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Religious Tradition: भारत में काला धागा बांधना धार्मिक परंपरा, आस्था और स्वास्थ्य से जुड़ा विश्वास है. इसे बुरी नजर, नकारात्मक ऊर्जा और ग्रह दोषों से बचाव के लिए बांधा जाता है.
परंपरा और टोटका दोनों
मिथिलांचल में इसे मानने वालों की संख्या भी बेहद अधिक है. अधिकतर लोग इसे पहनने का मुख्य उद्देश्य बुरी नजर, नकारात्मक ऊर्जा और ग्रह दोषों से सुरक्षा को मानते हैं. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि काले धागे से क्या होता है, क्यों बांधते हैं और क्या है इसके पीछे का रहस्य.
बुरी नजर से बचने में मदद
बुरी नजर से बचाने के लिए काले धागे का उपयोग खासतौर पर बच्चों और नवजात शिशुओं में आम है. इसे विशेष रूप से मंत्रोच्चार और भगवान के नाम के साथ पवित्र कर बांधा जाता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता और बढ़ जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह धागा शनि, राहु और केतु जैसे नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को भी शांत करता है.
परंपरा को श्रद्धा और विश्वास के साथ निभाते
आज भी कई लोग जीवन में सुरक्षा, शांति और सौभाग्य के लिए इस परंपरा को श्रद्धा और विश्वास के साथ निभाते हैं. यह धार्मिक आस्था को भी बतलाता है. काले धागे की यह साधारण सी डोर, असल में व्यक्ति के जीवन को नकारात्मकता से जोड़ने वाली गुत्थियों को सुलझाने का एक सकारात्मक उपाय बन चुकी है.
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले…और पढ़ें
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



