अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने रणनीतिक रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ये भारत के साथ गहरी और ऐतिहासिक दोस्ती को नुकसान नहीं पहुंचाएगा. रुबियो ने इसे परिपक्व और व्यावहारिक विदेश नीति का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा, भारत के साथ हमारे रिश्ते गहरे, ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण हैं. पाकिस्तान के साथ जो भी हो रहा है, वो भारत को नुकसान नहीं पहुंचाएगा.
ट्रंप की उलटी चाल
ये बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के साथ करीबी दिखा रहे हैं. आसियान शिखर में ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर को महान लोग कहा. उन्होंने पाक-अफगानिस्तान विवाद को जल्द हल करने का वादा भी किया. ट्रंप ने मई में भारत-पाकिस्तान के बीच छोटे संघर्ष के बाद “सीजफायर” कराने का दावा किया था, जो सिंदूर अभियान के जवाब में शुरू हुआ था. ये अभियान पहलगाम आतंकी हमले (पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का) के बाद चला था.
भारत का रुख
टैरिफ से बढ़ा तनाव
रुबियो ने अमेरिका-भारत रिश्तों की चुनौतियों को भी माना. ट्रंप की तरजीफों से तनाव है, जिसमें भारतीय सामान पर 50 फीसदी शुल्क लगाया गया. इसमें 25 फीसदी रूसी तेल खरीद पर अतिरिक्त. अमेरिका भारत से रूस से तेल न खरीदने को कह रहा, क्योंकि ये यूक्रेन युद्ध में मॉस्को की मदद करता. रुबियो ने कहा, हम भारत के साथ चुनौतियों से वाकिफ हैं, लेकिन साझेदारी के मौके बनाना हमारा काम है.
भारत के लिए राहत भरी खबर
ये बयान भारत के लिए राहत है, खासकर जब अमेरिका-पाकिस्तान रिश्ते मजबूत हो रहे. मई के संघर्ष के बाद ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर से मुलाकात की. अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ खनिज खनन पर सौदे साइन किए. पाक पर 19 फीसदी तरजीफ, जबकि भारत पर 50. रुबियो ने कहा, “भारत रूसी तेल विविधीकृत करने में रुचि दिखा रहा. जितना हम बेचेंगे, उतना वो दूसरे से कम खरीदेगा.



