नई दिल्ली. जापान की तीसरी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी निसान मोटर कॉर्प (Nissan Motor Corp) ने अपने वैश्विक ऑपरेशंस में बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है. कंपनी ने 9,000 कर्मचारियों की छंटनी और उत्पादन क्षमता में 20 फीसदी की कटौती की घोषणा की है, ताकि वह इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड व्हीकल बाजार में अपनी खोई हुई हिस्सेदारी को दोबारा हासिल कर सके. सीईओ माकोतो उचिदा भी 50 फीसदी कम सैलरी लेंगे.
सितंबर तिमाही में निसान को 9.3 अरब येन (लगभग 6 करोड़ डॉलर) का घाटा हुआ है, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी को 190.7 अरब येन का मुनाफा हुआ था. कंपनी ने बताया कि यह पुनर्गठन कदम पहली छमाही में 94% की आय गिरावट के बाद उठाए गए हैं.
इस कंपनी में कम करेगी हिस्सेदारी
निसान ने हाल के महीनों में 448.3 बिलियन यूरो (लगभग $2.9 बिलियन) नकदी का खर्च किया है और अब मित्सुबिशी मोटर्स कॉर्प में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है. कंपनी की परिचालन आय उसके पूर्वानुमान से 70% कम रही है, जबकि राजस्व आउटलुक में भी 9% से अधिक की कटौती की गई है.
क्यों बढ़ी कंपनी की परेशानी
निसान के अध्यक्ष और सीईओ मकोतो उचिदा ने बताया कि इन बदलावों का उद्देश्य कंपनी को अधिक लचीला और बाजार में तेजी से बदलते रुझानों के प्रति उत्तरदायी बनाना है. उन्होंने कहा कि बाहरी चुनौतियों के साथ-साथ कंपनी अपने आंतरिक मुद्दों से भी जूझ रही है, जिसमें चीन में स्थानीय कंपनियों की बढ़ती पकड़ और अत्यधिक महत्वाकांक्षी बिक्री लक्ष्य शामिल हैं.
चीन में बीवाईडी (BYD) जैसी कंपनियों ने इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में तेजी का लाभ उठाया है, वहीं अमेरिका में हाइब्रिड वाहनों (Hybrid Vehicles) की लोकप्रियता बढ़ रही है. इन बदलावों के तहत, निसान चीन में अपने ईवी लाइनअप में निवेश बढ़ाएगी और अमेरिका में हाइब्रिड वाहनों का विस्तार करेगी. साथ ही, कंपनी ने होंडा के साथ अपनी साझेदारी का लाभ उठाकर उत्पादन को और अधिक कुशल बनाने और लागत में कटौती करने का भी निर्णय लिया है.
इन बड़े बदलावों के जरिए निसान का उद्देश्य वैश्विक ऑटोमोटिव बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनना है. हालांकि, उचिदा ने माना कि भविष्य की राह आसान नहीं है क्योंकि ऑटो उद्योग तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा है.
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FIRST PUBLISHED : November 9, 2024, 19:47 IST



