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PM E-Drive: खरीदने वाले हैं नई इलेक्ट्रिक कार, अब नहीं मिलेगी सब्सिडी, पीएम ई-ड्राइव में टू-थ्री व्हीलर शामिल


नई दिल्ली. इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने नई सब्सिडी स्कीम पीएम ई-ड्राइव (PM E-Drive) की घोषणा कर दी है. यह स्कीम इस साल मार्च में समाप्त हुए फेम-2 (FAME II) सब्सिडी स्कीम के बाद लागू की गई है. हालांकि, इस सब्सिडी स्कीम में केवल इलेक्ट्रिक दोपहिया, तीन पहिया और इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया गया है, जबकि इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कार इस योजना से बाहर हैं. यह स्कीम मार्च 2025 तक लागू रहेगी.

पीएम ई-ड्राइव के तहत 24,80,000 इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3,16,000 तिनपहिया और 14,028 इलेक्ट्रिक बसों के लिए कुल 10,900 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है. इसे फेम स्कीम के तीसरे चरण के रूप में लागू किया जाएगा. बता दें कि फेम-2 स्कीम के तहत 16 लाख से जयदा इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी का फायदा पहुंचाया गया है.

चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता बढ़ेगी
इसके अतिरिक्त, इलेक्ट्रिक ट्रकों और हाइब्रिड एम्बुलेंसों के लिए 500-500 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जिसका उद्देश्य पहली बार महत्वपूर्ण सेवा क्षेत्रों और वाणिज्यिक वाहन खंड में ईवी को अपनाना है. ट्रकों के लिए यह योजना केवल उन्हीं लोगों को प्रोत्साहन प्रदान करेगी जिनके पास सड़क मंत्रालय द्वारा अनुमोदित वाहन स्क्रैपिंग केंद्रों से प्राप्त स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र होगा.

ई-ड्राइव योजना का उद्देश्य व्यापक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना भी होगा. चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर्स के लिए 22,100 फास्ट चार्जर, ई-बसों के लिए 1800 फास्ट चार्जर और ई-टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं.

सब्सिडी के अलावा, सरकार ने 38,000 इलेक्ट्रिक बसों के लिए 3,435 करोड़ रुपये के भुगतान सुरक्षा तंत्र कोष (पीएसएमएफ) की भी घोषणा की, जिससे बस ऑपरेटरों के लिए वित्तीय जोखिम कम हो जाएगा और सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क के विद्युतीकरण को बढ़ावा मिलेगा.

इलेक्ट्रिक कार खरीदने वालों को नहीं मिलेगी सब्सिडी
पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत प्राइवेट इलेक्ट्रिक कार खरीदने वालों को सब्सिडी से बाहर रखा गया है. यह भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टाटा मोटर्स और अन्य इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार निर्माताओं के लिए एक बड़ा झटका है.

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि इसका लक्ष्य मार्च 2026 तक दोपहिया क्षेत्र में 10% ईवी पैठ और 3-पहिया क्षेत्र में 15% ईवी पैठ हासिल करना और ईवी को अपनाने में तेजी लाना और स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक चार्जिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करना है. योजना से इलेक्ट्रिक कारों को बाहर रखने के कारण के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्राइवेट इलेक्ट्रिक कारों के लिए जीएसटी 5% के निचले स्लैब पर है.

Tags: Auto News, Electric Car, Electric Vehicles



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