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Period Pain Tips : पीरियड्स के दर्द से अब और आंसू नहीं…! बस इस चीज के साथ गुड़ का एक टुकड़ा खाएं , जल्द मिलेगा आराम!


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Period Pain Tips : हर महीने पीरियड्स महिलाओं के लिए एक आम लेकिन दर्दनाक समस्या है. इससे पेट में तेज दर्द, पीठ में दर्द, थकान, चिड़चिड़ापन और कभी-कभी उल्टी जैसा महसूस भी हो सकता है. कई महिलाएं इस दर्द को मजबूरी मानती हैं, वहीं आयुर्वेद इसका इलाज जड़ से करने का तरीका बताता है.

पीरियड्स के दर्द से अब और आंसू नहीं...! बस इस चीज के साथ खाए गुड़ का एक टुकड़ाPeriod Pain Tips
আয়ুর্বেদ বিশেষজ্ঞ ডাঃ রাজকুমার বলেন যে আয়ুর্বেদ অনুসারে, মাসিকের ব্যথা মূলত বাত দোষের ভারসাম্যহীনতার কারণে হয়। বাত দোষ শরীরের নড়াচড়া এবং প্রবাহ নিয়ন্ত্রণ করে। যখন বাত ভারসাম্যহীন হয়, তখন জরায়ুর পেশীগুলির সংকোচন বৃদ্ধি পায়, যার ফলে তীব্র ব্যথা হয়। ঠান্ডা খাবার, অনিয়মিত রুটিন, অতিরিক্ত মানসিক চাপ, ঘুমের অভাব এবং অতিরিক্ত ক্যাফেইন গ্রহণ বাত দোষকে আরও বাড়িয়ে তোলে। এই কারণেই আজকের জীবনযাত্রায় পিরিয়ড ক্র্যাম্প বেশি দেখা যায়।
हर महीने पीरियड्स महिलाओं के लिए एक आम लेकिन दर्दनाक समस्या है. इससे पेट में तेज दर्द, पीठ में दर्द, थकान, चिड़चिड़ापन और कभी-कभी उल्टी जैसा महसूस भी हो सकता है. कई महिलाएं इस दर्द को मजबूरी मानती हैं, वहीं आयुर्वेद इसका इलाज जड़ से करने का तरीका बताता है. आयुर्वेद सिर्फ दर्द को कम नहीं करता बल्कि शरीर में असंतुलन को ठीक करके पीरियड्स को कंट्रोल और स्मूद भी करता है. आयुर्वेद के अनुसार, मासिक धर्म का दर्द ज्यादातर वात दोष के असंतुलन की वजह से होता है. वात दोष शरीर की हलचल और प्रवाह को कंट्रोल करता है. जब वात असंतुलित हो जाता है, तो गर्भाशय की मांसपेशियों में सिकुड़न बढ़ जाती है, जिससे तेज दर्द होता है. ठंडी चीजें खाना, अनियमित दिनचर्या, ज्यादा मानसिक तनाव, नींद की कमी और ज्यादा कैफीन लेना वात दोष को और बढ़ा देता है. इसी वजह से आजकल की लाइफस्टाइल में पीरियड्स के दर्द ज्यादा देखने को मिलते हैं.
আয়ুর্বেদে মাসিকের ব্যথার জন্য জোয়ান এবং গুড় খাওয়া অত্যন্ত কার্যকর বলে মনে করা হয়। জোয়ান বাত এবং কফের ভারসাম্য বজায় রাখে, অন্যদিকে গুড় শরীরকে উষ্ণ করে এবং রক্ত প্রবাহ উন্নত করে। ঋতুস্রাবের এক বা দুই দিন আগে আধা চা চামচ জোয়ানদানা গুড়ের সঙ্গে খেলে পেটের খিঁচুনি কমে। এই প্রতিকারটি গ্যাস এবং পেট ফাঁপা থেকেও মুক্তি দেয়।
आयुर्वेद में मासिक धर्म के दर्द के लिए अजवाइन और गुड़ खाना बहुत फायदेमंद माना जाता है। अजवाइन वात और कफ को संतुलित करती है, वहीं गुड़ शरीर को गर्म रखता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है। पीरियड्स के एक या दो दिन पहले आधा चम्मच अजवाइन गुड़ के साथ खाने से पेट की ऐंठन कम होती है। यह उपाय गैस और पेट फूलने से भी राहत देता है.
ঋতুস্রাবের সময় গরম জল পান করা একটি সহজ কিন্তু কার্যকর প্রতিকার। এটি শরীরের ঠান্ডা লাগা কমাতে সাহায্য করে এবং পেশীগুলিকে শিথিল করে। তিলের তেল দিয়ে তলপেট এবং কোমরে আলতো করে ম্যাসাজ করলে ব্যথার উল্লেখযোগ্য উপশম হয়। তিলের তেল বাত দোষকে শান্ত করে এবং জরায়ুতে রক্ত সঞ্চালন উন্নত করে। রাতে ঘুমানোর আগে ম্যাসাজ করা আরও উপকারী বলে মনে করা হয়।
पीरियड्स के समय गर्म पानी पीना एक आसान और असरदार तरीका है। इससे शरीर की ठंडक कम होती है और मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं। तिल के तेल से पेट और कमर पर हल्के हाथ से मालिश करने से दर्द में काफी राहत मिलती है। तिल का तेल वात को शांत करता है और गर्भाशय में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। रात को सोने से पहले मालिश करना और भी फायदेमंद माना जाता है.
আয়ুর্বেদে, অশোকের ছাল মহিলাদের জন্য বর হিসেবে বিবেচিত হয়। অশোকের ছালের ক্বাথ পান করলে মাসিকের ব্যথা, অতিরিক্ত রক্তপাত এবং দুর্বলতা কমে। শতভরী হরমোনের ভারসাম্যে গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করে। এটি কেবল ঋতুস্রাবের ব্যথা কমায় না বরং মাসিক নিয়ন্ত্রণ এবং প্রজনন স্বাস্থ্যের উন্নতিতেও সহায়ক বলে বিবেচিত হয়। আয়ুর্বেদিক চিকিৎসকের পরামর্শে উভয়ই খাওয়া ভাল।
आयुर्वेद में अशोक की छाल को महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. अशोक की छाल का काढ़ा पीने से पीरियड्स का दर्द, ज्यादा ब्लीडिंग और कमजोरी कम होती है. शतावरी हार्मोन के संतुलन में भी अहम भूमिका निभाती है. यह न सिर्फ पीरियड्स का दर्द कम करती है बल्कि पीरियड्स को रेगुलर करने और प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर करने में भी मददगार मानी जाती है. आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से दोनों चीजें खाना अच्छा रहता है.
 পিরিয়ড ক্র্যাম্পের জন্য মৃদু যোগাসন এবং প্রাণায়াম খুবই সহায়ক। ভুজঙ্গাসন, বালাসন এবং সুপ্তবদ্ধ কোনাসনের মতো আসনগুলি তলপেটের টানটান ভাব কমায়। অনুলোম বিলোম এবং ভ্রামরী প্রাণায়াম চাপ কমায়, ফলে ব্যথার তীব্রতা কমে। নিয়মিত যোগব্যায়াম অনুশীলন শরীরকে শক্তিশালী করে এবং ধীরে ধীরে মাসিকের অস্বস্তি কমায়।
पीरियड्स के दर्द के लिए हल्के योगासन और प्राणायाम बहुत मददगार हैं. भुजंगासन, बालासन और सुप्तबद्ध कोणासन जैसे आसन पेट की खिंचाव कम करते हैं. अनुलोम विलोम और भ्रामरी प्राणायाम तनाव कम करते हैं, जिससे दर्द की तीव्रता घटती है. नियमित योगाभ्यास शरीर को मजबूत बनाता है और धीरे-धीरे मासिक की परेशानी कम करता है.

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Rajvant Prajapati

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