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Period Pain Tips : हर महीने पीरियड्स महिलाओं के लिए एक आम लेकिन दर्दनाक समस्या है. इससे पेट में तेज दर्द, पीठ में दर्द, थकान, चिड़चिड़ापन और कभी-कभी उल्टी जैसा महसूस भी हो सकता है. कई महिलाएं इस दर्द को मजबूरी मानती हैं, वहीं आयुर्वेद इसका इलाज जड़ से करने का तरीका बताता है.
Period Pain Tips
हर महीने पीरियड्स महिलाओं के लिए एक आम लेकिन दर्दनाक समस्या है. इससे पेट में तेज दर्द, पीठ में दर्द, थकान, चिड़चिड़ापन और कभी-कभी उल्टी जैसा महसूस भी हो सकता है. कई महिलाएं इस दर्द को मजबूरी मानती हैं, वहीं आयुर्वेद इसका इलाज जड़ से करने का तरीका बताता है. आयुर्वेद सिर्फ दर्द को कम नहीं करता बल्कि शरीर में असंतुलन को ठीक करके पीरियड्स को कंट्रोल और स्मूद भी करता है. आयुर्वेद के अनुसार, मासिक धर्म का दर्द ज्यादातर वात दोष के असंतुलन की वजह से होता है. वात दोष शरीर की हलचल और प्रवाह को कंट्रोल करता है. जब वात असंतुलित हो जाता है, तो गर्भाशय की मांसपेशियों में सिकुड़न बढ़ जाती है, जिससे तेज दर्द होता है. ठंडी चीजें खाना, अनियमित दिनचर्या, ज्यादा मानसिक तनाव, नींद की कमी और ज्यादा कैफीन लेना वात दोष को और बढ़ा देता है. इसी वजह से आजकल की लाइफस्टाइल में पीरियड्स के दर्द ज्यादा देखने को मिलते हैं.

आयुर्वेद में मासिक धर्म के दर्द के लिए अजवाइन और गुड़ खाना बहुत फायदेमंद माना जाता है। अजवाइन वात और कफ को संतुलित करती है, वहीं गुड़ शरीर को गर्म रखता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है। पीरियड्स के एक या दो दिन पहले आधा चम्मच अजवाइन गुड़ के साथ खाने से पेट की ऐंठन कम होती है। यह उपाय गैस और पेट फूलने से भी राहत देता है.

पीरियड्स के समय गर्म पानी पीना एक आसान और असरदार तरीका है। इससे शरीर की ठंडक कम होती है और मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं। तिल के तेल से पेट और कमर पर हल्के हाथ से मालिश करने से दर्द में काफी राहत मिलती है। तिल का तेल वात को शांत करता है और गर्भाशय में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। रात को सोने से पहले मालिश करना और भी फायदेमंद माना जाता है.

आयुर्वेद में अशोक की छाल को महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. अशोक की छाल का काढ़ा पीने से पीरियड्स का दर्द, ज्यादा ब्लीडिंग और कमजोरी कम होती है. शतावरी हार्मोन के संतुलन में भी अहम भूमिका निभाती है. यह न सिर्फ पीरियड्स का दर्द कम करती है बल्कि पीरियड्स को रेगुलर करने और प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर करने में भी मददगार मानी जाती है. आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से दोनों चीजें खाना अच्छा रहता है.

पीरियड्स के दर्द के लिए हल्के योगासन और प्राणायाम बहुत मददगार हैं. भुजंगासन, बालासन और सुप्तबद्ध कोणासन जैसे आसन पेट की खिंचाव कम करते हैं. अनुलोम विलोम और भ्रामरी प्राणायाम तनाव कम करते हैं, जिससे दर्द की तीव्रता घटती है. नियमित योगाभ्यास शरीर को मजबूत बनाता है और धीरे-धीरे मासिक की परेशानी कम करता है.
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Rajvant Prajapati
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