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GST 2.0: सरकार ने मोटर वाहन पार्ट्स (Motor Vehicle Parts) पर जीएसटी रेट को हर HS कोड के लिए यूनिफॉर्म 18 फीसदी कर दिया है. इससे गाड़ियों की मरम्मत किफायती होगी और सर्विस सेंटर का बिल भी कम होगा. नए नियम 22 सितंबर, 2025 से लागू होंगे.

अब तक गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाले कंपोनेंट्स पर दो टैक्स दरें (18% और 28%) लागू थीं. अब सबको एक ही स्लैब (18 फीसदी) में डाल दिया गया है. कंज्यूमर्स के लिए इसका मतलब है कम बिल. उदाहरण के लिए एक ब्रेक पैड सेट जो पहले 28 फीसदी जीएसटी के साथ 2,000 रुपये का पड़ता था, अब 1,850 रुपये के आसपास आ सकता है. इसी तरह बैटरी या एसी पार्ट्स पर भी बचत होगी. यह बदलाव गाड़ी मालिकों को रेगुलर मेंटेनेंस के लिए प्रोत्साहित करेगा.
अब कम लागत में रिपेयर
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम मेक इन इंडिया और घरेलू ऑटो इंडस्ट्री को बढ़ावा देगा. कंपनियों को प्रोडक्शन और इन्वेंट्री मैनेजमेंट में मदद मिलेगी और पार्ट्स की कीमतों में स्थिरता आएगी. गाड़ी मालिक अब कम लागत में रिपेयर करवा सकेंगे.
प्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत करने के बाद पिछले 8 सालों से News18Hindi में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर कार्यरत हैं. लगभग 4 सालों से बिजनेस न्यूज टीम का हिस्सा हैं. मीडिया में करीब डेढ़ दशक का अनुभव रखते हैं. बिजन…और पढ़ें
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