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Trump Tariffs: एक अमेरिकी अखबार ने खुलासा किया है कि कैसे ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ को हथियार बनाया. कई देशों पर डिफेंस, एनर्जी और जियोपॉलिटिकल फैसलों के लिए दबाव डाला गया. भारत ने झुकने से मना कर दिया.
‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट: कैसे ट्रंप ने टैरिफ को बना दिया नेशनल सिक्योरिटी टूल (फाइल फोटो)नई दिल्ली/वाशिंगटन: ट्रंप प्रशासन की टैरिफ पॉलिसी को लेकर सामने आए सरकारी दस्तावेज भारत समेत कई देशों के लिए चेतावनी हैं. ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप ने आयात शुल्क को सिर्फ व्यापार घाटा कम करने के लिए नहीं, बल्कि रणनीतिक दबाव के हथियार की तरह इस्तेमाल किया. इसमें सैन्य तैनाती, रक्षा खरीद और यहां तक कि निजी कंपनियों के हितों को साधने जैसी शर्तें भी जोड़ी गईं. दस्तावेज बताते हैं कि ट्रंप प्रशासन ने कई देशों से ऐसे फैसले करवाने की कोशिश की जो आमतौर पर व्यापार समझौतों का हिस्सा नहीं होते.
उदाहरण के तौर पर, दक्षिण कोरिया से कहा गया कि वह अमेरिकी सैनिकों की तैनाती में बदलाव का समर्थन करे. साथ ही चीन को रोकने के लिए रक्षा खर्च बढ़ाए और अमेरिकी सैन्य हार्डवेयर खरीदे. यही नहीं, इजरायल पर दबाव था कि वह हाइफा पोर्ट से चीनी कंपनी का नियंत्रण हटाए.
भारत को कैसे ट्रंप ने बनाया निशाना?
भारत को भी सीधा निशाना बनाया गया. ट्रंप ने 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया. उससे पहले कई बार धमकाया, ताकि नई दिल्ली रूस से तेल खरीदना बंद करे. अमेरिका का तर्क था कि रूस को मिलने वाला राजस्व यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देता है. यह खुलासा दिखाता है कि वॉशिंगटन अपने व्यापारिक दबाव को भू-राजनीतिक एजेंडे के साथ जोड़ रहा था.

रिपोर्ट: कैसे ट्रंप ने टैरिफ को बना दिया नेशनल सिक्योरिटी टूल (फाइल फोटो)
प्रशासन के अधिकारियों ने ताइवान, भारत और इंडोनेशिया सहित कई देशों पर अपने रक्षा खर्च को बढ़ाने या अधिक अमेरिकी सैन्य हार्डवेयर खरीदने के लिए दबाव डालने की योजना बनाई थी.
Exclusive: President Trump’s use of tariffs may have been more extensive than was publicly known.



