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Vastu Tips For Puja Ghar: वास्तु के हिसाब से घर का हर कोना सही और शुद्ध होना चाहिए. वहीं जहां हम पूजा घर बनाते हैं वो भी सही दिशा में होनी चाहिए. मंदिर के अंदर मूर्तियां रखते समय भी वास्तु के इन नियमों का पालन …और पढ़ें
पूजा गर वास्तु
हाइलाइट्स
- उग्र रूप वाली मूर्तियां घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए.
- टूटी हुई या खंडित मूर्तियां अशुभ मानी जाती हैं.
- एक ही भगवान की दो मूर्तियां मंदिर में नहीं रखनी चाहिए.
Vastu Tips For Puja Ghar: घर का मंदिर एक पवित्र स्थान होता है जहां हम भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर के मंदिर में कुछ प्रकार की मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए? वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसी मूर्तियां हैं जिन्हें घर के मंदिर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है और घर की सुख-समृद्धि में बाधा आ सकती है. इस बारे में ज्यादा जानकारी दे रहे हैं भोपाल के वास्तुशास्त्री रवि पाराशर.
यहां कुछ ऐसी मूर्तियों के बारे में बताया गया है जिन्हें घर के मंदिर में रखने से बचना चाहिए:
उग्र रूप वाली मूर्तियां: भगवान की उग्र रूप वाली मूर्तियां जैसे कि नटराज या भैरव, घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए. ये मूर्तियों घर में अशांति और तनाव लाती हैं.
खंडित मूर्तियां: टूटी हुई या खंडित मूर्तियां घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए. इन मूर्तियों को अशुभ माना जाता है और यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं.
एक ही भगवान की दो मूर्तियां: घर के मंदिर में एक ही भगवान की दो मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए. इसे अशुभ माना जाता है और यह घर में कलह और विवाद का कारण बन सकता है.
बहुत बड़ी मूर्तियां: घर के मंदिर में बहुत बड़ी मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर में मूर्तियां हमेशा मध्यम आकार की होनी चाहिए.
ऐसी मूर्तियां जो युद्ध या हिंसा को दर्शाती हैं: घर के मंदिर में ऐसी मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए जो युद्ध या हिंसा को दर्शाती हैं. इन मूर्तियों को नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.
घर के मंदिर में हमेशा भगवान की शांत और सौम्य रूप वाली मूर्तियां ही रखनी चाहिए. इन मूर्तियों को घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है.
घर के मंदिर को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए और नियमित रूप से पूजा-अर्चना करनी चाहिए. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सद्भाव बना रहता है.
February 03, 2025, 17:24 IST



