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Armenia Azerbaijan Peace Deal: Donald Trump brokered peace agreement | South Caucasus Nikol Pashinyan Armenia Ilham Aliyev Azerbaijan- डोनाल्ड ट्रंप ने आर्मेनिया अजरबैजान की दुश्मनी खत्म कराते हुए शांति समझौता करवाया


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Armenia Azerbaijan Peace Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन में आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता करवाया, जिससे अमेरिका को आर्मेनिया में नया ट्रांजिट कॉरिडोर बनाने का अधिकार मिल…और पढ़ें

पुतिन से मुलाकात से पहले ट्रंप ने दिया झटका, दो दुश्मनों को बनाया दोस्तट्रंप ने आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच शांति कराई है.
Armenia Azerbaijan Peace Deal: वॉशिंगटन में शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आर्मेनिया और अजरबैजान के नेताओं को एक मंच पर लाकर ऐतिहासिक शांति समझौता करवाया. एक ऐसी चीज जिसे आजकर नामुमकिन मानकर चला जा रहा था. इस समझौते से 35 साल पुरानी जंग खत्म हो गई है. इस समझौते से दक्षिण कॉकसस में दशकों से चले आ रहे तनाव को कम करने की उम्मीद जताई जा रही है. लेकिन इस डील का सबसे चर्चित पहलू यह है कि अमेरिका को आर्मेनिया की जमीन से होकर एक नया ट्रांजिट कॉरिडोर विकसित करने का विशेष और दीर्घकालिक अधिकार मिल गया है. यह कॉरिडोर ट्रंप के नाम पर रखा जाएगा. इसका नाम TRIPP ट्रंप रूट फॉर इंटरनेशनल पीस एंड प्रोसपेरिटी होगा. यह डील रूस के लिए झटका है, क्योंकि इससे उसका प्रभाव कम होगा. पुतिन और ट्रंप की 15 अगस्त को होने वाली मुलाकात से पहले यह एक बड़े झटके की तरह है.

आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने व्हाइट हाउस में ट्रम्प के साथ मिलकर इस समझौते को अंतिम रूप दिया. ‘ट्रम्प रूट’ आर्मेनिया के रास्ते अजरबैजान को उसके नखचिवान क्षेत्र से जोड़ेगा. इस 43 किलोमीटर के रास्ते में रेल, तेल-गैस पाइपलाइन और फाइबर ऑप्टिक लाइनें होंगी. अमेरिका को इस रास्ते को बनाने का विशेष अधिकार मिलेगा, और इसे प्राइवेट कंपनियां डेवलप करेंगी. ट्रंप ने गर्व से कहा, ‘कई नेताओं ने कोशिश की, मगर शांति सिर्फ हम ला सके.’ इस डील के बाद आर्मेनिया और अजरबैजान के नेताओं ने ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग की है.

ग्लोबल शांतिदूत बनना चाहते हैं ट्रंप

यह रास्ता आर्मेनिया की जमीन पर बनेगा, लेकिन अमेरिका इसे लीज पर लेकर बनाएगा. ट्रम्प ने मजाक में कहा, ‘मैंने इसका नाम अपने लिए नहीं मांगा, ये तो सम्मान है!’ ट्रंप ने इसे ‘शांति के लिए बड़ी जीत’ बताया और दावा किया कि वर्षों से अटके मुद्दे को अब हल कर लिया गया है. यह डील ट्रंप के लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि यह उनके ‘ग्लोबल शांतिदूत’ की छवि को और चमकाएगी. हाल ही में ट्रंप ने कंबोडिया और थाईलैंड के बीच भी सीजफायर करवाया था. कथित तौर पर उन्होंने धमकी दी थी कि अगर युद्ध नहीं रुका तो वह दोनों देशों से ट्रेड रोक देंगे.

अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच लंबे समय से लड़ाई रही है.

रूस को कैसे लगा झटका?

रूस को इस समझौते से झटका लगा है. दरअसल दोनों देश सोवियत संघ से अलग हुए थे, इसलिए इनके ऊपर रूस का प्रभाव था. डील के कारण दोनों देशों ने 1992 में बने मिन्स्क ग्रुप को भंग करने की मांग का समर्थन किया, जो रूस, फ्रांस और अमेरिका की अगुवाई में दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करता था. रूस यूक्रेन युद्ध में उलझा है, इसलिए उसका इस इलाके में दबदबा कम हुआ है. ट्रंप ने इसका फायदा उठाया और अमेरिका को इस क्षेत्र में नया लीडर बना दिया.

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Yogendra Mishra

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें

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पुतिन से मुलाकात से पहले ट्रंप ने दिया झटका, दो दुश्मनों को बनाया दोस्त



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