड़ी का इनकार


नई दिल्ली. भारत के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने संन्यास की घोषणा की है. श्रीजेश अब इंटरनेशनल हॉकी में दिखाई नहीं देंगे. 36 साल के श्रीजेश ने कहा कि उनके लिए हॉकी से विदा होने का यह सही समय है. श्रीजेश ने कहा कि वह अपने इस फैसले को नहीं बदलेंगे. भारत ने स्पेन को हराकर पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता. टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. 52 साल पहले भारत ने हॉकी में लगातार दो कांस्य पदक जीते थे.

पीआर श्रीजेश (PR Sreejesh) ने स्पेन को कांस्य पदक के मुकाबले में 2-1 से हराने के बाद कहा ,‘मुझे लगता है कि ओलंपिक खेलों से विदा लेने का यह सही तरीका है, एक पदक के साथ. हम खाली हाथ घर नहीं जा रहे जो बड़ी बात है. मैं लोगों की भावनाओं का सम्मान करता हूं लेकिन कुछ फैसले कठिन होते हैं. सही समय पर फैसला लेने से हालात खूबसूरत हो जाते हैं. इसलिए मेरा फैसला नहीं बदलेगा.’

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हॉकी में भारत का ओलंपिक में यह 13वां मेडल है
भारतीय हॉकी टीम का ओलंपिक में ओवरऑल यह 13वां मेडल है. भारत ने ओलंपिक में हॉकी में 8 गोल्ड, एक सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल अभी तक जीते हैं. पिछले दो ओलंपिक से लगातार मेडल जीतकर हॉकी टीम ने सुनहरे दिनों की याद दिला दी है जब हॉकी में भारत का दबदबा हुआ करता था.

टोक्यो मेडल की मेरे दिल में खास जगह है
बकौल पीआर श्रीजेश ,‘टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है और इस मैच को इतना यादगार बना दिया.’ टोक्यो में 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे श्रीजेश ने कहा ,‘टोक्यो में मिले पदक की मेरे दिल में खास जगह है. इससे हमें आत्मविश्वास मिला कि हम ओलंपिक में पदक जीत सकते हैं.’

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