Why Tyre Have Spikes: जब आपकी गाड़ी के टायर पुराने और घिसे हुए हो जाते हैं, तो आपको नए टायर लगवाने पड़ते हैं. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि नए टायरों पर रबर के छोटे-छोटे कांटे या स्पाइक्स जैसी संरचनाएँ क्यों होती हैं? टायर पर इन्हें “स्पाइक”, “निब्स”, “गेट मार्क्स” या “निप्पर्स” के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं कि ये कांटे टायर पर क्यों बनते हैं और इनका क्या उद्देश्य होता है.
दरअसल, टायर पर रबर के कांटे मैन्युफैक्चरिंग के दौरान अपने आप बन जाते हैं. टायर बनाने की प्रक्रिया में तरल रबर को सांचे में डाला जाता है और फिर इसे सभी कोनों तक अच्छी तरह फैलाने के लिए हवा के दबाव का इस्तेमाल किया जाता है. इस दौरान गर्मी और प्रेशर का प्रयोग किया जाता है, जिससे रबर और सांचे के बीच हवा के बुलबुले बनने लगते है. ये बुलबुले टायर की क्वालिटी को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए प्रेशर के माध्यम से हवा को बाहर निकाला जाता है.
कैसे बनते हैं रबर के कांटे?
जब हवा का प्रेशर रबर के अंदर की हवा को छोटे-छोटे छेदों से बाहर निकालता है. इनसे थोड़ी मात्रा में रबर भी बाहर निकलता है. रबर ठंडा होकर कांटे जैसा आकार ले लेता है. टायर के सांचे से निकलने के बाद भी ये टायर से जुड़े रहते हैं. ये कांटे दिखाते हैं कि टायर नया है और इसका अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ है.
क्या टायर के कांटे हटाने चाहिए?
टायर पर इन कांटों की कोई खास जरूरत नहीं होती, और इन्हें हटाने से भी कोई विशेष लाभ नहीं होता. ये कांटे न तो गाड़ी की परफॉर्मेंस पर असर डालते हैं और न ही माइलेज पर. कुछ दिनों के इस्तेमाल के बाद ये कांटे खुद ही घिसकर गायब हो जाते हैं.
टायर के ये छोटे-छोटे कांटे केवल निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं और आपकी गाड़ी की परफाॅर्मेंस या माइलेज पर कोई असर नहीं डालते.
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FIRST PUBLISHED : October 24, 2024, 15:09 IST



